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साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खाते से उड़ाए पैसे - लखनऊ साइबर सेल

राजधानी लखनऊ में साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड पुलिस कर्मी के बैंक खाते से 16 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए. पीड़ित ने बैंक मैनेजर और कर्मचारियों पर मिली भगत का आरोप लगाया है.

साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खाते से उड़ाए पैसेसाइबर अपराधियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खाते से उड़ाए पैसे
साइबर अपराधियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी के खाते से उड़ाए पैसे
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Published : Aug 5, 2021, 1:38 PM IST

लखनऊ: साइबर क्राइम को लेकर भले ही तमाम दावे किए जाएं. नई-नई तकनीक के जरिए साइबर क्राइम को रोकने की कोशिश की जाए. लेकिन उन कोशिशों से आगे निकल कर साइबर अपराधी अपना काम कर ही लेते हैं. ऐसा ही ताजा मामला राजधानी लखनऊ के चौक इलाके के बैंक ऑफ बड़ौदा का है. जहां सहादतगंज के रहने वाले इरशाद रिजवी के बैंक खाते से 16 लाख 61 हजार रुपयों से ज्यादा 3 महीनों के अंदर बैंक से निकल गए हैं. जिसकी शिकायत इरशाद रिजवी ने चौक कोतवाली में कराई है. पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है.

दरअसल, इरशाद रिजवी पुलिस विभाग में कार्यरत थे. लेकिन जब रिटायर हुए तो उन्होंने अपना अकाउंट बैंक ऑफ बड़ौदा में खुलवाया, जिसमें उनकी पेंशन आती थी. पीड़ित अप्रैल महीने से जुलाई के बीच में बैंक नहीं गया. इससे पहले जब भी बैंक के पासबुक प्रिंट कराने की कोशिश की तब बैंककर्मियों ने सर्वर डाउन होने का हवाला देकर पासबुक प्रिंट नहीं की. जिसके चलते पीड़ित के अकाउंट में क्या कुछ चल रहा है इसकी जानकारी नहीं लग पाई. पीड़ित का कहना है कि पिछले काफी समय से उनके मोबाइल पर ट्रांजैक्शन का कोई भी मैसेज नहीं आता है, जिसके चलते उन्हें अकाउंट से पैसा निकालने की जानकारी नहीं लगी है.

इसे भी पढ़ें: कोरोना काल में साइबर ठगों के नए-नए पैंतरें, जानिए कैसे बचें

पीड़ित की मानें तो जब इस मामले में लखनऊ चौक ब्रांच के बैंक ऑफ बड़ौदा में मैनेजर से बात की तो उन्होंने जिम्मेदारी न लेते हुए सब कुछ पीड़ित के ऊपर छोड़ दिया. पीड़ित ने बैंक मैनेजर और बैंक कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें बैंक का कोई कर्मचारी शामिल है, क्योंकि उसके मोबाईल पर मैसेज आना बंद हो गए थे. बैंक अकाउंट खोलते समय से लेकर अभी तक पीड़ित ने नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कभी नहीं किया. इसके बावजूद उसके अकाउंट में नेट बैंकिंग चल रही है, जिसमें यूपीआई आईडी के जरिए चार पांच अलग-अलग यूपीआई आईडी पर 16 लाख 61 हजार रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है. फिलहाल अब पीड़ित इरशाद रिजवी ने लखनऊ के चौक कोतवाली में पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस से न्याय की गुहार की है.

वहीं, चौक कोतवाल विश्वजीत सिंह का कहना है कि सहादतगंज के रहने वाले इरशाद ने अपने साथ हुए साइबर अपराध का मुकदमा दर्ज कराया है. मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में साइबर क्राइम सेल एक्सपर्ट की सहायता भी ली जाएगी.

लखनऊ: साइबर क्राइम को लेकर भले ही तमाम दावे किए जाएं. नई-नई तकनीक के जरिए साइबर क्राइम को रोकने की कोशिश की जाए. लेकिन उन कोशिशों से आगे निकल कर साइबर अपराधी अपना काम कर ही लेते हैं. ऐसा ही ताजा मामला राजधानी लखनऊ के चौक इलाके के बैंक ऑफ बड़ौदा का है. जहां सहादतगंज के रहने वाले इरशाद रिजवी के बैंक खाते से 16 लाख 61 हजार रुपयों से ज्यादा 3 महीनों के अंदर बैंक से निकल गए हैं. जिसकी शिकायत इरशाद रिजवी ने चौक कोतवाली में कराई है. पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है.

दरअसल, इरशाद रिजवी पुलिस विभाग में कार्यरत थे. लेकिन जब रिटायर हुए तो उन्होंने अपना अकाउंट बैंक ऑफ बड़ौदा में खुलवाया, जिसमें उनकी पेंशन आती थी. पीड़ित अप्रैल महीने से जुलाई के बीच में बैंक नहीं गया. इससे पहले जब भी बैंक के पासबुक प्रिंट कराने की कोशिश की तब बैंककर्मियों ने सर्वर डाउन होने का हवाला देकर पासबुक प्रिंट नहीं की. जिसके चलते पीड़ित के अकाउंट में क्या कुछ चल रहा है इसकी जानकारी नहीं लग पाई. पीड़ित का कहना है कि पिछले काफी समय से उनके मोबाइल पर ट्रांजैक्शन का कोई भी मैसेज नहीं आता है, जिसके चलते उन्हें अकाउंट से पैसा निकालने की जानकारी नहीं लगी है.

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पीड़ित की मानें तो जब इस मामले में लखनऊ चौक ब्रांच के बैंक ऑफ बड़ौदा में मैनेजर से बात की तो उन्होंने जिम्मेदारी न लेते हुए सब कुछ पीड़ित के ऊपर छोड़ दिया. पीड़ित ने बैंक मैनेजर और बैंक कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें बैंक का कोई कर्मचारी शामिल है, क्योंकि उसके मोबाईल पर मैसेज आना बंद हो गए थे. बैंक अकाउंट खोलते समय से लेकर अभी तक पीड़ित ने नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कभी नहीं किया. इसके बावजूद उसके अकाउंट में नेट बैंकिंग चल रही है, जिसमें यूपीआई आईडी के जरिए चार पांच अलग-अलग यूपीआई आईडी पर 16 लाख 61 हजार रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ है. फिलहाल अब पीड़ित इरशाद रिजवी ने लखनऊ के चौक कोतवाली में पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस से न्याय की गुहार की है.

वहीं, चौक कोतवाल विश्वजीत सिंह का कहना है कि सहादतगंज के रहने वाले इरशाद ने अपने साथ हुए साइबर अपराध का मुकदमा दर्ज कराया है. मामले की जांच की जा रही है. इस मामले में साइबर क्राइम सेल एक्सपर्ट की सहायता भी ली जाएगी.

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