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साइबर अपराधियों के लिए लॉकडाउन बना वरदान, बढ़ गए 90 फीसदी मामले

लॉकडाउन के दौरान बढ़े ऑनलाइन लेन-देन साइबर अपराधियों के लिए वरदान साबित हुए. राजधानी लखनऊ में बीते 11 महीनों के दौरान 4200 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए जिनमें से 3000 मामले बैंकों से जुड़े ठगी के हैं. आपकी जरा सी लापरवाही आपको साइबर धोखाधड़ी का शिकार बना सकती है.

साइबर अपराध
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Published : Dec 21, 2020, 8:07 PM IST

लखनऊ : लॉकडाउन के दौरान जब घरों के अंदर सिमटे लोग ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा दे रहे थे तब साइबर अपराधी इसे अपने लिए मौका समझ रहे थे. लॉकडाउन के दौरान पुलिस के पास साइबर अपराध से जुड़े मामलों में करीब 90 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया. राजधानी लखनऊ में बीते 11 महीनों के दौरान 4200 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए. इनमें से अकेले 3000 मामले बैंक से जुड़े ठगी के हैं.

आपकी सावधानी ही आपको बचा सकती है

साइबर अपराध का शिकार होने से बचाने के लिए बैंकों ने भी अपनी पहल तेज कर दी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 10 हजार से ऊपर के लेन-देन पर ओटीपी को अनिवार्य कर दिया है.

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

लॉकडाउन के दौरान बैंकों में भीड़ कम हो गई और डिजिटल लेन-देन बढ़ते चले गए. साइबर ठगों ने इसे मौके के रुप में लिया. पुलिस और बैंक लगातार लोगों को साइबर अपराध से बचने के लिए सावधान कर रहे हैं. आजकल साइबर ठग लोगों से EMI, पीएम केयर्स फंड और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के नाम पर कई लिंक लोगों तक भेजते हैं. इस लिंक को क्लिक करते ही लोग साइबर ठग का शिकार हो जाते हैं. लोगों से किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक नहीं करने की अपील लगातार की जा रही है.

सांकेतिक तस्वीर
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भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत और बैंक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी पवन कुमार का कहना है कि इन दिनों कार्ड क्लोनिंग, क्यूआर कोड और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले खूब बढ़ रहे हैं. बैंकों के सामने भी इन बढ़ते हुए अपराधों से निपटना बड़ी चुनौती है. बैंक लगातार अपने ग्राहकों को सावधान कर रहे हैं.

सांकेतिक तस्वीर
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बैंक में साइबर एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे डॉ. राघवेंद्र शुक्ला कहते हैं कि लोग अपने एटीएम का पिन बनाने के दौरान सावधानी नहीं बरतते हैं ऐसे में खतरा बढ़ जाता है. लोगों से अपने एटीएम के पिन और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी को गोपनीय रखना चाहिए.

बहरहाल आपकी सावधानी ही आपको साइबर अपराध का शिकार होने से बचा सकती है. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपकी गाढ़ी कमाई को पल भर में खत्म कर सकती है.

लखनऊ : लॉकडाउन के दौरान जब घरों के अंदर सिमटे लोग ऑनलाइन लेन-देन को बढ़ावा दे रहे थे तब साइबर अपराधी इसे अपने लिए मौका समझ रहे थे. लॉकडाउन के दौरान पुलिस के पास साइबर अपराध से जुड़े मामलों में करीब 90 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया. राजधानी लखनऊ में बीते 11 महीनों के दौरान 4200 से ज्यादा साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए. इनमें से अकेले 3000 मामले बैंक से जुड़े ठगी के हैं.

आपकी सावधानी ही आपको बचा सकती है

साइबर अपराध का शिकार होने से बचाने के लिए बैंकों ने भी अपनी पहल तेज कर दी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 10 हजार से ऊपर के लेन-देन पर ओटीपी को अनिवार्य कर दिया है.

सांकेतिक तस्वीर
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लॉकडाउन के दौरान बैंकों में भीड़ कम हो गई और डिजिटल लेन-देन बढ़ते चले गए. साइबर ठगों ने इसे मौके के रुप में लिया. पुलिस और बैंक लगातार लोगों को साइबर अपराध से बचने के लिए सावधान कर रहे हैं. आजकल साइबर ठग लोगों से EMI, पीएम केयर्स फंड और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के नाम पर कई लिंक लोगों तक भेजते हैं. इस लिंक को क्लिक करते ही लोग साइबर ठग का शिकार हो जाते हैं. लोगों से किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक नहीं करने की अपील लगातार की जा रही है.

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भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत और बैंक एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी पवन कुमार का कहना है कि इन दिनों कार्ड क्लोनिंग, क्यूआर कोड और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले खूब बढ़ रहे हैं. बैंकों के सामने भी इन बढ़ते हुए अपराधों से निपटना बड़ी चुनौती है. बैंक लगातार अपने ग्राहकों को सावधान कर रहे हैं.

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बैंक में साइबर एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे डॉ. राघवेंद्र शुक्ला कहते हैं कि लोग अपने एटीएम का पिन बनाने के दौरान सावधानी नहीं बरतते हैं ऐसे में खतरा बढ़ जाता है. लोगों से अपने एटीएम के पिन और बैंकिंग से जुड़ी जानकारी को गोपनीय रखना चाहिए.

बहरहाल आपकी सावधानी ही आपको साइबर अपराध का शिकार होने से बचा सकती है. आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपकी गाढ़ी कमाई को पल भर में खत्म कर सकती है.

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