लखनऊ: उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की. अवधेश कुमार वर्मा ने मुलाकात कर बिजली चोरी में दर्ज होने वाली एफआईआर के लिए अधिनियम में संशोधन करने की मांग की है. परिषद के अध्यक्ष ने ऊर्जा मंत्री को अवगत कराया कि बिजली चोरी के मामलों में 95 प्रतिशत एफआईआर केवल गरीब घरेलू वाणिज्यिक और किसानों पर ही हो रही है. ये एफआईआर विभागीय विजलेंस या अभियन्ताओं ने की हैं. ये सभी गरीबों से सम्बंधित मामले थे, जिन्होंने शमन शुल्क नहीं जमा किया था.
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि गरीब उपभोक्ताओं को इन सभी पुलिसिया कार्रवाई और एफआईआर से बचाने के लिए उपभोक्ता परिषद ने देश-प्रदेश के विधि विशेषज्ञों से चर्चा के बाद विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 और 135 (1) में संशोधन कराने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा को प्रस्ताव सौंपा है.
संशोधन कराने की मांग की
इस जनहित प्रस्ताव को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भेजकर विद्युत अधनियम 2003 में प्रस्तावित संशोधन में इसे भी शामिल कराकर आवश्यक संशोधन कराने की मांग की जाए, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सके. उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि गरीब शमन शुल्क नहीं जमा कर पाते तो उन पर एफआईआर होती है, लेकिन जो उपभोक्ता शमन जमा कर देते हैं उन पर एफआईआर नहीं होती. यानि धनबल यहां भी भारी रहता है, इसलिए बदलाव जरूरी है.
एफआईआर की बाध्यता की जाए समाप्त
दो किलोवाट तक के सभी ग्रामीण, शहरी घरेलू परिसरों और वाणिज्यिक परिसरों पांच हॉर्स पावर तक के किसानों पर बिजली चोरी के मामले में एफआईआर की बाध्यता समाप्त की जाए. उन पर सिर्फ 126 के तहत असेसमेंट की कार्रवाई की जाए. उन पर जो असेसमेंट की राशि बने उसमें अगर उपभोक्ता मौके पर कनेक्शन ले तो, उसे उनके आगामी 24 महीने के बिजली बिल में मासिक बिल के साथ वसूल करने की व्यवस्था नए संशोधन में की जाए.
सरचार्ज को किया जाए माफ
किसानो के 5 हॉर्स पावर तक के ट्यूबवेल जो बिजली चोरी के असेसमेंट के चलते बंद हैं, कनेक्शन नहीं ले पाए हैं, उनकी असेसमेंट की राशि को 36 महीनों की किस्त की सुविधा दी जाए. इस दौरान उस पर लगे सरचार्ज को माफ रखा जाए.
केंद्र सरकार जारी करे एडवाइजरी
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार एक एडवाइजरी जारी करे कि दो किलोवाट तक के सभी घरेलू और किसानों के पांच हॉर्स पावर तक के मामलों में बिजली चोरी के असेसमेंट की राशि को डबल न करके केवल सिंगल टाइम वसूल किया जाए. ऐसे सभी उपभोक्ताओं को जो बिजली चोरी में एफआईआर से बचेंगे, उन्हें यह शपथ पत्र देना हो कि अगर दूसरी बार बिजली चोरी करते पाए गए तो उन्हें पहली बार चोरी के प्रकरण में जो भी रियायत दी गई थी वह सभी स्वतः समाप्त समझी जाए.
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