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कोविड-19 के इलाज में क्लिनिकल ट्रायल के लिए CSIR-CDRI को मिली मंजूरी

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Published : Jun 17, 2020, 2:56 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 11:30 PM IST

राजधानी लखनऊ में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से CSIR CDRI को मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. इस ड्रग का क्लिनिकल ट्रायल मरीजों पर सफल होता है तो कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है.

CDRI को मरीजों पर ट्रायल की मिली मंजूरी
CDRI को मरीजों पर ट्रायल की मिली मंजूरी

लखनऊ: राजधानी में CSIR की प्रयोगशाला सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्लिनिकल ड्रग ट्रायल करने की मंजूरी मिल गई है. कोविड-19 के मरीजों के ट्रीटमेंट में एंटी वायरल की दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल करने वाला CDRI पहला संस्थान होगा जिसे यह मंजूरी मिली है. यह ड्रग ट्रायल राजधानी के केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर किया जाएगा.

CDRI को मरीजों पर ट्रायल की मिली मंजूरी

इस बारे में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के मॉलिक्यूलर एंड स्ट्रक्चरल बायोलॉजी डिवीजन के चीफ साइंटिस्ट और हेड डॉ. आर रविशंकर ने बताया कि भारत से पहले भी 'उमिफेनोविर' ड्रग का ट्रायल चीन, रूस, ईरान और इजिप्ट जैसे देशों में किया जा रहा है. इसके कुछ रिजल्ट सामने भी आए हैं, उन रिजल्ट को देखते हुए यह पता चला है कि इंसानों पर यह ड्रग काफी असरदार है. इसके किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं हैं. CDRI के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक एंटी वायरल के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले Umifenovir ड्रग का इस्तेमाल वर्तमान कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा सकता है. इसके लिए CDRI ने DCGI से परमिशन मांगी थी, उनसे संस्थान को मंजूरी मिल गयी है और इस पर संस्थान क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

भारत में इस ड्रग का उपयोग इससे पहले नहीं किया गया है. ऐसे में मरीजों पर दुष्प्रभाव के सवाल पर डॉ रवि शंकर ने बताया कि इससे किसी भी तरह का नुकसान एक इंसानी शरीर पर नहीं पड़ रहा है. इस बात की तस्दीक पहले ही हो चुकी है. यहां तक कि रूस और चीन में यह ड्रग ओवर द काउंटर आसानी से खरीदी जा सकती है, यानी यदि किसी व्यक्ति को सर्दी जुखाम होता है तो वह इस ड्रग को किसी भी केमिस्ट की शॉप से आसानी से खरीद सकता है. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं भी इस ड्रग का इस्तेमाल कर सकती हैं. ऐसे में यह सबसे सेफेस्ट ड्रग है जो कोविड-19 के मरीजों में ट्रायल के लिए सही साबित हो सकती है.

सीडीआरआई ने इस एंटीवायरल ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एरा मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत वहां पर भर्ती कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों पर इस ड्रग का ट्रायल किया जाएगा.

इस ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 3 चरण होते हैं. इनमें से दो चरणों को CDRI पहले ही पूरा कर चुका है. क्लिनिकल ट्रायल तीसरा चरण होता है, जिसके लिए बुधवार को CDRI को मंजूरी मिल चुकी है. अगर इस ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल मरीजों पर सफल होता है तो कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है

लखनऊ: राजधानी में CSIR की प्रयोगशाला सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्लिनिकल ड्रग ट्रायल करने की मंजूरी मिल गई है. कोविड-19 के मरीजों के ट्रीटमेंट में एंटी वायरल की दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल करने वाला CDRI पहला संस्थान होगा जिसे यह मंजूरी मिली है. यह ड्रग ट्रायल राजधानी के केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोविड-19 के मरीजों पर किया जाएगा.

CDRI को मरीजों पर ट्रायल की मिली मंजूरी

इस बारे में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के मॉलिक्यूलर एंड स्ट्रक्चरल बायोलॉजी डिवीजन के चीफ साइंटिस्ट और हेड डॉ. आर रविशंकर ने बताया कि भारत से पहले भी 'उमिफेनोविर' ड्रग का ट्रायल चीन, रूस, ईरान और इजिप्ट जैसे देशों में किया जा रहा है. इसके कुछ रिजल्ट सामने भी आए हैं, उन रिजल्ट को देखते हुए यह पता चला है कि इंसानों पर यह ड्रग काफी असरदार है. इसके किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं हैं. CDRI के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक एंटी वायरल के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले Umifenovir ड्रग का इस्तेमाल वर्तमान कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा सकता है. इसके लिए CDRI ने DCGI से परमिशन मांगी थी, उनसे संस्थान को मंजूरी मिल गयी है और इस पर संस्थान क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

भारत में इस ड्रग का उपयोग इससे पहले नहीं किया गया है. ऐसे में मरीजों पर दुष्प्रभाव के सवाल पर डॉ रवि शंकर ने बताया कि इससे किसी भी तरह का नुकसान एक इंसानी शरीर पर नहीं पड़ रहा है. इस बात की तस्दीक पहले ही हो चुकी है. यहां तक कि रूस और चीन में यह ड्रग ओवर द काउंटर आसानी से खरीदी जा सकती है, यानी यदि किसी व्यक्ति को सर्दी जुखाम होता है तो वह इस ड्रग को किसी भी केमिस्ट की शॉप से आसानी से खरीद सकता है. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं भी इस ड्रग का इस्तेमाल कर सकती हैं. ऐसे में यह सबसे सेफेस्ट ड्रग है जो कोविड-19 के मरीजों में ट्रायल के लिए सही साबित हो सकती है.

सीडीआरआई ने इस एंटीवायरल ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और एरा मेडिकल कॉलेज के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत वहां पर भर्ती कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों पर इस ड्रग का ट्रायल किया जाएगा.

इस ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 3 चरण होते हैं. इनमें से दो चरणों को CDRI पहले ही पूरा कर चुका है. क्लिनिकल ट्रायल तीसरा चरण होता है, जिसके लिए बुधवार को CDRI को मंजूरी मिल चुकी है. अगर इस ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल मरीजों पर सफल होता है तो कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा सकता है

Last Updated : Jun 17, 2020, 11:30 PM IST
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