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डीएलएड छात्रों का एक साल हो रहा बर्बाद, परीक्षा पर फैसला नहीं ले पा रहे जिम्मेदार

उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एक लाख 70 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. तृतीय सेमेस्टर के इन छात्र-छात्राओं की परीक्षा कब होगी, इसका फैसला जिम्मेदार नहीं कर पा रहे हैं.

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डीएलएड छात्रों की परीक्षा पर नहीं हो पा रहा फैसला.
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Published : Jun 11, 2021, 2:17 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एक लाख 70 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. तृतीय सेमेस्टर के इन छात्र-छात्राओं की परीक्षा कब होगी? इसका फैसला जिम्मेदार नहीं कर पा रहे हैं. आलम यह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते यह प्रशिक्षु जल्द घोषित होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा से भी बाहर हो सकते हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में बार-बार पत्र भेजने के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है.

2019 बैच के हैं छात्र-छात्राएं

यह डीएलएड 2019 का बैच है. कोरोना संक्रमण के चलते इन प्रशिक्षुओं को बीते वर्ष प्रमोट कर दिया गया था. प्रोमोशन इस शर्त के साथ किया गया कि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा कराई जाएगी और उसी के आधार पर प्रथम सेमेस्टर के अंक दे दिए जाएंगे. करीब 1.70 लाख प्रशिक्षुओं में 75 हजार के आसपास परीक्षा में फेल हो गए थे. इनका क्या होगा? कब दोबारा परीक्षा होगी, इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. बाकी बचे करीब 95 हजार प्रशिक्षुओं की तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा पर भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है.

इसे भी पढ़ें: कोलकाता-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हादसों में सबसे अधिक मौतें, कानपुर नंबर-1

प्रशिक्षुओं का कहना है कि अगस्त में उनके चौथे सेमेस्टर की भी पढ़ाई पूरी हो जाएगी. जून-जुलाई में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. प्रशिक्षु आलोक ने बताया कि तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो पाने के कारण उन्हें इस परीक्षा में भी शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उन्हें अगली परीक्षा के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.

तीसरे सेमेस्टर में करें प्रमोट
प्रशिक्षु ने अपनी आवाज को जिम्मेदारों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से जितनी देरी की जाएगी, उतना ही नुकसान प्रशिक्षुओं को उठाना पड़ेगा. उनकी मांग है कि पूर्व की भांति उन्हें तीसरे सेमेस्टर में भी प्रमोट कर दिया जाए.

लखनऊ: प्रदेश में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एक लाख 70 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. तृतीय सेमेस्टर के इन छात्र-छात्राओं की परीक्षा कब होगी? इसका फैसला जिम्मेदार नहीं कर पा रहे हैं. आलम यह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते यह प्रशिक्षु जल्द घोषित होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा से भी बाहर हो सकते हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में बार-बार पत्र भेजने के बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है.

2019 बैच के हैं छात्र-छात्राएं

यह डीएलएड 2019 का बैच है. कोरोना संक्रमण के चलते इन प्रशिक्षुओं को बीते वर्ष प्रमोट कर दिया गया था. प्रोमोशन इस शर्त के साथ किया गया कि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा कराई जाएगी और उसी के आधार पर प्रथम सेमेस्टर के अंक दे दिए जाएंगे. करीब 1.70 लाख प्रशिक्षुओं में 75 हजार के आसपास परीक्षा में फेल हो गए थे. इनका क्या होगा? कब दोबारा परीक्षा होगी, इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है. बाकी बचे करीब 95 हजार प्रशिक्षुओं की तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा पर भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है.

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प्रशिक्षुओं का कहना है कि अगस्त में उनके चौथे सेमेस्टर की भी पढ़ाई पूरी हो जाएगी. जून-जुलाई में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. प्रशिक्षु आलोक ने बताया कि तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो पाने के कारण उन्हें इस परीक्षा में भी शामिल होने का मौका नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उन्हें अगली परीक्षा के लिए इंतजार करना पड़ सकता है.

तीसरे सेमेस्टर में करें प्रमोट
प्रशिक्षु ने अपनी आवाज को जिम्मेदारों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की तरफ से जितनी देरी की जाएगी, उतना ही नुकसान प्रशिक्षुओं को उठाना पड़ेगा. उनकी मांग है कि पूर्व की भांति उन्हें तीसरे सेमेस्टर में भी प्रमोट कर दिया जाए.

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