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Cyber fraud in Lucknow: कनाडा से लखनऊ आए NRI से 10 लाख की ठगी - लखनऊ में धोखाधड़ी

Cyber fraud in Lucknow: लखनऊ में एनआरआई से साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. सोमवार को यहां कनाडा से लखनऊ आए NRI से 10 लाख रुपये की ठगी साइबर अपराधियों ने की. साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने कहा कि लोगों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय अधिक सावधान रहना चाहिए.

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Published : Mar 14, 2023, 7:06 AM IST

लखनऊ: घर की मरम्मत कराने कनाडा से भारत आए एक बुजुर्ग एनआरआई को अपनी कार का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना महंगा पड़ गया. आरटीओ की जगह उन्होंने इंटरनेट पर मिले साइबर जालसाज के नंबर पर कॉल की और उनके खाते से दस लाख रुपए उड़ गए. पीड़ित बुजुर्ग ने अपने स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों की स्कॉलरशिप फंड के लिए पैसे जोड़ कर रखे थे, जिन्हें साइबर अपराधियों ने लूट लिया. साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज की गयी.

कॉल का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने के लिए इंटरनेट से निकला नंबर: राजधानी के जानकीपुरम निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग एनआरआई के मुताबिक, वो बीते कई वर्षों से कनाडा के माँट्रियाल में रहते हैं. बीती जनवरी को वो लखनऊ अपने घर की मरम्मत करवाने के लिए आए थे. इस दौरान उनकी कार की रजिस्ट्रेशन अवधि समाप्त हो गयी. उसका नवीनीकरण कराने के लिए बुजुर्ग एनआरआई ने इंटरनेट में आरटीओ का नंबर तलाश किया. बुजुर्ग ने बताया कि इंटरनेट पर मिले आरटीओ के नंबर पर जब उन्होंने कॉल की, तो उनको नवीनीकरण के लिए दस रुपए फीस बताई गई और उनसे ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा गया.


सरकारी कर्मचारी समझ डाउनलोड कर लिया Any Desk ऐप: पीड़ित एनआरआई ने बताया कि, जब उन्होंने इंटरनेट से मिले आरटीओ के नंबर पर कॉल की, तो उन्हे Any Desk नाम की वेबसाइट पर दस रुपए पेमेंट करने के लिए कहा गया. उन्होंने जब कॉल उठाने वाले से बैंक एकाउंट से ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात कही, तो उन्हें मना करते हुए उसी वेबसाइट पर पेमेंट करने के लिए कहा गया. बुजुर्ग को लगा कि सरकारी कर्मचारी है, तो उसकी बातों में आ गये. जैसा जालसाज कहता गया, वो वैसा ही करते गये.

उनसे कहा गया कि शाम को एक वरिष्ठ अधिकारी उनसे बात करेंगे, लेकिन कॉल नहीं आई. शाम को बैंक की ओर से पांच लाख रुपए उनके बैंक अकाउंट से कटने का मेल आया, तो वो हैरान रह गए. उन्होंने ऑनलाइन बैंकिंग का पासवर्ड बदला, लेकिन तब तक पांच लाख और कटने का मेल आ गया. बुजुर्ग के मुताबिक, उन्होंने अपने पैतृक गांव में बने एक महिला कॉलेज में पढ़ने वाली बच्चियों को स्कॉलरशिप देने के लिए दस लाख का फंड जोड़ कर रखा था. वो सारा पैसा साइबर जालसाजों ने लूट लिया.


साइबर टीम कर रही जांच: साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने बताया कि पीड़ित बुजुर्ग एनआरआई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साइबर टीम अपराधियों की तलाश कर रही है.

ये भी पढ़ें- महोबा को मंत्री नितिन गडकरी ने दी 3500 करोड़ की सौगात, बोले- यूपी में जल्द अमेरिका जैसी सड़कें होंगी

लखनऊ: घर की मरम्मत कराने कनाडा से भारत आए एक बुजुर्ग एनआरआई को अपनी कार का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना महंगा पड़ गया. आरटीओ की जगह उन्होंने इंटरनेट पर मिले साइबर जालसाज के नंबर पर कॉल की और उनके खाते से दस लाख रुपए उड़ गए. पीड़ित बुजुर्ग ने अपने स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों की स्कॉलरशिप फंड के लिए पैसे जोड़ कर रखे थे, जिन्हें साइबर अपराधियों ने लूट लिया. साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज की गयी.

कॉल का रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने के लिए इंटरनेट से निकला नंबर: राजधानी के जानकीपुरम निवासी 90 वर्षीय बुजुर्ग एनआरआई के मुताबिक, वो बीते कई वर्षों से कनाडा के माँट्रियाल में रहते हैं. बीती जनवरी को वो लखनऊ अपने घर की मरम्मत करवाने के लिए आए थे. इस दौरान उनकी कार की रजिस्ट्रेशन अवधि समाप्त हो गयी. उसका नवीनीकरण कराने के लिए बुजुर्ग एनआरआई ने इंटरनेट में आरटीओ का नंबर तलाश किया. बुजुर्ग ने बताया कि इंटरनेट पर मिले आरटीओ के नंबर पर जब उन्होंने कॉल की, तो उनको नवीनीकरण के लिए दस रुपए फीस बताई गई और उनसे ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए कहा गया.


सरकारी कर्मचारी समझ डाउनलोड कर लिया Any Desk ऐप: पीड़ित एनआरआई ने बताया कि, जब उन्होंने इंटरनेट से मिले आरटीओ के नंबर पर कॉल की, तो उन्हे Any Desk नाम की वेबसाइट पर दस रुपए पेमेंट करने के लिए कहा गया. उन्होंने जब कॉल उठाने वाले से बैंक एकाउंट से ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात कही, तो उन्हें मना करते हुए उसी वेबसाइट पर पेमेंट करने के लिए कहा गया. बुजुर्ग को लगा कि सरकारी कर्मचारी है, तो उसकी बातों में आ गये. जैसा जालसाज कहता गया, वो वैसा ही करते गये.

उनसे कहा गया कि शाम को एक वरिष्ठ अधिकारी उनसे बात करेंगे, लेकिन कॉल नहीं आई. शाम को बैंक की ओर से पांच लाख रुपए उनके बैंक अकाउंट से कटने का मेल आया, तो वो हैरान रह गए. उन्होंने ऑनलाइन बैंकिंग का पासवर्ड बदला, लेकिन तब तक पांच लाख और कटने का मेल आ गया. बुजुर्ग के मुताबिक, उन्होंने अपने पैतृक गांव में बने एक महिला कॉलेज में पढ़ने वाली बच्चियों को स्कॉलरशिप देने के लिए दस लाख का फंड जोड़ कर रखा था. वो सारा पैसा साइबर जालसाजों ने लूट लिया.


साइबर टीम कर रही जांच: साइबर क्राइम थाना प्रभारी मुस्लिम खान ने बताया कि पीड़ित बुजुर्ग एनआरआई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साइबर टीम अपराधियों की तलाश कर रही है.

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