लखनऊ: राजधानी में साइबर अपराधी इलाज दिलाने के नाम पर कोरोना मरीजों को ठगने से बाज नहीं आ रहे. अस्पताल में बेड दिलाने और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के नाम पर जालसाज मरीज के परिजनों को चूना लगा रहे हैं. राजधानी से दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां अस्पताल में बेड के नाम पर 15 हजार और एक अन्य से ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर 20 हजार बैंक खाते में जालसाजों ने ट्रांसफर करा लिए. लिहाजा साइबर क्राइम सेल ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. कोरोना संकट के बीच फायदा उठाकर साइबर अपराधी इलाज के नाम पर लोगों की गाढ़ी कमाई को उड़ा सकते हैं.
इलाज के नाम पर साइबर ठग हुए सक्रिय
राजधानी में कोरोना वायरस के चलते हालात बदतर हैं. अस्पतालों में न तो बेड मिल रहे हैं और न ही ऑक्सीजन. ऑक्सीजन की किल्लत के चलते गंभीर मरीज जान गंवा रहे हैं. इस बीच साइबर ठग भी सक्रिय हो गए हैं जो अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. जालसाजी के मामले सामने आने के बाद साइबर क्राइम सेल ने एडवाइजरी जारी की है और लोगों को साइबर ठगों से बचने की सलाह दी है.
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इस तरह होती है जालसाजी
साइबर सेल ने आगाह किया है कि गूगल और सोशल मीडिया पर इलाज संबंधी कई फेक साइट उपलब्ध हैं. जिन पर अस्पताल के फर्जी मोबाइल नंबर मिल रहे हैं. जालसाज मरीज के परिजनों से अस्पताल का प्रतिनिधि बनकर अस्पताल में बेड के नाम पर बुकिंग अमाउंट बैंक खातों में ट्रांसफर करवा रहे हैं. ऐसा एक मामला गोमती नगर के विराम खंड से सामने आया है, जहां नीरज कुमार से बेड की एडवांस बुकिंग के नाम पर 15,000 रुपये की ठगी हुई है. वहीं इंदिरा नगर के बसंत कुमार से भी ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर 20,000 रुपये की ठगी हुई है.