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बिजली मीटर खरीद में सीबीआई जांच की मांग, ऊर्जा मंत्री ने लिया एक्शन - ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा

बिजली मीटर खरीद में हो रही कालाबाजारी के खिलाफ विद्युत उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के पास पहुंचा गया है. परिषद ने मीटर खरीद में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाया है, जिसको लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं ऊर्जा मंत्री ने भी इस मामले में कड़ा एक्शन लिया है.

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा
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Published : Nov 2, 2020, 9:06 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 11:01 PM IST

लखनऊः पांच साल में 2500 करोड़ रुपये के मीटर खरीद के मामले को लेकर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्री के पास पहुंचा है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के उपभोक्ताओं के घर में लगने वाले मीटर में कभी भार जंपिंग, कभी रीडिंग जंपिंग तो कभी घटिया क्वालिटी, यह सब आम बात हो गई है.

जब भी कार्रवाई की बात आती है सब चुप्पी साध लेते हैं. ऐसे में मीटर निर्माता कम्पनियां, कुछ उच्चाधिकारियों और कुछ अभियंताओं का एक बड़ा रैकेट बन गया है जो मीटर प्रकरण में निजी स्वार्थ में शामिल है. पिछले पांच वर्षो की मीटर खरीद और लगाने की पूरी प्रक्रिया की सीबीआई जांच कराई जाए. इससे बड़े रैकेट का पर्दाफाश होगा.

आए दिन बदले जा रहे हैं मीटर
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता इस घटिया मीटर का शिकार हो रहे हैं. वर्तमान में बिजली निगमों में लगभग 15 से 20 मीटर निर्माता कम्पनियां मीटर सप्लाई कर रही हैं. पिछले पांच वर्षो की बात करें तो सभी तरह में इलक्ट्रोनिक और स्मार्ट प्रीपेड मीटर सब मिलाकर लगभग 2500 करोड़ की खरीद की गई. सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर की गारंटी अवधि पांच वर्ष होती है और उनकी लाइफ लगभग 10 वर्ष. ऐसे में इस अवधि से कम अवधि में इन मीटरों को नहीं बदला जाना चाहिए, लेकिन आए दिन इन्हें बदले जाने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है.

ब्लैकलिस्टेड कम्पनियां भी कर रहीं काम
घटिया क्वालटी के चलते पक्षिमांचल विद्युत वितरण निगम ने कैपिटल मीटर निर्माता कंपनी और फ्लैश मीटर को तीन साल के लिए डिबार कर दिया था. फिर भी दोनों कम्पनियों में के मीटर आज भी लग रहे हैं. इसके बाद स्मार्ट मीटर कंपनी की भार जंपिंग और मीटर रीडिंग जंपिंग में जीनस मीटर के खिलाफ रिपोर्ट सामने आई, उसे दबाया गया. यहां तक कि केंद्रीय जांच लेबोरेट्री में भी मीटर में कुछ कमियां निकलीं. कोई कार्रवाई नहीं हुई.

'दोषियों को नहीं बख्शेंगे'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को लिखित निर्देश दिए कि मामले पर कार्रवाई कर रिपोर्ट दें. साथ ही कहा कि स्मार्ट मीटर सहित सौभाग्य योजना के अंतर्गत लगे मीटर में जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

लखनऊः पांच साल में 2500 करोड़ रुपये के मीटर खरीद के मामले को लेकर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ऊर्जा मंत्री के पास पहुंचा है. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश के उपभोक्ताओं के घर में लगने वाले मीटर में कभी भार जंपिंग, कभी रीडिंग जंपिंग तो कभी घटिया क्वालिटी, यह सब आम बात हो गई है.

जब भी कार्रवाई की बात आती है सब चुप्पी साध लेते हैं. ऐसे में मीटर निर्माता कम्पनियां, कुछ उच्चाधिकारियों और कुछ अभियंताओं का एक बड़ा रैकेट बन गया है जो मीटर प्रकरण में निजी स्वार्थ में शामिल है. पिछले पांच वर्षो की मीटर खरीद और लगाने की पूरी प्रक्रिया की सीबीआई जांच कराई जाए. इससे बड़े रैकेट का पर्दाफाश होगा.

आए दिन बदले जा रहे हैं मीटर
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता इस घटिया मीटर का शिकार हो रहे हैं. वर्तमान में बिजली निगमों में लगभग 15 से 20 मीटर निर्माता कम्पनियां मीटर सप्लाई कर रही हैं. पिछले पांच वर्षो की बात करें तो सभी तरह में इलक्ट्रोनिक और स्मार्ट प्रीपेड मीटर सब मिलाकर लगभग 2500 करोड़ की खरीद की गई. सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक इलेक्ट्रॉनिक मीटर की गारंटी अवधि पांच वर्ष होती है और उनकी लाइफ लगभग 10 वर्ष. ऐसे में इस अवधि से कम अवधि में इन मीटरों को नहीं बदला जाना चाहिए, लेकिन आए दिन इन्हें बदले जाने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है.

ब्लैकलिस्टेड कम्पनियां भी कर रहीं काम
घटिया क्वालटी के चलते पक्षिमांचल विद्युत वितरण निगम ने कैपिटल मीटर निर्माता कंपनी और फ्लैश मीटर को तीन साल के लिए डिबार कर दिया था. फिर भी दोनों कम्पनियों में के मीटर आज भी लग रहे हैं. इसके बाद स्मार्ट मीटर कंपनी की भार जंपिंग और मीटर रीडिंग जंपिंग में जीनस मीटर के खिलाफ रिपोर्ट सामने आई, उसे दबाया गया. यहां तक कि केंद्रीय जांच लेबोरेट्री में भी मीटर में कुछ कमियां निकलीं. कोई कार्रवाई नहीं हुई.

'दोषियों को नहीं बख्शेंगे'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को लिखित निर्देश दिए कि मामले पर कार्रवाई कर रिपोर्ट दें. साथ ही कहा कि स्मार्ट मीटर सहित सौभाग्य योजना के अंतर्गत लगे मीटर में जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.

Last Updated : Nov 2, 2020, 11:01 PM IST
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