लखनऊ: राजधानी में डिग्री कॉलेज के शिक्षक आज से काला फीता बांधकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे. लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (LUACTA) ने इसकी घोषणा की है. आज से काला दिवस मनाने जा रहे हैं. उधर, कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की ओर से प्रस्तावित पूर्ण कार्य बहिष्कार को वापस ले लिया गया है. संयुक्त मोर्चा की माने तो शासन के स्तर पर उनके मुद्दों को लेकर बैठक हुई. बैठक में अधिकारियों ने करीब एक महीने का समय मांगा है. इसके मद्देनजर कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया है.
डिग्री कॉलेजों में लखनऊ विश्वविद्यालय संयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ की अपील पर आंदोलन के प्रथम चरण 9, 10 और 11 दिसम्बर को शिक्षकों द्वारा काला फीता बांधकर काला दिवस मनाया जाएगा. आंदोलन के दूसरे चरण में 13, 14 व 15 दिसम्बर को काला फीता बांधकर काला दिवस और कक्षाओं के महाविद्यालय के परिसर में धरना दिया जाएगा. इसके बाद भी यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो लखनऊ विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षाओं का भी बहिष्कार किया जाएगा.
संगठन के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे और महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने बताया कि पुरानी पेंशन की बहाली, प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए एक नवम्बर 21 को जारी शासनादेश का संशोधन किए जाने एवं शासनादेश की तिथि तक प्रोन्नत सभी ऐसोसिएट प्रोफेसर को तीन वर्ष पश्चात स्वतः प्रोफेसर पद प्रदान किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा की ओर से गुरुवार से पूर्ण कार्यवाही बहिष्कार की घोषणा की गई थी. हालांकि, इसको लेकर बुधवार देर शाम कई चरणों में शासन के स्तर पर वार्ता हुई. मोर्चा की तरफ से वीपी मिश्र अध्यक्ष, महासचिव शशि कुमार मिश्र, सुरेश रावत, अतुल मिश्र, गिरीश मिश्रा, घनश्याम यादव, सय्यद कैसर रजा आदि कर्मचारी इस बैठक में शामिल हुए.
यह भी पढ़ें: कर्मचारी संघों की मांगों के निस्तारण को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक, दिए निर्देश
उनका दावा है कि संयुक्त मोर्चा के 12 सूत्रीय मांग पत्र पर बिंदुवार विस्तार से लंबी वार्ता हुई. इसमें मुख्य सचिव द्वारा मोर्चा की कई मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिए गए और कई मांगों पर इसी माह निर्णय कराने के निर्देश बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए. मुख्य सचिव द्वारा 9 दिसंबर से प्रस्तावित कार्यबंदी न किए जाने की अपील व सकारात्मक बैठक में लिए गए निर्णय को देखते हुए संयुक्त मोर्चा द्वारा प्रस्तावित आन्दोलन एक मास के लिए स्थगित किया गया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप