लखनऊ : राजधानी में डेंगू के मरीजों का ग्राफ कम न होने से प्लेटलेट्स की मांग भी बढ़ी है. सरकारी अस्पतालों में रोजाना 500 यूनिट प्लेटलेट्स की खपत (consumption of 500 units of platelets) हो रही है. ज्यादा मांग के चलते कई ब्लड बैंकों ने निजी अस्पतालों में आपूर्ति देने से भी मना कर दिया है, ताकि सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को प्लेटलेट्स मुहैया करा सकें. केजीएमयू ब्लड बैंक में रोजाना करीब 280 से 300 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग सरकारी व निजी केंद्रों से आ रही है, जबकि सात से आठ यूनिट सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की मांग आ रही है.
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ तूलिका चंद्रा ने बताया कि प्लेटलेट्स की मांग तेजी से बढ़ी है. सरकारी व निजी अस्पतालों दोनों जगह पर आपूर्ति की जा रही है. पीजीआई ब्लड बैंक में 80 से 90 यूनिट प्लेटलेट्स व 10 यूनिट एसडीपी की मांग है. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अनुपम के मुताबिक, संस्थान के ही मरीजों को पहले आपूर्ति की जाती है. इसके साथ निजी सेंटर के बेहद जरूरतमंद मरीजों को ही आपूर्ति दी जाती है. लोहिया संस्थान में रोजाना करीब 70 यूनिट प्लेटलेट्स व चार से पांच यूनिट एसडीपी की मांग है. ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीके शर्मा ने बताया कि प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है.
सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक से रोजाना करीब 30 यूनिट की जरूरत पड़ रही है. बिना डोनर प्लेटलेट्स की आपूर्ति नहीं हो रही है. अस्पताल ने निजी सेंटर से आने वाले मरीजों को प्लेटलेट्स देने पर रोक लगाई है. सीएमएस डॉ. आरपी सिंह के मुताबिक, लोकबंधु, कैंसर हॉस्पिटल समेत झलकारीबाई अस्पताल में ब्लड बैंक से आपूर्ति हो रही है, लिहाजा निजी सेंटर में आपूर्ति करना मुमकिन नहीं है. बलरामपुर अस्पताल में करीब 25 यूनिट का औसत है. सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि सरकारी व महिला अस्पतालों में प्लेटलेट्स दी जा रही है. निजी सेंटर में अभी आपूर्ति नहीं की जा रही है.
शहर में करीब 30 से अधिक निजी ब्लड बैंक चल रहे हैं. लखनऊ नर्सिंग होम एसोसिएशन के तहत संचालित ब्लड बैंक से करीब 40 से 50 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग है. इसी तरह कई अन्य बड़े निजी ब्लड बैंकों से आठ से 10 यूनिट की मांग है. एक अनुमान के मुताबिक, निजी ब्लड बैंकों पर रोजाना करीब 200 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग आ रही है.
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