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Cyber Crime : गलती से यूपीआई के जरिए आए अमाउंट तो पहले करें ये काम, नहीं तो खाली हो सकता है अकाउंट - साइबर एक्सपर्ट

देश में साइबर ठगी के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे (Cyber Crime) हैं. ठग रोजाना नए नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.

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Published : Mar 27, 2023, 11:39 AM IST

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लखनऊ : सोचिए अगर आपके फोन पर किसी ने यूपीआई के जरिए गलती से रुपए भेज दिए और फिर भेजने वाला वापस मांगे तो आप क्या करेंगे? जरूर आप इंसानियत दिखाते हुए पैसे वापस ही कर देंगे, लेकिन इस इंसानियत का साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. राजधानी में कुछ ऐसे ही केस सामने आ रहे हैं. अब साइबर पुलिस और पीड़ित इस तरह के ठगी के तरीकों को देखकर हैरान हैं कि भरोसा किस पर करें और किस पर नहीं.


राजधानी में मड़ियांव के रहने वाले मोहम्मद रियाज के फोन पर एक अज्ञात नंबर से 150 रुपए यूपीआई के माध्यम से पैसे आते हैं. जब तक रियाज कुछ सोच पाते तब तक एक कॉल आई और उन्हें बताया जाता है कि गलती से पैसे चले गए हैं. कृपया एक लिंक भेज रहे हैं उसे क्लिक कर उनके पैसे वापस भेज दें. रियाज ने कॉल करने वाले की परेशानी भरी आवाज सुनकर उन्हें उसी लिंक के जरिए 150 रुपए वापस भेज दिए. कुछ ही सेकेंड में उनके मोबाइल पर 33 हजार रुपए कटने का मैसेज आता है, जिस पर रियाज परेशान हो जाते हैं. जिसके बाद रियाज पैसे कटने का मैसेज मिलते ही साइबर सेल पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हैं.


साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि 'इस तरह की ठगी ने हम सभी को परेशान कर दिया है. परेशानी ठगों को रोकने और गिरफ्तार करने को लेकर नहीं बल्कि सामाजिक ताना बाना बिगाड़ने को लेकर है. सतीश कहते हैं कि अब साइबर ठग इंसानियत को हथियार बना रहे हैं. सतीश साहू के मुताबिक, ये ठगी ठीक उसी तरह है जैसे लोग खुद को शिकार का रिश्तेदार या फिर दोस्त बताकर यूपीआई के माध्यम से ठगी करते हैं.'


लिंक के जरिए ठग मांगते हैं पैसे वापस : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि 'साइबर ठगों ने ये बिलकुल नया तरीका अपनाया है ठगने का. इसमें ठग पहले एक एमाउंट शिकार के नम्बर पर यूपीआई के जरिए भेजता है, फिर कॉल कर कहता है कि वो किसी और को भेज रहा था गलती से आपके पास चला गया, प्लीज वापस कर दें. बस इसी भरोसे के आधार पर ये अपराधी ठगी कर रहे. वो कहते हैं कि मैं एक लिंक भेज रहा हूं, जिसके जरिए आप पैसे वापस कर दें. अमित दुबे के मुताबिक, इस लिंक को रिवर्स पेमेंट लिंक यूपीआई कहते हैं और यह अधिक एमाउंट का होता है. जैसे ही उस लिंक को क्लिक करते हैं तो आपके अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं.


साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, 'अब हमें ठगने के लिए ध्यान देना होगा कि कोई भी लिंक क्लिक नहीं करना है. यहां तक आपको पैसे भेजने वाले के हिसाब से कोई भी काम नहीं करना है. आपको यदि पैसे वापस भी करने हैं तो यूपीआई के ही द्वारा वापस करें. अमित के मुताबिक, अधिकतर ठगी लोगों की हड़बड़ाहट के चलते हो जाती है. ऐसे में कोशिश तो यह करें कि कॉल आने के बाद कुछ समय के लिए आप रुकें और सोचें. इससे आपको यह समझने का समय मिल जायेगा कि कॉल करने वाला कौन है, कैसे पैसे वापस करने हैं. क्योंकि गलती से आपके अकाउंट में यदि पैसे आते हैं तो इसका मतलब नहीं कि आप दोषी हैं. आप थोड़ा समय लें, समझिए और फिर यूपीआई के ही जरिए पैसे वापस करें.'

यह भी पढ़ें : आलमबाग बस स्टेशन पर हुई थी एनएचआई के इंजीनियर की मौत, एसआरएन को मुख्यालय से किया संबद्ध

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लखनऊ : सोचिए अगर आपके फोन पर किसी ने यूपीआई के जरिए गलती से रुपए भेज दिए और फिर भेजने वाला वापस मांगे तो आप क्या करेंगे? जरूर आप इंसानियत दिखाते हुए पैसे वापस ही कर देंगे, लेकिन इस इंसानियत का साइबर अपराधी लोगों को लूटने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. राजधानी में कुछ ऐसे ही केस सामने आ रहे हैं. अब साइबर पुलिस और पीड़ित इस तरह के ठगी के तरीकों को देखकर हैरान हैं कि भरोसा किस पर करें और किस पर नहीं.


राजधानी में मड़ियांव के रहने वाले मोहम्मद रियाज के फोन पर एक अज्ञात नंबर से 150 रुपए यूपीआई के माध्यम से पैसे आते हैं. जब तक रियाज कुछ सोच पाते तब तक एक कॉल आई और उन्हें बताया जाता है कि गलती से पैसे चले गए हैं. कृपया एक लिंक भेज रहे हैं उसे क्लिक कर उनके पैसे वापस भेज दें. रियाज ने कॉल करने वाले की परेशानी भरी आवाज सुनकर उन्हें उसी लिंक के जरिए 150 रुपए वापस भेज दिए. कुछ ही सेकेंड में उनके मोबाइल पर 33 हजार रुपए कटने का मैसेज आता है, जिस पर रियाज परेशान हो जाते हैं. जिसके बाद रियाज पैसे कटने का मैसेज मिलते ही साइबर सेल पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हैं.


साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि 'इस तरह की ठगी ने हम सभी को परेशान कर दिया है. परेशानी ठगों को रोकने और गिरफ्तार करने को लेकर नहीं बल्कि सामाजिक ताना बाना बिगाड़ने को लेकर है. सतीश कहते हैं कि अब साइबर ठग इंसानियत को हथियार बना रहे हैं. सतीश साहू के मुताबिक, ये ठगी ठीक उसी तरह है जैसे लोग खुद को शिकार का रिश्तेदार या फिर दोस्त बताकर यूपीआई के माध्यम से ठगी करते हैं.'


लिंक के जरिए ठग मांगते हैं पैसे वापस : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते हैं कि 'साइबर ठगों ने ये बिलकुल नया तरीका अपनाया है ठगने का. इसमें ठग पहले एक एमाउंट शिकार के नम्बर पर यूपीआई के जरिए भेजता है, फिर कॉल कर कहता है कि वो किसी और को भेज रहा था गलती से आपके पास चला गया, प्लीज वापस कर दें. बस इसी भरोसे के आधार पर ये अपराधी ठगी कर रहे. वो कहते हैं कि मैं एक लिंक भेज रहा हूं, जिसके जरिए आप पैसे वापस कर दें. अमित दुबे के मुताबिक, इस लिंक को रिवर्स पेमेंट लिंक यूपीआई कहते हैं और यह अधिक एमाउंट का होता है. जैसे ही उस लिंक को क्लिक करते हैं तो आपके अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं.


साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, 'अब हमें ठगने के लिए ध्यान देना होगा कि कोई भी लिंक क्लिक नहीं करना है. यहां तक आपको पैसे भेजने वाले के हिसाब से कोई भी काम नहीं करना है. आपको यदि पैसे वापस भी करने हैं तो यूपीआई के ही द्वारा वापस करें. अमित के मुताबिक, अधिकतर ठगी लोगों की हड़बड़ाहट के चलते हो जाती है. ऐसे में कोशिश तो यह करें कि कॉल आने के बाद कुछ समय के लिए आप रुकें और सोचें. इससे आपको यह समझने का समय मिल जायेगा कि कॉल करने वाला कौन है, कैसे पैसे वापस करने हैं. क्योंकि गलती से आपके अकाउंट में यदि पैसे आते हैं तो इसका मतलब नहीं कि आप दोषी हैं. आप थोड़ा समय लें, समझिए और फिर यूपीआई के ही जरिए पैसे वापस करें.'

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