ETV Bharat / state

Cyber Fraud! 'Hi Dad मेरा मोबाइल चोरी हो गया पैसे भेजिए'...ये पढ़ते ही अकाउंट खाली - रिटायर्ड बैंक कर्मी से साइबर ठगी

अगर आपसे कोई व्हाट्सएप में बेटा या बेटी बनकर पैसे मांगता है, तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि आज-कल साइबर ठग इस नया तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं.

Cyber Fraud
Cyber Fraud
author img

By

Published : Dec 22, 2022, 7:54 PM IST

Cyber Fraud का नया तरीका

लखनऊ: कभी रिश्तेदार तो कभी आपके दरवाजे पर कोरियर बॉय बन कर ठगी करने के बाद अब साइबर ठग आपका बेटा-बेटी बन कर फ्रॉड कर रहे हैं. इसके लिए वो पहले सोशल मीडिया में रिसर्च करते है. फिर शिकार को चिन्हित कर उनके व्हाट्सएप पर जालसाज बच्चे बन कर चूना लगा रहे हैं. साइबर सेल में रोजाना ऐसे पीड़त पहुंच रहे है, जिन्हें इस नए तरीके से ठगा गया है.

लखनऊ के अलीगंज में रिटायर्ड बैंक कर्मी का सबसे छोटा बेटा बैंगलोर में पढ़ाई करता है. 15 दिसंबर को उनके व्हाट्सएप पर HI DAD लिखा एक मैसेज आया. उन्हें एक बार भी समझ में नहीं आया कि किसी नए नंबर से उन्हें कौन मैसेज कर रहा है. उन्होंने मैसेज करने वाले से उसका नाम पूछा तो जालसाज ने बताया कि वह उनका बेटा है. उसका मोबाइल खो गया है. जिस कारण वह अपने दोस्त के नंबर से मैसेज कर रहा है. उसने यह भी कहा कि वह वाई फाई इस्तेमाल कर रहा है. नेटवर्क न आने से वह कॉल नहीं कर सकता है. मैसेज करने वाले ने कहा कि उसका मोबाइल और डेबिट कार्ड खो गया है. इसलिए जल्द से जल्द 45 हजार रुपये इस नंबर पर यूपीआई कर दें. पीड़ित रिटायर्ड बैंककर्मी ने बेटे को मुसीबत में देख तत्काल 45 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. कुछ ही देर बाद उस व्हाट्सएप नंबर की प्रोफाइल फोटो दिखनी बंद हो गई. पीड़त ने फिर अपने उसी बेटे को कॉल की तो उसे पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है.

सायबर सेल प्रभारी रंजीत राय के मुताबिक, इस तरह की ठगी सिर्फ रिटायर्ड बैंक कर्मी के साथ ही नहीं, रोजाना 2-3 ऐसे ही केस सामने आ रहे है. जिसमें जालसाज कभी बेटी तो कभी बेटा बन कर जालसाजी कर रहे है. उन्होंने बताया कि लोग अपने बेटे या बेटी को फंसा देख क्रॉस वेरिफिकेशन नहीं करते है. लिहाजा वो जालसाज के झांसे में आकर तत्काल पैसे ट्रांसफर कर देते है. जब उन्हें लगता है कि उनके साथ ठगी हुई है तो जो काम पहले करना चाहिए होता है वो ठगी होने के बाद करते है. यानी कि वो ठगी होने का एहसास होने पर अपने बेटे बेटी से वेरीफाई करते है.

बेटा-बेटी बन कर हो रही है ठगी
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते है कि पहले ठग फोन कर लोगों से खुद को उनका रिश्तेदार बताकर ठगी करते थे. हालांकि थोड़ी बहुत जागरूकता के चलते लोग ऐसी कॉल के झांसे में कम आने लगे. ऐसे में अब जालसाजों ने ये नया तरीका निकाला है. जिसमें जालसाज पहले सोशल मीडिया अकाउंट में रिसर्च करते है और फिर व्हाट्सएप पर बेटा बेटी बनकर पीड़ित से संपर्क करता है. उन्हें बताता है कि वो किसी दोस्त के व्हाट्सअप से मैसेज कर रहा है, क्योंकि उसका फोन खो गया है. जालसाज ऐसी बातें करता है, जिससे शिकार को लगता है कि सामने वाला उसका बेटा या बेटी ही है. जालसाज सीधे मुद्दे पर आता है और पैसों की डिमांड करता है कि बाकी बात वह बाद में करेगा अभी पैसे भेज दो पहले. जालसाज खुद का डेबिट कार्ड भी खो जाने की बात कर दूसरे अकाउंट में पैसा मंगाता है.

अंजान नंबर से मैसेज आने पर हो सतर्क
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, इस तरह की ठगी से बचने के लिए सबसे पहले पैनिक होने की जरुरत नहीं है. अगर कोई दूसरे नंबर से मैसेज करे और बताए कि वो आपका बेटा या परिवार का सदस्य है तो एक बार वेरीफाई करें. आप उसके नंबर पर कॉल कर सकते है. उनके दोस्तों पूछताछ कर सकते है. इन सब के बाद भी अगर आप फ्रॉड के शिककर होते है तो तत्काल साइबर हेल्प लाइन 1930 पर कॉल कर या साइबर थाने जाकर शिकायत दर्ज करा सकते है. वो कहते है कि अब तक इस घोटाले से लोगों को करीब 57.84 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

Cyber Fraud का नया तरीका

लखनऊ: कभी रिश्तेदार तो कभी आपके दरवाजे पर कोरियर बॉय बन कर ठगी करने के बाद अब साइबर ठग आपका बेटा-बेटी बन कर फ्रॉड कर रहे हैं. इसके लिए वो पहले सोशल मीडिया में रिसर्च करते है. फिर शिकार को चिन्हित कर उनके व्हाट्सएप पर जालसाज बच्चे बन कर चूना लगा रहे हैं. साइबर सेल में रोजाना ऐसे पीड़त पहुंच रहे है, जिन्हें इस नए तरीके से ठगा गया है.

लखनऊ के अलीगंज में रिटायर्ड बैंक कर्मी का सबसे छोटा बेटा बैंगलोर में पढ़ाई करता है. 15 दिसंबर को उनके व्हाट्सएप पर HI DAD लिखा एक मैसेज आया. उन्हें एक बार भी समझ में नहीं आया कि किसी नए नंबर से उन्हें कौन मैसेज कर रहा है. उन्होंने मैसेज करने वाले से उसका नाम पूछा तो जालसाज ने बताया कि वह उनका बेटा है. उसका मोबाइल खो गया है. जिस कारण वह अपने दोस्त के नंबर से मैसेज कर रहा है. उसने यह भी कहा कि वह वाई फाई इस्तेमाल कर रहा है. नेटवर्क न आने से वह कॉल नहीं कर सकता है. मैसेज करने वाले ने कहा कि उसका मोबाइल और डेबिट कार्ड खो गया है. इसलिए जल्द से जल्द 45 हजार रुपये इस नंबर पर यूपीआई कर दें. पीड़ित रिटायर्ड बैंककर्मी ने बेटे को मुसीबत में देख तत्काल 45 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. कुछ ही देर बाद उस व्हाट्सएप नंबर की प्रोफाइल फोटो दिखनी बंद हो गई. पीड़त ने फिर अपने उसी बेटे को कॉल की तो उसे पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है.

सायबर सेल प्रभारी रंजीत राय के मुताबिक, इस तरह की ठगी सिर्फ रिटायर्ड बैंक कर्मी के साथ ही नहीं, रोजाना 2-3 ऐसे ही केस सामने आ रहे है. जिसमें जालसाज कभी बेटी तो कभी बेटा बन कर जालसाजी कर रहे है. उन्होंने बताया कि लोग अपने बेटे या बेटी को फंसा देख क्रॉस वेरिफिकेशन नहीं करते है. लिहाजा वो जालसाज के झांसे में आकर तत्काल पैसे ट्रांसफर कर देते है. जब उन्हें लगता है कि उनके साथ ठगी हुई है तो जो काम पहले करना चाहिए होता है वो ठगी होने के बाद करते है. यानी कि वो ठगी होने का एहसास होने पर अपने बेटे बेटी से वेरीफाई करते है.

बेटा-बेटी बन कर हो रही है ठगी
साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते है कि पहले ठग फोन कर लोगों से खुद को उनका रिश्तेदार बताकर ठगी करते थे. हालांकि थोड़ी बहुत जागरूकता के चलते लोग ऐसी कॉल के झांसे में कम आने लगे. ऐसे में अब जालसाजों ने ये नया तरीका निकाला है. जिसमें जालसाज पहले सोशल मीडिया अकाउंट में रिसर्च करते है और फिर व्हाट्सएप पर बेटा बेटी बनकर पीड़ित से संपर्क करता है. उन्हें बताता है कि वो किसी दोस्त के व्हाट्सअप से मैसेज कर रहा है, क्योंकि उसका फोन खो गया है. जालसाज ऐसी बातें करता है, जिससे शिकार को लगता है कि सामने वाला उसका बेटा या बेटी ही है. जालसाज सीधे मुद्दे पर आता है और पैसों की डिमांड करता है कि बाकी बात वह बाद में करेगा अभी पैसे भेज दो पहले. जालसाज खुद का डेबिट कार्ड भी खो जाने की बात कर दूसरे अकाउंट में पैसा मंगाता है.

अंजान नंबर से मैसेज आने पर हो सतर्क
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, इस तरह की ठगी से बचने के लिए सबसे पहले पैनिक होने की जरुरत नहीं है. अगर कोई दूसरे नंबर से मैसेज करे और बताए कि वो आपका बेटा या परिवार का सदस्य है तो एक बार वेरीफाई करें. आप उसके नंबर पर कॉल कर सकते है. उनके दोस्तों पूछताछ कर सकते है. इन सब के बाद भी अगर आप फ्रॉड के शिककर होते है तो तत्काल साइबर हेल्प लाइन 1930 पर कॉल कर या साइबर थाने जाकर शिकायत दर्ज करा सकते है. वो कहते है कि अब तक इस घोटाले से लोगों को करीब 57.84 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.