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लखनऊ: माता रानी के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन राजधानी लखनऊ में सभी मंदिर व दुर्गा पूजा पंडालों में माता रानी के जयकारे से गूंज उठे. शहर के चौक बड़ी काली जी मंदिर मठ में भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए पहुंचे.

माता के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त.
माता के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त.
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Published : Oct 25, 2020, 7:30 AM IST

Updated : Nov 18, 2020, 5:03 PM IST

लखनऊ: शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन शनिवार को शहर भर में मां दुर्गा की मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. मंदिर माता रानी के जयकारों से गूंज उठे. भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे थे. नवमी के दिन चौक की बड़ी काली जी के दर्शनों का विशेष महत्व हैं. इस अवसर पर श्रद्धालुओं को चौक काली जी मंदिर में 700 साल पुरानी अष्टधातु की श्रीलक्ष्मी-नारायण रूपी मंदिर के दर्शन मिलते हैं.

माता के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त.
श्रद्धालुओं ने किए श्रीलक्ष्मी-नारायण के दर्शनचौक बड़ी काली जी मंदिर मठ का बरसों पुराना इतिहास है. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना आदि गुरू शंकराचार्य ने की थी. बड़ी काली जी मंदिर में श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है. खास बात यह है कि जो नवरात्र के दिनों में यहां माता के सामने शीश झुकाता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं.

देश भर में शनिवार को शारदीय नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई गई. कोविड-19 के दिशा-निर्देश के बीच बड़ी संख्या में लोग माता रानी के दर्शन करने पहुंचे. ऐसे में मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे. वहीं महिला श्रद्धालुओं को दर्शन के समय परेशानी न हो जिसके लिए मंदिरों की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए थे, महिला पुलिस बल को तैनात किया गया था.

आज के दिन मंदिर में माता रानी के विशेष दर्शन करने को मिलते हैं. श्री लक्ष्मी-विष्णु जी के साथ साथ दर्शन होते हैं. दर्शन करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए.

-पीयूष रस्तोगी, श्रद्धालु


नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जा रही है. ऐसे में माता रानी अद्भुत रूप में मंदिर के अंदर विराजमान है. भक्तों पर माता रानी की कृपा बनी रहती है.

-प्रिया रस्तोगी, श्रद्धालु


नवरात्र में अष्टमी व नवमी को अष्टधातु की मूर्ति को भक्तों के दर्शन के लिए विराजमान किया जाता है. भोर में मूर्ति की विषेश पूजा अर्चना की जाती है. और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर में विराजमान किया जाता है.

-रामेन्द्र अवस्थी, काली जी मंदिर मठ सदस्य

लखनऊ: शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन शनिवार को शहर भर में मां दुर्गा की मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. मंदिर माता रानी के जयकारों से गूंज उठे. भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे थे. नवमी के दिन चौक की बड़ी काली जी के दर्शनों का विशेष महत्व हैं. इस अवसर पर श्रद्धालुओं को चौक काली जी मंदिर में 700 साल पुरानी अष्टधातु की श्रीलक्ष्मी-नारायण रूपी मंदिर के दर्शन मिलते हैं.

माता के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़े भक्त.
श्रद्धालुओं ने किए श्रीलक्ष्मी-नारायण के दर्शनचौक बड़ी काली जी मंदिर मठ का बरसों पुराना इतिहास है. कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना आदि गुरू शंकराचार्य ने की थी. बड़ी काली जी मंदिर में श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास है. खास बात यह है कि जो नवरात्र के दिनों में यहां माता के सामने शीश झुकाता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं.

देश भर में शनिवार को शारदीय नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई गई. कोविड-19 के दिशा-निर्देश के बीच बड़ी संख्या में लोग माता रानी के दर्शन करने पहुंचे. ऐसे में मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे. वहीं महिला श्रद्धालुओं को दर्शन के समय परेशानी न हो जिसके लिए मंदिरों की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए थे, महिला पुलिस बल को तैनात किया गया था.

आज के दिन मंदिर में माता रानी के विशेष दर्शन करने को मिलते हैं. श्री लक्ष्मी-विष्णु जी के साथ साथ दर्शन होते हैं. दर्शन करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए.

-पीयूष रस्तोगी, श्रद्धालु


नवरात्र की अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जा रही है. ऐसे में माता रानी अद्भुत रूप में मंदिर के अंदर विराजमान है. भक्तों पर माता रानी की कृपा बनी रहती है.

-प्रिया रस्तोगी, श्रद्धालु


नवरात्र में अष्टमी व नवमी को अष्टधातु की मूर्ति को भक्तों के दर्शन के लिए विराजमान किया जाता है. भोर में मूर्ति की विषेश पूजा अर्चना की जाती है. और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर में विराजमान किया जाता है.

-रामेन्द्र अवस्थी, काली जी मंदिर मठ सदस्य

Last Updated : Nov 18, 2020, 5:03 PM IST
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