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अब स्वदेशी किट से होगी कोरोना जांच, CSIR-CDRI ने साझा की तकनीक - स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट

कोरोना जांच के लिए प्रयोग की जा रही RT-PCR प्रणाली में भारत ने आत्मनिर्भरता बढ़ा ली है. मेडिसिन शोध में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संस्थान CSIR-CDRI ने कोरोना टेस्ट किट की तकनीक को मेसर्स बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड से साझा किया है. अब भारत के लोग स्वदेशी किट से कोरोना की जांच कर सकेंगे.

केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह
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Published : Feb 18, 2021, 7:28 AM IST

लखनऊः देश भर में मेडिसिन शोध क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संस्थान CSIR-CDRI ने बुधवार को 70वां वार्षिक दिवस मनाया. इस दौरान संस्थान ने भारत को देशी कोरोना टेस्ट किट की सौगात दी. कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विज्ञान और CSIR-CDRI के प्रति उनके विजन की स्मृति में 'स्वास्थ्य विज्ञान एवं नवोन्मेष पर अटल राष्ट्रीय संवाद' श्रृंखला का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने किया.

'स्वास्थ्य विज्ञान एवं नवोन्मेष पर अटल राष्ट्रीय संवाद' की श्रृंखला के शुभारंभ पर केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि CSIR-CDRI ने पहला गैर स्ट्राइड मौखिक गर्भनिरोधक और आर्टीथर सेरेब्रल मलेरिया के लिए जीवन रक्षक दवाओं की खोज की है, जिसके माध्यम से दुनिया भर में इस संस्थान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस संस्थान ने न केवल दवाओं के क्षेत्र में बल्कि मानव कल्याण के लिए गुणवत्तापूर्ण मौलिक अनुसंधान के साथ-साथ उच्च कोटि के मानव संसाधन विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट
समारोह के दौरान संस्थान द्वारा विकसित की गई नवीन प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण 'मेसर्स बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड' हैदराबाद को किया गया. इस विषय में निदेशक प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू ने कहा कि सीडीआरआई ने कोविड के परीक्षण के लिए स्वदेशी RT-PCR डायग्नोस्टिक किट के विकास के लिए फ्लोरोसेंट डाई की तकनीक विकसित की है. उन्होंने कहा कि फ्लोरा सेंट डाई के माध्यम से स्वदेशी कोविड परीक्षण किट तैयार की गई है, यह आत्मनिर्भर भारत की एक पहल है. इस परियोजना को सीएसआईआर ने सार्वजनिक निजी भागीदारी योजना के तहत RT-PCR डायग्नोस्टिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए वित्त पोषित किया था.

देश को मिलेगी राहत
तपस कुमार कुंडू ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाई गई कोरोना की देशी टेस्ट किट से निश्चित तौर आम जनता को राहत मिलेगी. इस कोविड टेस्ट किट पर जुलाई 2020 में काम शुरू हुआ था और आज इस नवीन तकनीक को इस संस्थान ने मानव सेवा में समर्पित भी कर दिया. देशी टेस्ट किट बन जाने से यहां के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि अभी तक जो विदेशों पर हमारी निर्भरता थी, उसमें काफी हद तक कमी आयेगी. लोग देशी किट के माध्यम से और काफी सस्ते में कोरोना बीमारी के बारे में पता लगा पाएंगे.

लखनऊः देश भर में मेडिसिन शोध क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले संस्थान CSIR-CDRI ने बुधवार को 70वां वार्षिक दिवस मनाया. इस दौरान संस्थान ने भारत को देशी कोरोना टेस्ट किट की सौगात दी. कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विज्ञान और CSIR-CDRI के प्रति उनके विजन की स्मृति में 'स्वास्थ्य विज्ञान एवं नवोन्मेष पर अटल राष्ट्रीय संवाद' श्रृंखला का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने किया.

'स्वास्थ्य विज्ञान एवं नवोन्मेष पर अटल राष्ट्रीय संवाद' की श्रृंखला के शुभारंभ पर केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि CSIR-CDRI ने पहला गैर स्ट्राइड मौखिक गर्भनिरोधक और आर्टीथर सेरेब्रल मलेरिया के लिए जीवन रक्षक दवाओं की खोज की है, जिसके माध्यम से दुनिया भर में इस संस्थान ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. इस संस्थान ने न केवल दवाओं के क्षेत्र में बल्कि मानव कल्याण के लिए गुणवत्तापूर्ण मौलिक अनुसंधान के साथ-साथ उच्च कोटि के मानव संसाधन विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट
समारोह के दौरान संस्थान द्वारा विकसित की गई नवीन प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण 'मेसर्स बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड' हैदराबाद को किया गया. इस विषय में निदेशक प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू ने कहा कि सीडीआरआई ने कोविड के परीक्षण के लिए स्वदेशी RT-PCR डायग्नोस्टिक किट के विकास के लिए फ्लोरोसेंट डाई की तकनीक विकसित की है. उन्होंने कहा कि फ्लोरा सेंट डाई के माध्यम से स्वदेशी कोविड परीक्षण किट तैयार की गई है, यह आत्मनिर्भर भारत की एक पहल है. इस परियोजना को सीएसआईआर ने सार्वजनिक निजी भागीदारी योजना के तहत RT-PCR डायग्नोस्टिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कोरोनावायरस के परीक्षण के लिए वित्त पोषित किया था.

देश को मिलेगी राहत
तपस कुमार कुंडू ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाई गई कोरोना की देशी टेस्ट किट से निश्चित तौर आम जनता को राहत मिलेगी. इस कोविड टेस्ट किट पर जुलाई 2020 में काम शुरू हुआ था और आज इस नवीन तकनीक को इस संस्थान ने मानव सेवा में समर्पित भी कर दिया. देशी टेस्ट किट बन जाने से यहां के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि अभी तक जो विदेशों पर हमारी निर्भरता थी, उसमें काफी हद तक कमी आयेगी. लोग देशी किट के माध्यम से और काफी सस्ते में कोरोना बीमारी के बारे में पता लगा पाएंगे.

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