ETV Bharat / state

यूपी परिवहन निगम पर हुए साइबर अटैक पर मंत्री बोले, जल्द दुरुस्त की जाएंगी ऑनलाइन सेवाएं

25 अप्रैल की मध्यरात्रि लगभग दो बजे सेवा प्रदाता फर्म के डाटा सेन्टर में कुछ विदेशी हैकर्स ने टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया था.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 26, 2023, 9:21 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का डाटा हैक कर लिया गया है. इससे सभी ऑनलाइन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं. सफर के दौरान बसों में ई-टिकट नहीं बन पा रहे हैं तो घर बैठे यात्री ऑनलाइन टिकट भी नहीं बुक कर पा रहे हैं. मुंबई में वेब वर्क के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक हुआ जिसके बाद रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ध्वस्त हो गईं. इसके बाद अब इन सेवाओं को बहाल करने के लिए परिवहन निगम के अधिकारी और सेवा प्रदाता कंपनी जद्दोजहद कर रहे हैं. इस समस्या पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि कोशिश जारी है. बहुत जल्द ऑनलाइन व्यवस्था पहले की तरह दुरुस्त हो जाएगी. हालांकि वे भी मानते हैं कि इसमें सात दिन का समय लग सकता है.

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि बीती 25 अप्रैल की मध्यरात्रि लगभग दो बजे सेवा प्रदाता फर्म के डाटा सेन्टर जो कि एक अन्य फर्म मेसर्स वेबवर्क्स से संचालित है, में कुछ विदेशी हैकर्स ने टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया था. इससे सेवा प्रदाता फर्म का टिकटिंग सिस्टम पूरी तरह से प्रभावित हो गया. रिस्टोर करने की कार्रवाई चल रही है.

दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम बसों के संचालन को मैनुअल टिकटिंग के माध्यम से सभी क्षेत्रों में बसों का संचालन पूर्व की तरह करा दिया गया है. इस स्थिति के कारण किसी भी प्रकार से बसों का संचालन प्रभावित न हो, इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को बस स्टेशनों और डिपो पर राउण्ड द क्लाक मानीटरिंग किये जाने के लिए निर्देशित दिए गए हैं.

परिवहन मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म ने डाटा को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट टीम डिप्लाय की है. साइबर क्राइम के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सेवा प्रदाता की तरफ से कराई जा रही है. निगम की सेवाओं को फिर से री-स्टोर किये जाने के अन्तर्गत नये सर्वर स्थापित कर एक सप्ताह के समय की मांग सेवा प्रदाता ने की है. फर्म के उच्च प्रतिनिधियों और साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के साथ बैठक कर शीघ्र डाटा रिकवर करते हुए ऑनलाइन सेवाओं को पुर्नस्थापित किये जाने की कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता पर किये जाने की बात कही गई है.

मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि मैनुअल टिकटिंग प्रणाली से निगम राजस्व में कोई हानि नहीं हुई है, बल्कि कुछ डिपो में राजस्व प्राप्ति बढ़ी मिली है. परिवहन निगम की तरफ से हमेशा तीन माह की प्रयोग अवधि के बराबर मैनुअल टिकट की संख्या रिजर्व में रखी जाती है, जिससे इस प्रकार की स्थिति होने से यात्रियों को कोई असुविधा न होने पाए.

उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाता मेसर्स ओरियन प्रो फर्म ने डाटा रिकवरी और सामान्य संचालन किए जाने की कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता पर की है. कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख अग्रेसिव चेकिंग कार्य कराया जा रहा है. परिवहन मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म नवी मुम्बई स्थित अपने मुख्यालय पर इसके लिए एफआईआर कर चुकी है. सेवा प्रदाता फर्म की तरफ से उपलब्ध कराए गए सभी एप्लीकेशन्स और वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट नये सिरे से कराये जाने का फैसला लिया गया है.

विजिलेंस जांच की मांग: उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एटीएम सेवा प्रदाता कंपनी की साठगांठ से परिवहन निगम का डाटा क्रैश कर परिवहन निगम को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विजिलेंस जांच कराए जाने की मांग की है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि डेटा बैंक बैकअप दो भागो में संचित होता है जिससे एक का डेटा चला जाए तो दूसरा संरक्षित रहता है.

इस फर्म में वही कार्मिक कार्य कर रहे हैं जो ट्राईमैक्स कंपनी में कार्य कर रहे थे. जिसके खिलाफ मुकादमा पंजीकृत हुआ था. यह किसी बड़े षड्यंत की ओर इशारा करता है. संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता रजनीश मिश्रा का कहना है कि साल भर में आया का लेखा जोखा कंप्यूटर पर रहता है. क्रैश होने से ऑनलाइन की गई प्राप्ति का रिकॉर्ड खराब या समाप्त हो गया है.

ये सुनियोजित तारिके से घोटाला कर परिवहन निगम को खोखला करने की साजिश है. निगम को करोदों रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है. निगम हित व कर्मचारी हित में संघ की तरफ से मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सतर्कता जांच कराई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

ये भी पढ़ेंः सहकारिता मंत्री बोले- बसपा सरकार में 350, सपा में 700 दंगे हुए, पर भाजपा शासन में एक भी नहीं हुआ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का डाटा हैक कर लिया गया है. इससे सभी ऑनलाइन सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं. सफर के दौरान बसों में ई-टिकट नहीं बन पा रहे हैं तो घर बैठे यात्री ऑनलाइन टिकट भी नहीं बुक कर पा रहे हैं. मुंबई में वेब वर्क के डाटा सेंटर पर साइबर अटैक हुआ जिसके बाद रोडवेज की सारी ऑनलाइन सेवाएं ध्वस्त हो गईं. इसके बाद अब इन सेवाओं को बहाल करने के लिए परिवहन निगम के अधिकारी और सेवा प्रदाता कंपनी जद्दोजहद कर रहे हैं. इस समस्या पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि कोशिश जारी है. बहुत जल्द ऑनलाइन व्यवस्था पहले की तरह दुरुस्त हो जाएगी. हालांकि वे भी मानते हैं कि इसमें सात दिन का समय लग सकता है.

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि बीती 25 अप्रैल की मध्यरात्रि लगभग दो बजे सेवा प्रदाता फर्म के डाटा सेन्टर जो कि एक अन्य फर्म मेसर्स वेबवर्क्स से संचालित है, में कुछ विदेशी हैकर्स ने टिकटिंग सर्वर के डाटा को इनक्रिप्ट कर दिया था. इससे सेवा प्रदाता फर्म का टिकटिंग सिस्टम पूरी तरह से प्रभावित हो गया. रिस्टोर करने की कार्रवाई चल रही है.

दयाशंकर सिंह ने बताया कि निगम बसों के संचालन को मैनुअल टिकटिंग के माध्यम से सभी क्षेत्रों में बसों का संचालन पूर्व की तरह करा दिया गया है. इस स्थिति के कारण किसी भी प्रकार से बसों का संचालन प्रभावित न हो, इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को बस स्टेशनों और डिपो पर राउण्ड द क्लाक मानीटरिंग किये जाने के लिए निर्देशित दिए गए हैं.

परिवहन मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म ने डाटा को रिकवर करने के लिए एक्सपर्ट टीम डिप्लाय की है. साइबर क्राइम के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही सेवा प्रदाता की तरफ से कराई जा रही है. निगम की सेवाओं को फिर से री-स्टोर किये जाने के अन्तर्गत नये सर्वर स्थापित कर एक सप्ताह के समय की मांग सेवा प्रदाता ने की है. फर्म के उच्च प्रतिनिधियों और साइबर सिक्योरिटी एक्सपटर्स के साथ बैठक कर शीघ्र डाटा रिकवर करते हुए ऑनलाइन सेवाओं को पुर्नस्थापित किये जाने की कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता पर किये जाने की बात कही गई है.

मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि मैनुअल टिकटिंग प्रणाली से निगम राजस्व में कोई हानि नहीं हुई है, बल्कि कुछ डिपो में राजस्व प्राप्ति बढ़ी मिली है. परिवहन निगम की तरफ से हमेशा तीन माह की प्रयोग अवधि के बराबर मैनुअल टिकट की संख्या रिजर्व में रखी जाती है, जिससे इस प्रकार की स्थिति होने से यात्रियों को कोई असुविधा न होने पाए.

उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाता मेसर्स ओरियन प्रो फर्म ने डाटा रिकवरी और सामान्य संचालन किए जाने की कार्रवाई शीर्ष प्राथमिकता पर की है. कुल 82 प्रवर्तन दलों को अलर्ट मोड पर रख अग्रेसिव चेकिंग कार्य कराया जा रहा है. परिवहन मंत्री ने बताया कि सेवा प्रदाता फर्म नवी मुम्बई स्थित अपने मुख्यालय पर इसके लिए एफआईआर कर चुकी है. सेवा प्रदाता फर्म की तरफ से उपलब्ध कराए गए सभी एप्लीकेशन्स और वेब पोर्टल्स का भी थर्ड पार्टी सिक्योरिटी आडिट नये सिरे से कराये जाने का फैसला लिया गया है.

विजिलेंस जांच की मांग: उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर एटीएम सेवा प्रदाता कंपनी की साठगांठ से परिवहन निगम का डाटा क्रैश कर परिवहन निगम को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विजिलेंस जांच कराए जाने की मांग की है. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि डेटा बैंक बैकअप दो भागो में संचित होता है जिससे एक का डेटा चला जाए तो दूसरा संरक्षित रहता है.

इस फर्म में वही कार्मिक कार्य कर रहे हैं जो ट्राईमैक्स कंपनी में कार्य कर रहे थे. जिसके खिलाफ मुकादमा पंजीकृत हुआ था. यह किसी बड़े षड्यंत की ओर इशारा करता है. संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता रजनीश मिश्रा का कहना है कि साल भर में आया का लेखा जोखा कंप्यूटर पर रहता है. क्रैश होने से ऑनलाइन की गई प्राप्ति का रिकॉर्ड खराब या समाप्त हो गया है.

ये सुनियोजित तारिके से घोटाला कर परिवहन निगम को खोखला करने की साजिश है. निगम को करोदों रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है. निगम हित व कर्मचारी हित में संघ की तरफ से मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर सतर्कता जांच कराई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.

ये भी पढ़ेंः सहकारिता मंत्री बोले- बसपा सरकार में 350, सपा में 700 दंगे हुए, पर भाजपा शासन में एक भी नहीं हुआ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.