लखनऊ : उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग लखनऊ की ओर से शुक्रवार को आशियाना थाने में 50 एनजीओ संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. लखनऊ कार्यालय की अधीक्षक का आरोप है कि इन संस्थाओं को करीब 20 वर्ष पूर्व विभाग की ओर से महिलाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित करने का कार्य दिया गया था. इन संस्थाओं ने प्रशिक्षण देने में लापरवाही की. साथ ही विभाग के धन से खरीदे गए उपकरण भी विभाग में नहीं जमा किए.
भारत सरकार की योजना की तहत दिया गया था प्रशिक्षण : आशियाना के एल्डिको उद्यान प्रथम में रहने वाली उत्तर प्रदेश महिला कल्याण विभाग निगम लखनऊ कार्यालय की अधीक्षक कृष्णा कुमारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से कई साल पहले नोराड योजना चलाई गई थी. इस योजना के तहत महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने और स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाना था. उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम ने 1996 से 2003 के बीच कुछ एनजीओ को इस काम की जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्होंने इस कार्य में जमकर लापरवाही बरती. शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराई गई.
शिकायत पर कराई गई थी जांच : विभागीय प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आई कि कुछ संस्थाओं ने ट्रेनिंग देने में लापरवाही तो की ही, साथ में उपकरण भी विभाग में नहीं जमा कराए. हाल ही में विजिलेंस ने एक जांच रिपोर्ट भेजी जिसमें लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ जैसे मंडलों में काम करने वाले लगभग 50 एनजीओ दोषी पाए गए. आशियाना इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया कि महिला कल्याण विभाग द्वारा विवेक मिश्रा, रमा बाजपेयी, शशीबाला, राम गोपाल समेत 50 एनजीओ के प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
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