लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पुलिस साइबर क्राइम से निपटने के लिए और हाईटेक बनेगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश के 18 जनपदों में नए साइबर क्राइम थाने खोले जाएंगे. लखनऊ और नोएडा में पहले से ही साइबर क्राइम थाने संचालित हैं.
साइबर क्राइम थानों का अपना भवन होगा. इन थानों के निर्माण में करीब 111 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और इसमें करीब 7 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के लिए 1 हजार 717 इंस्पेक्टर, 1 हजार 717 सब इंस्पेक्टर, 3 हजार 458 कॉन्स्टेबल सहित अन्य स्टाफ की तैनाती होगी. कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, आगरा और मेरठ में साइबर सेल टीम बनाई गई है. इसके साथ ही जनपद स्तर पर भी इसका गठन किया गया है.
बता दें कि आए दिन बढ़ रही साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और हाईटेक बनने जा रही है. प्रदेश के 18 जनपदों में साइबर पुलिस स्टेशन खोले जाने का ऐलान किया गया है. साइबर क्राइम की कोई भी घटना जनपद क्षेत्र के इन्हीं थानों में पंजीकृत की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, प्रयागराज, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, नोएडा, सहारनपुर, आजमगढ़, गोंडा, बस्ती, अयोध्या, लखनऊ, मिर्जापुर और वाराणसी में साइबर थाना खोलने का निर्णय लिया गया है. लखनऊ और नोएडा में पहले से ही साइबर क्राइम के थाने संचालित हैं, लेकिन इन दोनों ही थानों का नए सिरे से काम होना अभी बाकी है.
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साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की जिम्मेदारी आतंकी घटनाओं की तफ्तीश, क्रेडिट-डेबिट कार्ड से हेराफेरी, ऑनलाइन फ्रॉड, कंप्यूटरीकृत बैंक खातों से हेराफेरी और अन्य सरकारी साइटों को हैक करने के मामलों की जांच करनी होगी.