लखनऊ: मलिहाबादी दशहरी आम का नाम सुनते ही मुह में पानी आ जाना लाजमी है. उसके गुणों की वजह से लोगों को अपने पसंदीदा दशहरी के बाजार में आने का इंतजार रहता है. इस बार दशहरी और उसका जायका पसंद लोगों के बीच कोरोना आकर खड़ा हो गया है. परिस्थितियों को देखते हुए लगता है कि दूसरे राज्य के लोग तो इस बार दशहरी का स्वाद ठीक से चख ही नहीं पाएंगे. बाहर के लोगों को मशहूर आम मिल पाना काफी कठिन लग रहा है.
![दशहरी आम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-05-mango-img-7203790_14052021192313_1405f_1621000393_168.jpg)
लॉकडाउन की वजह से आम का बाजार न के बराबर है. आम की पट्टी मलिहाबाद में जिस दशहरी की खरीद के लिए व्यापारियों का जमावड़ा होता था, वहां के किसान आज इंतजार कर रहे हैं कि कोई व्यापारी आए और उनकी फसलों का भाव लगाए. जायका और सुंदरता की वजह से इतराने वाला दशहरी आज मायूस है.
बड़ी-बड़ी कंपनियां बाग में ही आकर खरीदती है आम
मलिहाबाद के किसान उपेंद्र सिंह कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में किसानों के बाग में ही सेब की खरीदारी की जाती है. व्यापारी बाग में ही पहुंचकर फसल की बोली लगाते हैं. इसी के आधार पर पिछली बार हम लोगों की मांग पर सरकार की तरफ से प्रयास किया गया. कई व्यापारियों ने बाग में पहुंच कर आम की खरीदारी की. रिलायंस जैसी कंपनियों ने भी दशहरी की खरीद की थी. पिछले साल आम की फसल बहुत अच्छी नहीं होने के बावजूद किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ था. इस बार फसल अच्छी आई है, लेकिन बाजार विपरीत परिस्थितियों से लड़ रहा है. व्यापारी आम की तरफ देखने तक नहीं आए हैं.
![फलों का राजा कहा जाने वाला मलिहाबाद दशहरी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-05-mango-img-7203790_14052021192313_1405f_1621000393_839.jpg)
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दस फीसदी भी नहीं बिका दशहरी
आम पट्टी के बड़े किसान शेख इंसराम अली ने बताया कि आमतौर पर अब तक 70 से 80 प्रतिशत आम के बागों की खरीद हो जाती थी. जून के पहले सप्ताह से ही बाजार में दशहरी अपने भाव दिखाने लगता था. इस बार नहीं लगता कि आम समय पर बाजार में पहुंच पाएगा. अभी लॉकडाउन है. लॉकडाउन खुलने का किसी को कुछ अंदाजा भी नहीं है. दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों के अलावा दूसरे देशों में भी दशहरी का जायका लोगों को आकर्षित करता रहा है. अरब देशों से लेकर जापान और इंगलैंड तक दशहरी आम का निर्यात होता है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन की वजह से वहां के व्यापारी आए ही नहीं. कुछ व्यापारी आए भी, लेकिन उनसे किसानों की फसल की कीमत नहीं आ पाएगी.
![सभी को रहता है दशहरी आम के बाजार में आने का इंतजार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11764442_1014_11764442_1621040245763.png)
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पांच-छह लाख मीट्रिक टन दशहरी की पैदावार
मलिहाबाद फल पट्टी दशहरी आम के लिए यूं ही प्रसिद्ध नहीं है. यह अपनी मिठास और सुंदरता के बारे में तो अलग है ही, इसकी पैदावार भी खूब होती है. मलिहाबाद क्षेत्र में पांच से छह लाख मीट्रिक टन दशहरी आम की पैदावार हर साल होती है. पिछली बार बौर लगने के साथ ही आम में रोग लग गए थे, जिसकी वजह से 25-30 प्रतिशत फसल को नुकसान पहुंचा था. इस बार आम की फसल बहुत ही अच्छी आई है. किसानों को पिछले साल हुए नुकसान के भरपाई की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि कोरोना उनकी फसल को खेतों में ही कैद करके रखेगा. इस कोरोना ने किसानों को मायूस कर दिया है. समय रहते कोरोना का संक्रमण नहीं रूका, लॉकडाउन नहीं खोला गया, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.