लखनऊ: यदि आप विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद से आवंटित भवन-भूखंड की समय से किश्त नहीं जमा कर सके हैं, इतना ही नहीं बढ़ते दंड ब्याज से परेशान हैं तो अभी आपके पास मौका है. आवास विभाग ने डिफाल्टर आवंटियों की सुविधा के लिए एक मुश्त समाधान (ओटीएस) योजना में आवेदन लेने की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
राज्य सरकार ने डिफाल्टर (बकाएदार) आवंटियों के लिए ओटीएस (वन टाइम सेटेलमेंट-2020) योजना लागू करते हुए उन्हें दंड ब्याज से छूट देने की योजना शुरू की थी. आवास विभाग ने 7 फरवरी 2020 को शासनादेश जारी करते हुए एक मुश्त समाधान योजना के लिए तीन माह का समय दिया था. यह अवधि बुधवार को समाप्त हो रही थी. प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने इस संबंध में बुधवार को शासनादेश जारी करते हुए इसे 31 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है.
आवास विभाग ने कोविड महामारी को देखते हुए डिफाल्टर आवंटियों की सुविधा के लिए आवेदन करने का मौका दिया है. इसमें कहा गया है कि अन्य सेवा शर्तें 6 अगस्त के आधार पर ही रहेंगी. गौरतलब है कि प्राधिकरण व परिषद के डिफॉल्टर आवंटियों के लिए पहले वर्ष 2000 में ओटीएस योजना लागू की गई थी. संशोधनों के साथ 31 मार्च 2017 तक योजना प्रभावी रही है.
33 हजार से ज्यादा डिफाल्टर
विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद में कुल 33926 डिफाल्टर आवंटी हैं. बताया जा रहा है कि ओटीएस योजना का लाभ लेने के लिए अभी तक करीब 11000 आवंटियों ने ही आवेदन किए हैं. सबसे ज्यादा 12393 डिफाल्टर परिषद के हैं, वहीं एलडीए के 2271, केडीए के 3949, जीडीए के 1300, मेरठ विकास प्राधिकरण के 5500, आगरा विकास प्राधिकरण के 6100, प्रयागराज विकास प्राधिकरण के 146, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के 1761, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के 175 और वाराणसी विकास प्राधिकरण के 331 हैं. पूर्व में लागू योजना के तहत 26 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे, जिससे 72.78 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी.