लखनऊ : 'किसकी मौत हुई है', ये जानने की उत्सुकता आपका सभी गोपनीय डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंचा सकता है. ये इसलिए क्योंकि साइबर ठगों ने आपका डाटा चुराने के लिए यह नया तरीका अपनाया है, जिसका इस्तेमाल ब्लैकमेल करने लिए किया जाता है. अपराधी सोशल मीडिया में आपको 'जानिए किसकी हुई मौत' जैसे एक मैसेज का लिंक भेजते हैं और जैसे ही उसे खोलते हैं तुरंत आपका डाटा उनके पास पहुंच जाता है, जिसके बाद आपकी फेक फोटो, वीडियो करीबियों को भेजकर आपके पैसे ऐंठते हैं. साइबर पुलिस ने हालही में कई केस की जांच के दौरान यह पाया है कि लगभग सभी पीड़ितों को ऐसे मैसेज आए थे, जिन्होंने उन्होंने खोल कर देखा था.
ब्लैकमेल करने के लिए चोरी करते हैं डाटा : लोन फ्रॉड और सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों को ब्लैकमेल किया जाता है और फिर उनके करीबियों को फोन कर धमकी दी जाती है, लेकिन जालसाजों के पास पीड़ितों के व्यक्तिगत डेटा कैसे पहुंचता है ये जानना साइबर एक्सपर्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, लेकिन हालही में कुछ केस की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसमें साइबर जालसाज एक सॉफ्टवेयर की मदद से लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स में एक मैसेज भेजते हैं, जिसे लोग उत्सुकता वश खोल लेते हैं, जिसके बाद उस डिवाइस का पूरा डेटा साइबर अपराधियों के पास पहुंच जा रहा है.
जांच में सामने आया चौंकाने वाला मैसेज : राजधानी साइबर सेल के दरोगा सौरभ मिश्रा के मुताबिक, 'हालही में कुछ ब्लैकमेल केस की जांच के दौरान कुछ तथ्य सामने आए हैं, जो लगभग हर केस में एक जैसा ही था. दरोगा के मुताबिक, जांच में पाया गया कि कई पीढ़ियों के सोशल मीडिया मैसेंजर में एक ही तरह के मैसेज आए थे, जिसमें कुछ अंग्रेजी में और कुछ हिंदी में थे. जिसका टाइटल 'लुक हू डाइड' या 'जानिए किसकी हुई मौत' होता है. यह मैसेज देखने में बिल्कुल रियल लगते हैं, जिसके पढ़ने के लिए पीड़ित क्लिक कर देता है. लिंक खुलते ही उसमें दिए जाने वाले निर्देश फॉलो करने पर पूरा मोबाइल हैक हो जाता है और पूरा डेटा अपराधियों के पास पहुंच जाता है.'
लिंक क्लिक करने पर क्या होता है : उन्होंने बताया कि 'मैसेज वाला लिंक क्लिक करने पर एक वेब पेज खुलता है. वेब पेज पर अकाउंट यूजरनेम और पासवर्ड डालने के लिए कहा जाता है. दरअसल, यह एक फिशिंग लिंक की ही तरह एक ट्रैप होता है. यह एक नया तरीके का हानिकारक सॉफ्टवेयर होता है जो आपकी लॉगिन डिटेल और पर्सनल डिटेल चुरा लेता है. अकाउंट का एक्सेस मिलते ही अपराधी अकाउंट का एक्सेस ले लेते हैं और वहा से डाटा चोरी करते हैं. अपराधी फेसबुक अकाउंट से जुड़ी हुई डिटेल जैसे ई-मेल एड्रेस, फोन नंबर और बर्थ डेट को भी चोरी करते हैं, जिसका इस्तेमाल अपराधी अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स में एक्सेस करने के लिए करते हैं. इसी डाटा का इस्तमाल अपराधी लोन फ्रॉड और सेक्सटॉर्शन के अपराध में करते हैं. मैसेज भेजकर चुराए जा रहे डाटा का इस्तेमाल साइबर अपराधी पीड़ितों के दोस्तों से मदद के नाम पर रुपए मांगने, व्यक्तिगत जानकारी चुराकर ब्लैकमेल करने जैसे फ्रॉड करते हैं.'
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक, 'डाटा चोरी कर उसे ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, साइबर पुलिस और हम जैसे एक्सपर्ट ने जांच में पाया है कि सैकड़ों लोगों को एक मैसेज भेजा जाता है, जिसमें लिखा होता है कि, 'जानिए किसकी मौत हो गई'. शायद ही कोई ऐसा मैसेज देख कर अनदेखा कर दे, लगभग सभी उत्सुकता के चलते इस मैसेज को पढ़ने के लिए मैसेज में क्लिक कर देते हैं. इसमें साइबर अपराधी आपके पहचान के लोगों से जुड़ी खबरें लिखे होते हैं और अतिरिक्त खबर पढ़ने के लिए सोशल मीडिया लॉगिंन कराया जाता है. अमित कहते हैं कि, सावधानी सिर्फ इन मैसेज को अनदेखा करने और मैसेज भेजने वाले को ब्लॉक करने में ही है.'