लखनऊ : राजधानी लखनऊ में दो मरीजों के डेंगू से मौत की बात सामने आई है. वहीं शहर में शुक्रवार को डेंगू के 28 नए मरीज मिले हैं. 10 घरों में मच्छर जनित स्थितियां मिलने पर नोटिस जारी की गई है. सीएमओ प्रवक्ता योगेश रघुवंशी ने बताया कि अलीगंज में तीन, चन्दरनगर में चार, गोसाईगंज में एक, इंदिरानगर में पांच, चिनहट में चार, एनके रोड में चार, सिल्वर जुबली में चार और रेडक्रास क्षेत्र में डेंगू के तीन मरीज मिले हैं. वहीं, टीम ने लगभग 1213 घरों एवं आस-पास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया. जिसमें से 10 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी की गई है. इसके अलावा जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. वहां फॉगिंग कराने के साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया जा रहा है.
डेंगू से राजस्वकर्मी की जान गई : शहर में डेंगू के डंक तेज होने लगा है. गुरुवार को एक राजस्वकर्मी की सांसें थम गईं. जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर परिजनों ने उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. आईआईएम रोड दुबग्गा निवासी प्रमोद कुमार त्रिपाठी (48) चकबंदी विभाग में अनुदेशक के पद पर कार्यरत थे. वर्तमान में वह सचिवालय से संबद्ध थे. बेटे अभिषेक ने बताया कि सोमवार को दफ्तर में ही जाड़ा लगकर पिता को बुखार आया. तबीयत बिगड़ने पर वह घर आ गए. निजी डॉक्टर से दवा लेकर घर पर ही आराम करने लगे. तबीयत में सुधार न होने पर उन्हें मंगलवार को राजाजीपुरम स्थित एक क्लीनिक ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने जांच करवाई तो डेंगू की पुष्टि हुई. हालत में सुधार न होने पर लाइफ केयर अस्पताल ले गए. यहां भी आराम न मिलने पर आईसीयू वेंटीलेटर की जरूरत बताकर डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. गुरुवार को परिवारीजनों ने सिटी लाइफ अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
मलिहाबाद में बुखार से पीड़ित किशोर ने दम तोड़ा : मलिहाबाद में बुखार से पीड़ित एक किशोर की मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि उसमें डेंगू के लक्षण मान कर डॉक्टर इलाज कर रहे थे. मलिहाबाद में और ग्रामीण भी बुखार से पीड़ित हैं. इस मामले में माल प्रधान संघ की अध्यक्ष संयोगिता सिंह ने भी सफाई न होने व सीएचसी, पीएचसी में बेहतर इलाज न मिलने का आरोप लगाया है. मलिहाबाद के गढ़ी संजर खां (रामगढ़ी) निवासी किसान संतोष यादव का बेटा आदर्श यादव (17) स्थानीय स्कूल में 11वीं का छात्र था. पिता के मुताबिक आदर्श को दो तीन दिन से बुखार आ रहा था. हालत में सुधार न होने पर मलिहाबाद सीएचसी में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे उसकी सांसें थम गईं. पिता का कहना है कि संदिग्ध डेंगू मानकर डॉक्टर इलाज कर रहे थे. सीएचसी के डॉक्टरों ने खून की जांच नहीं करवाई थी. इस मामले में मलिहाबाद सीएचसी के अधीक्षक डॉ. चंदन यादव का कहना है कि डेंगू से मरीज की मौत की जानकारी नहीं है. सीएचसी में कोई डेंगू मरीज भर्ती नहीं था.
एमपी में डेंगू के 1,595 मामले सामने आने के बाद हड़कंप, ग्वालियर में 3 लोगों की मौत