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एक कमरे में संचालित होता है राजधानी लखनऊ का यह प्राथमिक विद्यालय... - primary education bad situation in lucknow

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली चरम पर है. आलम यह है कि दौलतगंज क्षेत्र का प्राथमिक विद्यालय एक ही कमरे में संचालित किया जा रहा है. भले ही यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षिकाएं तैनात हैं लेकिन एक वक्त पर एक ही शिक्षिका पढ़ा सकती है. राजधानी का यह प्राथमिक विद्यालय किराए के भवन में संचालित होता है.

एक कमरे में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं 174 विद्यार्थी.
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Published : Jul 26, 2019, 11:20 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली का इससे बड़ा नमूना शायद ही मिले. राजधानी लखनऊ में एक कमरे वाला प्राथमिक विद्यालय संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में एक ही कमरे में 174 विद्यार्थी बैठकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं. हेड मास्टर के लिए एक छोटा सा कमरा है. जिस कमरे में अलमारी और मेज-कुर्सी रखने का इंतजाम था. उसमें भी कक्षा 4 और 5 के बच्चों को बिठाया जा रहा है. लेकिन पूरी क्लास इस मुख्य कमरे में ही संचालित होती है.

एक कमरे में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं 174 विद्यार्थी.

प्राथमिक शिक्षा हुई बदहाल

  • मामला राजधानी लखनऊ का है जहां प्राथमिक विद्यालय दौलतगंज को कई दशकों से एक कमरे में ही संचालित किया जा रहा है.
  • कई दशकों से संचालित इस विद्यालय की इमारत भी जर्जर हो चुकी है.
  • जिस इमारत में यह विद्यालय संचालित किया जा रहा है वह भी किराए की है.
  • इस विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 3 तक के बच्चे एक कमरे में पढ़ाई करते हैं.
  • मेज-कुर्सी रखने वाले कमरे में कक्षा 4 और 5 के बच्चों को बिठाया जा रहा है.
  • बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में तीन शिक्षाएं तैनात हैं लेकिन एक वक्त एक ही शिक्षिका पढ़ा सकती है.
  • एक कमरे में संचालित होने वाले इस विद्यालय के बारे में शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों से लेकर उच्च स्तर तक सभी वाकिफ हैं.
  • लेकिन किराए के भवन में संचालित होने की वजह से ना तो इस विद्यालय का विस्तार हो पा रहा है ना सुविधाओं में इजाफा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली का इससे बड़ा नमूना शायद ही मिले. राजधानी लखनऊ में एक कमरे वाला प्राथमिक विद्यालय संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में एक ही कमरे में 174 विद्यार्थी बैठकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं. हेड मास्टर के लिए एक छोटा सा कमरा है. जिस कमरे में अलमारी और मेज-कुर्सी रखने का इंतजाम था. उसमें भी कक्षा 4 और 5 के बच्चों को बिठाया जा रहा है. लेकिन पूरी क्लास इस मुख्य कमरे में ही संचालित होती है.

एक कमरे में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं 174 विद्यार्थी.

प्राथमिक शिक्षा हुई बदहाल

  • मामला राजधानी लखनऊ का है जहां प्राथमिक विद्यालय दौलतगंज को कई दशकों से एक कमरे में ही संचालित किया जा रहा है.
  • कई दशकों से संचालित इस विद्यालय की इमारत भी जर्जर हो चुकी है.
  • जिस इमारत में यह विद्यालय संचालित किया जा रहा है वह भी किराए की है.
  • इस विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 3 तक के बच्चे एक कमरे में पढ़ाई करते हैं.
  • मेज-कुर्सी रखने वाले कमरे में कक्षा 4 और 5 के बच्चों को बिठाया जा रहा है.
  • बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में तीन शिक्षाएं तैनात हैं लेकिन एक वक्त एक ही शिक्षिका पढ़ा सकती है.
  • एक कमरे में संचालित होने वाले इस विद्यालय के बारे में शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों से लेकर उच्च स्तर तक सभी वाकिफ हैं.
  • लेकिन किराए के भवन में संचालित होने की वजह से ना तो इस विद्यालय का विस्तार हो पा रहा है ना सुविधाओं में इजाफा.
Intro:लखनऊ. उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली का इससे बड़ा नमूना शायद ही मिले जहां राजधानी लखनऊ में एक कमरे वाला प्राथमिक विद्यालय संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में एक ही कमरे में सभी विद्यार्थी बैठकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मजबूर हैं.


Body:राजधानी लखनऊ के दौलत गंज वार्ड में स्थित है यह प्राथमिक विद्यालय दौलतगंज. कई दशक से संचालित इस विद्यालय की इमारत भी जर्जर हो चुकी है . जर्जर हो रही दीवारें साथ चुगली कर रही हैं कि इसी तरह सुबह की प्राथमिक शिक्षा भी बदहाल हो रही है दौलतगंज केस प्राथमिक विद्यालय को कई दशक से एक कमरे में ही संचालित किया जा रहा है यहां एक कमरे में ही बैठकर सारे बच्चे पढ़ाई करते हैं हेड मास्टर के लिए एक छोटा सा कमरा है जिसमें अलमारी और मेज कुर्सी रखने का इंतजाम था उस कमरे में कक्षा 4 और 5 के बच्चों को बिठाया जा रहा है लेकिन पूरी क्लास इस मुख्य कमरे में ही संचालित होती है जाहिर है ऐसे हालात में बच्चे या तो स्कूल छोड़ कर चले जाते हैं या पढ़ाई ही बंद कर देते हैं बच्चों को पढ़ाने के लिए हालांकि स्कूल में तीन शिक्षाएं तैनात हैं लेकिन एक वक्त में तो एक ही शिक्षिका पढ़ा सकती है.

बाइट /शाहीन, विद्यालय प्रभारी


Conclusion:एक कमरे में संचालित होने वाले इस विद्यालय के बारे में शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों से लेकर उच्च स्तर तक सभी वाकिफ हैं लेकिन किराए के भवन में संचालित होने की वजह से ना तो इस विद्यालय का विस्तार हो पा रहा है ना सुविधाओं में इजाफा. ऐसे में प्राथमिक शिक्षा मैं सरकार के सुधार का सपना भले बहुत बड़ा हो लेकिन हकीकत में इसके साकार होने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है.

वाक थ्रू अखिलेश तिवारी
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