लखनऊ: दुष्कर्म पीड़िता के दोस्त को जेल भेजने के मामले को ईटीवी भारत ने उजागर किया था. ईटीवी भारत की खबर को संज्ञान में लेते हुए डीसीपी महिला अपराध व सुरक्षा ने संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है. दरअसल, गोमती नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने पुलिस पर दुष्कर्म के आरोप में पीड़िता के दोस्त को ही जेल भेजने के आरोप लगाए थे. खबर प्रकाशित होने के बाद डीसीपी महिला अपराध व सुरक्षा चारू निगम ने जहां संबंधित अधिकारी से मामले के संदर्भ में रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. वहीं दूसरी ओर पीड़ित की मदद के लिए हर संभव प्रयास की बात भी कही है.
16 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता व उसकी भाभी ने गोमतीनगर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीड़िता के दोस्त को बेवजह दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजने की बात कही थी. पीड़िता का कहना है कि उसके दोस्त ने ही घटना के दौरान उसकी जान बचाई थी, जिसके बाद भी पुलिस ने उसके दोस्त को आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया. पुलिस ने मनमानी करते हुए पीड़िता के दोस्त को आरोपी बनाया है. वहीं दूसरी ओर आरोपी समेत दोस्त के खिलाफ चार्जशीट भी पेश कर दी गई है.
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दरअसल 9 अप्रैल 2020 को राजधानी लखनऊ के गोमती नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत 16 वर्षीय पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था, जिसके बाद पीड़िता की भाभी ने गोमतीनगर थाने में दो शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें पीड़िता ने एक शख्स को आरोपी बनाया था. पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. वहीं 16 वर्षीय पीड़िता के दोस्त को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जबकि पीड़िता की ओर से न ही एफआईआर और न ही अपने बयान में उसको आरोपी बनाया गया है.
पीड़िता के वकील का आरोप है कि पुलिस ने 161 के बयान अपने मन मुताबिक लिखते हुए पीड़िता के दोस्त को आरोपी बना दिया है. पुलिस से निराशा हाथ लगने के बाद पीड़िता ने ईटीवी भारत को अपनी आपबीती बताई थी.
डीसीपी ईस्ट सोमेन वर्मा से जब इस मामले के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था, तो उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है. वहीं तीनों लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है. उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक पीड़िता का कहना है कि पीड़िता के दोस्त ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया है बल्कि उसकी मदद की है. ऐसे में सोमेन वर्मा ने कहा कि पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है, जबकि पीड़िता का कहना है कि पुलिस को दिए गए बयान में उसने अपने दोस्त को निर्दोष बताया था.