लखनऊ : देश के सामने साइबर सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. साइबर एक्सपर्ट जितनी तेजी से ठगों के ट्रेंड का तोड़ निकाल रहे हैं, उतनी ही चालाकी से ऐसे ठग अपने तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं. इस परिस्थिति में साइबर क्रिमिनल्स की चाल को समझना और उनसे बचाव करना चुनौती है.
मौजूदा समय देश में लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी तरीके से डिजिटल बैंकिंग से जुड़ा हुआ है. चिंता की बात यह है कि इसी वजह से लोग बैंकिंग फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं. पीएम मोदी भी बढ़ रहे साइबर क्राइम पर चिंता जाहिर कर चुके हैं, लेकिन इसे कैसे रोका जाए इसका अब तक कोई भी ठोस विकल्प नहीं मिला है. इसकी वजह यह कि हर साइबर ठग हर दिन अपने तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. मौजूदा दौर में अपराधियों के फ्रॉड का तरीका भी पूरी तरह से इनोवेटिव हो गया है.
इस तरह से ठगी कर रहे हैं साइबर क्रिमिनल्स :
1: साइबर ठग पहले ओटीपी भेजकर चालाकी से अपने शिकार से जानकारी लेते थे. उसके बाद वह पल भर में बैंक खाता खाली कर देते थे. लेकिन अब इन ठगों ने अपना तरीका बदल लिया है. क्रिमिनल्स अब अपने शिकार का सिम ही दूसरे नाम से एक्टिवेट करवाकर खुद ओटीपी जान लेते हैं और एकाउंट खाली कर रहे हैं.
2: साइबर क्रिमिनल्स अपने शिकार की आर्थिक स्थिति को स्टडी करते हैं फिर उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर एक छोटी रकम डिपॉजिट कर देते है. इसके बाद वह वसूली की प्रक्रिया शुरू करते हैं. ठग अपने शिकार की अश्लील फोटो को बनाकर उनके परिचितों को भेजने की धमकी देकर लाखों रुपये लूट रहे हैं.
3: साइबर ठग सिर्फ एकाउंट को खाली करने के लिए अब ओटीपी के सहारे नहीं हैं. साइबर ठग लोगों को उनके बिजली कनेक्शन काटने की धमकी देते हैं. एक मोबाइल एप्पलीकेशन को इंस्टॉल करवाकर बिल जमा करने के लिए कहते हैं. एप्लिकेशन इंस्टॉल करते ही खाते की रकम ठगों के पास पहुंच जाती है.
4: साइबर ठगों ने सेक्सटॉर्शन को अपना सबसे मजबूत हथियार बना लिया है. अपराधी पुरुषों की पहले पूरी जानकारी जुटा लेते हैं, जिसमें उनके परिचितों के कांटेक्ट नंबर भी शामिल होते हैं. उसके बाद अचानक महिला वीडियो कॉल करके न्यूड हो जाती है और सामने वाले शिकार का वीडियो बना लेती है. इसके बाद ठग वीडियो वायरल करने के नाम पर ठगी करते हैं. इसका शिकार पढ़े-लिखे लोग अधिक हो रहे हैं.
5: साइबर क्रिमिनल्स रोजना नए-नए तरीकों से इस्तेमाल करते हैं. नेट बैंकिंग जैसी ही एक फेक वेबसाइट बनाकर शिकार को भेजते हैं. लोगों से अपील की जाती है वह KYC कर लें. जब शिकार उस फेक वेबसाइट को खोलकर उसमें यूजर आईडी व पासवर्ड डालते हैं, तो साइबर ठगों के पास वह डिटेल चली जाती है. उसके बाद ठग खाते की रकम खाली कर दे रहे है.
लुभावने ऑफर देकर ठगी :
व्हाट्सएप के माध्यम से प्रसिद्ध वेबसाइट जैसे- फ्लिपकार्ट, अमेजन आदि के द्वारा खास उपलक्ष्य पर अपने ग्राहकों/आम जनमानस को उपहार दिए जाने का लिंक प्राप्त होता है. आप ऐसे लिंक को क्लिक करते हैं तो आपके ब्राउजर पर खुलता है. ब्राउजर पर एक वेलकम संदेश मिलता है जिसमें बताया जाता है कि आप अमेजन या अन्य के खास उपभोक्ता या उपयोगकर्ता हैं. आज इस खास मौके पर आप आईफोन या अन्य कोई महंगा गिफ्ट जीत सकते हैं, आपके पास 3 विकल्प हैं. उसके बाद 'नेक्स्ट' पर क्लिक करने पर आपको स्क्रीन पर कई बॉक्स दिखते हैं. इनमें क्लिक करने पर आपको गिफ्ट मिलेगा या नहीं इसका पता लगता है.
इनकी ऐसी प्रोग्रामिंग की जाती है कि आपको दो बार क्लिक करने पर कुछ नहीं मिलेगा, लेकिन तीसरी बार क्लिक करने पर आपको आईफोन आदि जीतने की बधाई मिलती है. साथ ही यह गिफ्ट क्लेम आप तभी कर पाएंगे, जब आप इस लिंक को अपने जानने वालों को व्हाट्सएप या अन्य किसी माध्यम से शेयर करते हैं. इस तरह के लिंक के माध्यम से सिर्फ आपका अत्यंत संवेदनशील डेटा चोरी किया जाता है, जिसे स्कैमर्स इकट्ठा कर डार्क वेब पर बेचते हैं, जो आपके विरुद्ध ठगी करने मे भविष्य में प्रयोग किया जा सकता है. इस तरह के लिंक लोग बिना सही जानकारी किये आगे फॉरवर्ड करते जाते हैं, जिससे और लोग भी इस जाल में फंसते रहते हैं.
फेक लॉटरी का ऑफर देकर फ्रॉड :
साइबर ठगों द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से एक संदेश प्रसारित किया जाता है कि आपकी 25 लाख की लाटरी लगी है, आपको इस लाटरी का पैसा लेने के लिए कुछ प्रतिशत टैक्स देना होगा. अब रकम इतनी बड़ी होती है कि कई लोग इनके जाल में फंस जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं. इस तरह के फ्रॉड में अधिकतर +92 से शुरू होने वाले नंबर होते हैं. इसके साथ ही +1, +44 आदि से शुरू होने वाले नंबर से भी ठगी की जाती है.
क्या कहते हैं RBI के आंकड़े ?
आरबीआई के आंकड़ो के मुताबिक, साल 2018-19 में डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड 74% बढ़कर 71,543 करोड़ रुपये का हो गया है. जबकि एक साल पहले वर्ष 2017-18 तक यह आंकड़ा 41, 168 करोड़ रुपये था. बैंकों ने 2018-19 में 6,801 फ्रॉड के मामलों की जानकारी दी, जो कि 2017-18 में 5,916 थी. साइबर ठगी के कुल मामलों में 55.4% सरकारी बैंकों से जुड़े थे.
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल लेनदेन के चलते साल 2018-19 में 71,543 करोड़ रुपये का बैंकिंग फ्रॉड हुआ है. इस दौरान बैंक फ्रॉड के 6800 से ज्यादा मामले सामने आए, साल 2017-18 में बैंक फ्रॉड के 5916 मामले सामने आए थे. इनमें 41,167 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई थी. पिछले 11 वित्त वर्ष में बैंक फ्रॉड के कुल 53,334 मामले सामने आए हैं, जबकि इनके जरिए 2.05 लाख करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई है.
साइबर ठगों से कैसे बचें ?
1. सर्वमप्रथम व्हाट्सएप ही नहीं बल्कि किसी भी माध्यम से प्राप्त अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें.
2. यदि आपने किसी प्रसिद्ध कंपनी का गिफ्ट लिंक ओपन कर लिया है, तो यह अवश्य जांचे कि वह लिंक आपको उस कंपनी की अधिकृत वेबसाइट पर ले गया है या फिर किसी मिलते जुलते नाम की वेबसाइट ओपन हुई है. लुभावने ऑफर की जानकारी कंपनी की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर चेक करें कि ऐसा कोई अनाउंसमेंट है या नहीं.
3. यदि आपको यह दिखता है कि यह लिंक अधिकृत वेबसाइट का नहीं है, तो उस लिंक को अपने किसी भी ग्रुप या कॉन्टेक्ट को फारवर्ड न करें.
4. +91 के अलावा अन्य किसी नंबर से शुरू होने वाले जैसे +92, +1, +44 आदि अज्ञात नंबरों से प्राप्त हुए किसी भी लॉटरी वाले संदेश में दिए गए नंबर पर कॉल नहीं करना है या उनके द्वारा बताई गई प्रक्रिया का अनुसरण नहीं करना है. अन्यथा आपका व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो सकता है. साथ ही आप ठगी का शिकार भी हो सकते हैं.
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