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यहां फैला है साइबर ठगों का मकड़जाल, रहें सावधान

राजधानी लखनऊ में साइबर ठगों का मकड़जाल फैलता ही जा रहा है, जिससे लोग अपनी जमा पूंजी से हाथ धो बैठ रहे हैं. साइबर जालसाज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. यही नहीं ये जालसाज जिन लोगों को ठग नहीं पाते हैं, उनके मोबाइल नंबर का दुरुपयोग कर रहे हैं.

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Published : Feb 20, 2021, 6:19 PM IST

डिजाइन इमेज.
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लखनऊ: राजधानी में साइबर जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं लोग जब तक इन जालसाजों के उन तरीकों को समझ पाते हैं तब तक ये जालसाज कुछ नए तरीके ढूंढ कर लोगों को अपना शिकार बनाने लगते हैं. राजधानी लखनऊ में इन दिनों साइबर जालसाज एक नए तरह के टूल के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं.

जानकारी देते एसीपी विवेक रंजन राय.

बता दें कि व्हाट्सएप पर करोड़पति का लॉटरी नंबर भेजकर जालसाज लोगों एक क्यूआर कोड को स्कैन करने को कहते हैं. वहीं लोग भी ऐसे लालच का शिकार हो जाते हैं. जैसे ही वह क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनका पूरा अकाउंट हैक हो जाता है. वहीं कई युवा इस तरह की जालसाजी का शिकार हो चुके हैं और पुलिस का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं साइबर क्राइम सेल भी ओएलएक्स और व्हाट्सएप पर इस तरह के फ्रॉड की शिकायतों की जांच कर रहा है.

करोड़पति बनने का झांसे देकर ठग रहे साइबर जालसाज
राजधानी में इन दिनों साइबर जालसाजी के मामलों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जिस तेजी से इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन बड़ा है. उसी तेजी से अब साइबर जालसाज ऐसे लोगों को लालच देकर अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इन दिनों ऑनलाइन तरीके से करोड़पति बनाने के लिए व्हाट्सएप पर लिंक भेज रहे हैं, जिसमें लॉटरी नंबर दर्ज होता है और फिर वह फोन करके ऐसे लोगों को पैसे का लालच देते हैं. फिर एक क्यूआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने को कहते हैं. जैसे ही लोग क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनका पूरा अकाउंट हैक हो जाता है.

कैसे ठगी का शिकार हो रहे हैं लोग
कैसरबाग के रहने वाले शुभम जब साइबर क्राइम सेल में एक अलग तरह की शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां उनकी शिकायत सुनकर सब दंग रह गए, क्योंकि यह साइबर जालसाज के द्वारा ठगी का एक नया तरीका था. शुभम बताते हैं कि उनके मोबाइल पर एक मैसेज आता है, जिसमें एक लॉटरी नंबर दर्ज था. बाद में एक महिला कॉलर के द्वारा उन्हें फोन किया गया और उनका लॉटरी नंबर पूछा गया. बाद में उनके मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड भेजा गया, जिसको उन्होंने स्कैन किया तो उनका पूरा अकाउंट हैक हो गया. हालांकि उनके खाते में पैसा न होने की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर दूसरा व्हाट्सएप एक्टिवेट करके उसका दुरुपयोग किया जाने लगा. शुभम बताते हैं कि इस तरह की ठगी का शिकार हुए और भी लोगों को वह जानते हैं, जिनके खाते से पैसे भी गए हैं.

ओएलएक्स पर भी फ्रॉड का हो रहे हैं शिकार
'कुछ भी बेच दो' के नाम से ओएलएक्स मशहूर है. वहीं इस पर लोग बिना किसी हिचक के अपना नया-पुराना सामान बेचते हैं, लेकिन इन दिनों सस्ते सामान की लालच में लोग साइबर जालसाज का शिकार हो रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा आर्मी के लोग शामिल हैं. आए दिन ओएलएक्स के माध्यम से ठगी के मामले राजधानी के साइबर क्राइम सेल में पहुंच रहे हैं.

वहीं लोगों को इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. ओएलएक्स पर पहले कोई भी कार, बाइक सस्ते दामों में डाल दी जाती है फिर जैसे ही लोग उसको पसंद करके दिए गए नंबर पर फोन करते हैं तो उनसे एडवांस की रकम मांगी जाती है. फिर उन्हें गूगल पे या फोन पे के माध्यम से दिए गए नंबर पर पैसा भेजने को कहा जाता है. इस तरीके से बिना सामान खरीदे ही लोग बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं.

क्या कहते हैं साइबर अधिकारी
राजधानी लखनऊ में जहां एक तरफ साइबर जालसाजी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं हर रोज साइबर क्राइम सेल में दर्जन भर से ज्यादा मामले इस तरह के फ्रॉड के पहुंच रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा आर्थिक फ्रॉड के मामले शामिल होते हैं. वहीं साइबर क्राइम सेल के एसीपी विवेक रंजन राय बताते हैं कि इन दिनों ओएलएक्स के माध्यम से ठगी के मामले खूब सामने आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर आर्मी वाले लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जालसाज लालच देते हैं और फिर किसी लिंक या क्यूआर कोड को स्कैन करने को कहते हैं. वहीं लोग लालच में आकर ठगी का शिकार हो जाते हैं.

साइबर फ्रॉड से बचने लिए अपनाएं ये तरीके

  • किसी भी तरीके की ऑनलाइन लॉटरी या लालच से बचें.
  • किसी भी क्यूआर कोड या लिंक पर बेवजह क्लिक न करें, हो सकता है आपका अकाउंट हैक हो जाए.
  • मोबाइल पर आया हुआ कोई भी ओटीपी किसी को भी फोन पर न बताएं, इससे आपके बैंक अकाउंट या मोबाइल नंबर को जालसाज हैक कर सकते हैं.
  • ओएलएक्स पर सस्ते सामान के लालच में न पड़े और न ही किसी को एडवांस में कोई रकम ऑनलाइन तरीके से भेजें.
  • बैंक द्वारा किसी भी तरीके की लाटरी या ऐसे प्रलोभन नहीं दिए जाते हैं, इसलिए फोन पर बैंक के नाम से जालसाज आपकी गोपनीय जानकारियों को पूछ सकते हैं. इससे सावधान रहें.

लखनऊ: राजधानी में साइबर जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. वहीं लोग जब तक इन जालसाजों के उन तरीकों को समझ पाते हैं तब तक ये जालसाज कुछ नए तरीके ढूंढ कर लोगों को अपना शिकार बनाने लगते हैं. राजधानी लखनऊ में इन दिनों साइबर जालसाज एक नए तरह के टूल के जरिए लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं.

जानकारी देते एसीपी विवेक रंजन राय.

बता दें कि व्हाट्सएप पर करोड़पति का लॉटरी नंबर भेजकर जालसाज लोगों एक क्यूआर कोड को स्कैन करने को कहते हैं. वहीं लोग भी ऐसे लालच का शिकार हो जाते हैं. जैसे ही वह क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनका पूरा अकाउंट हैक हो जाता है. वहीं कई युवा इस तरह की जालसाजी का शिकार हो चुके हैं और पुलिस का चक्कर लगा रहे हैं. वहीं साइबर क्राइम सेल भी ओएलएक्स और व्हाट्सएप पर इस तरह के फ्रॉड की शिकायतों की जांच कर रहा है.

करोड़पति बनने का झांसे देकर ठग रहे साइबर जालसाज
राजधानी में इन दिनों साइबर जालसाजी के मामलों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जिस तेजी से इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन बड़ा है. उसी तेजी से अब साइबर जालसाज ऐसे लोगों को लालच देकर अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इन दिनों ऑनलाइन तरीके से करोड़पति बनाने के लिए व्हाट्सएप पर लिंक भेज रहे हैं, जिसमें लॉटरी नंबर दर्ज होता है और फिर वह फोन करके ऐसे लोगों को पैसे का लालच देते हैं. फिर एक क्यूआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने को कहते हैं. जैसे ही लोग क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, उनका पूरा अकाउंट हैक हो जाता है.

कैसे ठगी का शिकार हो रहे हैं लोग
कैसरबाग के रहने वाले शुभम जब साइबर क्राइम सेल में एक अलग तरह की शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां उनकी शिकायत सुनकर सब दंग रह गए, क्योंकि यह साइबर जालसाज के द्वारा ठगी का एक नया तरीका था. शुभम बताते हैं कि उनके मोबाइल पर एक मैसेज आता है, जिसमें एक लॉटरी नंबर दर्ज था. बाद में एक महिला कॉलर के द्वारा उन्हें फोन किया गया और उनका लॉटरी नंबर पूछा गया. बाद में उनके मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड भेजा गया, जिसको उन्होंने स्कैन किया तो उनका पूरा अकाउंट हैक हो गया. हालांकि उनके खाते में पैसा न होने की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उनके मोबाइल नंबर पर दूसरा व्हाट्सएप एक्टिवेट करके उसका दुरुपयोग किया जाने लगा. शुभम बताते हैं कि इस तरह की ठगी का शिकार हुए और भी लोगों को वह जानते हैं, जिनके खाते से पैसे भी गए हैं.

ओएलएक्स पर भी फ्रॉड का हो रहे हैं शिकार
'कुछ भी बेच दो' के नाम से ओएलएक्स मशहूर है. वहीं इस पर लोग बिना किसी हिचक के अपना नया-पुराना सामान बेचते हैं, लेकिन इन दिनों सस्ते सामान की लालच में लोग साइबर जालसाज का शिकार हो रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा आर्मी के लोग शामिल हैं. आए दिन ओएलएक्स के माध्यम से ठगी के मामले राजधानी के साइबर क्राइम सेल में पहुंच रहे हैं.

वहीं लोगों को इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. ओएलएक्स पर पहले कोई भी कार, बाइक सस्ते दामों में डाल दी जाती है फिर जैसे ही लोग उसको पसंद करके दिए गए नंबर पर फोन करते हैं तो उनसे एडवांस की रकम मांगी जाती है. फिर उन्हें गूगल पे या फोन पे के माध्यम से दिए गए नंबर पर पैसा भेजने को कहा जाता है. इस तरीके से बिना सामान खरीदे ही लोग बड़ी आसानी से ठगी का शिकार हो जाते हैं.

क्या कहते हैं साइबर अधिकारी
राजधानी लखनऊ में जहां एक तरफ साइबर जालसाजी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो वहीं हर रोज साइबर क्राइम सेल में दर्जन भर से ज्यादा मामले इस तरह के फ्रॉड के पहुंच रहे हैं, जिनमें सबसे ज्यादा आर्थिक फ्रॉड के मामले शामिल होते हैं. वहीं साइबर क्राइम सेल के एसीपी विवेक रंजन राय बताते हैं कि इन दिनों ओएलएक्स के माध्यम से ठगी के मामले खूब सामने आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर आर्मी वाले लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए जालसाज लालच देते हैं और फिर किसी लिंक या क्यूआर कोड को स्कैन करने को कहते हैं. वहीं लोग लालच में आकर ठगी का शिकार हो जाते हैं.

साइबर फ्रॉड से बचने लिए अपनाएं ये तरीके

  • किसी भी तरीके की ऑनलाइन लॉटरी या लालच से बचें.
  • किसी भी क्यूआर कोड या लिंक पर बेवजह क्लिक न करें, हो सकता है आपका अकाउंट हैक हो जाए.
  • मोबाइल पर आया हुआ कोई भी ओटीपी किसी को भी फोन पर न बताएं, इससे आपके बैंक अकाउंट या मोबाइल नंबर को जालसाज हैक कर सकते हैं.
  • ओएलएक्स पर सस्ते सामान के लालच में न पड़े और न ही किसी को एडवांस में कोई रकम ऑनलाइन तरीके से भेजें.
  • बैंक द्वारा किसी भी तरीके की लाटरी या ऐसे प्रलोभन नहीं दिए जाते हैं, इसलिए फोन पर बैंक के नाम से जालसाज आपकी गोपनीय जानकारियों को पूछ सकते हैं. इससे सावधान रहें.
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