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दिवालीः चाइनीज को बोल रहे बाय, देसी ही दिल को भाए - गुस्से

दिवाली के लिए इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक बाजार सज गया है. दुकानों पर सजावट के विभिन्न प्रकार के आइटम मिल रहे हैं. दुकानदारों के अनुसार, इस बार ग्राहक दिवाली पर अपने घरों को सजाने के लिए देसी झालर की मांग कर रहे हैं.

स्पेशल रिपोर्ट.
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Published : Nov 12, 2020, 8:43 PM IST

लखनऊ: चीन को लेकर देश के लोगों के गुस्से का असर अब राजधानी लखनऊ के बाजारों में देखने को मिल रहा है. इस बार राजधानी के बाजारों में देशी झालरों और अलग-अलग तरह की लाइटों की मांग है. पहले बाजारों में चाइनीज झालरों और सजावटी सामानों की सबसे ज्यादा मांग रहती थी.

स्पेशल रिपोर्ट.

देसी झालरों का करेंगे इस्तेमाल
ग्राहकों का कहना है कि इस बार वे देसी झालरों से घरों को सजाकर दिवाली मनाएंगे. क्योंकि ये झालरें टिकाऊ होती हैं. साथ ही इनकी मरम्मत भी आसानी से हो जाती है.

रंग ला रही आत्मनिर्भर भारत बनने की अपील
प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील भी रंग ला रही है. इसके चलते लोगों की सोच में बदलाव आया है. इस बार देसी लाइटों के साथ-साथ देसी दीयों की मांग भी बढ़ोतरी हुई है.

देसी झालरों की बढ़ी चमक
चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के चलते इस बार देसी झालरों की चमक बढ़ गई है. बाजार में इस बार 90 फीसदी लाइट देसी हैं. केवल 10 फीसदी लाइट चाइना की हैं. जबकि, हर बार ऐसा नहीं होता था. बाजार सस्ती और आकर्षक चाइनीज झालरों से अटे होते थे.

महंगे का गम नहीं
भारत में बनी हुई झालर चाइना की झालरों से तकरीबन 5 से 7 गुना तक महंगी हैं, लेकिन इस बार लोगों को देसी झालरें ही पसंद आ रही है. क्योंकि यह चीन की झालरों की अपेक्षा ज्यादा टिकाऊ हैं.

राजधानी के नाका बाजार में देसी झालर 80 से लेकर 150 रुपये तक बिक रही हैं. जबकि चाइनीज झालरों का दाम 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है. इस बार कई तरह के देश में बनी हुई हैंडीक्राफ्ट लाइटों की भी मांग है. ये बाजार में 60 रुपये से लेकर 500 रुपये तक बिक रही हैं.

चीन के सामान की नहीं है कोई गारंटी
झालर खरीदने आई महिला अनीता का कहना है कि इस बार वे देसी झालरों से घर को सजाएंगी. क्योंकि इन झालरों की मरम्मत आसानी से हो जाती है. चीन में बनी हुई झालरों की कोई गारंटी नहीं होती है.

ग्राहक आशीष का कहना है कि वे इस बार देसी झालर ही खरीद रहे हैं. यह झालर महंगी जरूर हैं, लेकिन देश की तरक्की के लिए जरूरी भी हैं. क्योंकि इससे हमारा पैसा देश में ही रहेगा.

देसी झालरों की मांग से खुश है दुकानदार
दुकानदार जसप्रीत सिंह बताते हैं कि इस बार ग्राहक देसी झालर ही ज्यादा मांग रहे हैं. चाइना की झालर को तो वह देखना भी नहीं चाहते. लोगों की सोच में यह बदलाव देखने को मिला है.

दुकानदार कमलजीत सिंह ने बताया कि इस बार देश में बनी हुई कई तरह की झालर और लाइटें बाजार में हैं. ये लोगों को खूब आकर्षित कर रही हैं. ग्राहक इसकी मांग भी कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- दिवाली पर सुरक्षा के लिए तैयार, स्वास्थ्य और फायर विभाग

लखनऊ: चीन को लेकर देश के लोगों के गुस्से का असर अब राजधानी लखनऊ के बाजारों में देखने को मिल रहा है. इस बार राजधानी के बाजारों में देशी झालरों और अलग-अलग तरह की लाइटों की मांग है. पहले बाजारों में चाइनीज झालरों और सजावटी सामानों की सबसे ज्यादा मांग रहती थी.

स्पेशल रिपोर्ट.

देसी झालरों का करेंगे इस्तेमाल
ग्राहकों का कहना है कि इस बार वे देसी झालरों से घरों को सजाकर दिवाली मनाएंगे. क्योंकि ये झालरें टिकाऊ होती हैं. साथ ही इनकी मरम्मत भी आसानी से हो जाती है.

रंग ला रही आत्मनिर्भर भारत बनने की अपील
प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत बनाने की अपील भी रंग ला रही है. इसके चलते लोगों की सोच में बदलाव आया है. इस बार देसी लाइटों के साथ-साथ देसी दीयों की मांग भी बढ़ोतरी हुई है.

देसी झालरों की बढ़ी चमक
चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के चलते इस बार देसी झालरों की चमक बढ़ गई है. बाजार में इस बार 90 फीसदी लाइट देसी हैं. केवल 10 फीसदी लाइट चाइना की हैं. जबकि, हर बार ऐसा नहीं होता था. बाजार सस्ती और आकर्षक चाइनीज झालरों से अटे होते थे.

महंगे का गम नहीं
भारत में बनी हुई झालर चाइना की झालरों से तकरीबन 5 से 7 गुना तक महंगी हैं, लेकिन इस बार लोगों को देसी झालरें ही पसंद आ रही है. क्योंकि यह चीन की झालरों की अपेक्षा ज्यादा टिकाऊ हैं.

राजधानी के नाका बाजार में देसी झालर 80 से लेकर 150 रुपये तक बिक रही हैं. जबकि चाइनीज झालरों का दाम 20 रुपये से लेकर 100 रुपये तक है. इस बार कई तरह के देश में बनी हुई हैंडीक्राफ्ट लाइटों की भी मांग है. ये बाजार में 60 रुपये से लेकर 500 रुपये तक बिक रही हैं.

चीन के सामान की नहीं है कोई गारंटी
झालर खरीदने आई महिला अनीता का कहना है कि इस बार वे देसी झालरों से घर को सजाएंगी. क्योंकि इन झालरों की मरम्मत आसानी से हो जाती है. चीन में बनी हुई झालरों की कोई गारंटी नहीं होती है.

ग्राहक आशीष का कहना है कि वे इस बार देसी झालर ही खरीद रहे हैं. यह झालर महंगी जरूर हैं, लेकिन देश की तरक्की के लिए जरूरी भी हैं. क्योंकि इससे हमारा पैसा देश में ही रहेगा.

देसी झालरों की मांग से खुश है दुकानदार
दुकानदार जसप्रीत सिंह बताते हैं कि इस बार ग्राहक देसी झालर ही ज्यादा मांग रहे हैं. चाइना की झालर को तो वह देखना भी नहीं चाहते. लोगों की सोच में यह बदलाव देखने को मिला है.

दुकानदार कमलजीत सिंह ने बताया कि इस बार देश में बनी हुई कई तरह की झालर और लाइटें बाजार में हैं. ये लोगों को खूब आकर्षित कर रही हैं. ग्राहक इसकी मांग भी कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- दिवाली पर सुरक्षा के लिए तैयार, स्वास्थ्य और फायर विभाग

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