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पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी - क्रांतिकारियों के नाम पर बस स्टेशन

उत्तर प्रदेश के बस स्टेशनों के नाम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर रखने की पूरी तैयारी के बाद काम अधर में लटका हुआ है. सूत्रों की मानें तो अभी बस स्टेशनों के नाम इसलिए नहीं बदले जा रहे हैं, क्योंकि सरकार को लग रहा है कि चुनाव करीब आएं तब नाम बदले जाएं जिससे पॉलिटिकल बेनिफिट मिले.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 11:08 PM IST

बस स्टेशनों का नाम बदलने में देरी. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश भर के बस स्टेशनों के नाम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर रखने के निर्देश दिए थे. इसके लिए अधिकारियों की समिति बनाई गई थी. जिसमें जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष बनाए गए थे. लखनऊ के चार बस स्टेशनों समेत प्रदेश के दो दर्जन बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने के लिए नाम पर मुहर भी लग गई, लेकिन इसके बाद कई बस स्टेशन के नाम बदलने को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई. विभिन्न तरह की आपत्तियां दर्ज कराई जाने लगीं. जिसके चलते अभी तक बस स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव लटका हुआ है.

बस स्टेशनों का नाम बदलने की राजनीति.
बस स्टेशनों का नाम बदलने की राजनीति.

परिवहन निगम के जो बस स्टेशन अभी जिस नाम से जाने जा रहे हैं आने वाले दिनों में वह बस स्टेशन स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों के नाम से जाने जाएंगे. उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में जिस जनपद में आजादी में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारी का नाम दर्ज होगा. उसी के नाम पर बस स्टेशन का नाम रखा जाएगा. कई जिलों के जिलाधिकारियों ने परिवहन निगम को शहीदों के नाम भी भेजे हैं. इनमें लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से भी परिवहन निगम के चार बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने की संस्तुति की गई. हालांकि बस स्टेशनों के नाम कई माह पहले ही परिवहन निगम को मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक बस स्टेशनों का नाम बदले नहीं गए हैं. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि कुछ जिलों में बस स्टेशनों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है जैसे ही नाम फाइनल हो जाएगा बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रख दिए जाएंगे.

पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी .
पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी .



इस समिति ने तय किए गए थे नाम : बस स्टेशनों के नाम तय करने वाली समिति में जिले के जिलाधिकारी, सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन), जिला सूचना अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल किए गए हैं. इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी जबकि तीन सदस्य और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सदस्य सचिव हैं.

यह भी पढ़ें : UP Politics : बसपा से खत्म हो गया इमरान मसूद का सफर, अब घर वापसी की तैयारी

बस स्टेशनों का नाम बदलने में देरी. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश भर के बस स्टेशनों के नाम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारियों के नाम पर रखने के निर्देश दिए थे. इसके लिए अधिकारियों की समिति बनाई गई थी. जिसमें जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष बनाए गए थे. लखनऊ के चार बस स्टेशनों समेत प्रदेश के दो दर्जन बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने के लिए नाम पर मुहर भी लग गई, लेकिन इसके बाद कई बस स्टेशन के नाम बदलने को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई. विभिन्न तरह की आपत्तियां दर्ज कराई जाने लगीं. जिसके चलते अभी तक बस स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव लटका हुआ है.

बस स्टेशनों का नाम बदलने की राजनीति.
बस स्टेशनों का नाम बदलने की राजनीति.

परिवहन निगम के जो बस स्टेशन अभी जिस नाम से जाने जा रहे हैं आने वाले दिनों में वह बस स्टेशन स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों के नाम से जाने जाएंगे. उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में जिस जनपद में आजादी में हिस्सा लेने वाले क्रांतिकारी का नाम दर्ज होगा. उसी के नाम पर बस स्टेशन का नाम रखा जाएगा. कई जिलों के जिलाधिकारियों ने परिवहन निगम को शहीदों के नाम भी भेजे हैं. इनमें लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी की तरफ से भी परिवहन निगम के चार बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रखे जाने की संस्तुति की गई. हालांकि बस स्टेशनों के नाम कई माह पहले ही परिवहन निगम को मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक बस स्टेशनों का नाम बदले नहीं गए हैं. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि कुछ जिलों में बस स्टेशनों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है जैसे ही नाम फाइनल हो जाएगा बस स्टेशनों के नाम क्रांतिकारियों के नाम पर रख दिए जाएंगे.

पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी .
पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए बस स्टेशनों का नाम बदलने में की जा रही देरी .



इस समिति ने तय किए गए थे नाम : बस स्टेशनों के नाम तय करने वाली समिति में जिले के जिलाधिकारी, सहायक संभागीय अधिकारी (प्रशासन), जिला सूचना अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल किए गए हैं. इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी जबकि तीन सदस्य और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सदस्य सचिव हैं.

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