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ठगी करने के लिए कभी बना IAS-IPS तो कभी सीएम का सुरक्षा अधिकारी, कई अधिकारियों को लगाया चूना

यूपी एसटीएफ ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर दो जालसाजों (UP STF Caught Fraudsters In Lucknow) को गिरफ्तार किया है. ये लोग अपने आप को कभी आईएएस बताकर तो कभी सीएम प्रोटोकॉल अधिकारी (CM Protocol Officer) बताकर लोगों को ठगते थे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2023, 7:48 PM IST

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लखनऊ: खुद को यूपी के मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अफसर बताकर लोगों को सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर ठगने वाले दो जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, लखनऊ के विभूतिखंड से गिरफ्तार ये दोनों जालसाज भोले भाले लोगों को सरकारी नौकरी, राजनीतिक पार्टी में पद, अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग और टेंडर के नाम पर करोड़ों की ठगी करते थे. जालसाजों के पास से भर्ती नियुक्ति प्रमाण पत्र समेत कई फर्जी कागजात मिले हैं.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते कुछ समय से दोनों के खिलाफ शिकायत मिल रही थी. रविवार को विभूति खंड से पीलीभीत के बीसलपुर निवासी रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष कुमार गुप्ता और अशोक विहार दिल्ली के रहने वाले अरविंद त्रिपाठी उर्फ गणेश त्रिपाठी उर्फ गुरुजी को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी, वाइस चांसलर सुकरात यूनिवर्सिटी, दिल्ली व उच्च न्यायालय दिल्ली बार एसोसिएशन के आईडी कार्ड, कई सरकारी अधिकारियों के फर्जी लेटर पैड और फर्जी नियुक्त पत्र मिले हैं.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी रामशंकर गुप्ता उर्फ आषीष गुप्ता ने बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है और न ही सुकरात यूनिवर्सिटी दिल्ली का वीसी है. उसने अपने नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखे हैं. उसका असली नाम रामशंकर गुप्ता है. आरोपी ने बताया कि उसने फर्जीवाड़ा करने के लिए अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया. वह लोगों के सामने खुद को कभी आईएएस-आईपीएस तो कभी सीएम प्रोटोकॉल अधिकारी और सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वाइस चांसलर बताता था. यह बताकर लोगों को अपने झांसे में लाता था. इतना ही नहीं अपनी सुरक्षा के लिए उसने कई युवाओं की भर्ती कर पीआरडी की वर्दी पहना अपने साथ लेकर चलता था.

जालसाज ने पूछताछ में बताया कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिकों और ठेकेदारों को अलग-अलग विभागों में टेंडर दिलाने, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कराने के नाम पर उनसे पैसे ठगता था. उसने बताया कि वह पैसे अपने फर्जी नाम पर खुले बैंक खाते में ही मंगवाता था. उसने बताया कि इस काम में उसका साथ दिल्ली के रहने वाले योग गुरु अरविंद त्रिपाठी देते थे. गुरु जी ही ठेकेदारों, अधिकारियों से मीटिंग करवाते थे. इतना ही नहीं डीलिंग भी गुरु जी ही लॉक करवाते थे.

यह भी पढ़ें: Cyber Fraud In Lucknow : छोटे कद से परेशान लोगों को टारगेट कर रहे साइबर ठग, हाइट बढ़ाने की गारंटी देकर कर रहे ठगी

लखनऊ: खुद को यूपी के मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अफसर बताकर लोगों को सरकारी नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर ठगने वाले दो जालसाजों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, लखनऊ के विभूतिखंड से गिरफ्तार ये दोनों जालसाज भोले भाले लोगों को सरकारी नौकरी, राजनीतिक पार्टी में पद, अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग और टेंडर के नाम पर करोड़ों की ठगी करते थे. जालसाजों के पास से भर्ती नियुक्ति प्रमाण पत्र समेत कई फर्जी कागजात मिले हैं.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते कुछ समय से दोनों के खिलाफ शिकायत मिल रही थी. रविवार को विभूति खंड से पीलीभीत के बीसलपुर निवासी रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष कुमार गुप्ता और अशोक विहार दिल्ली के रहने वाले अरविंद त्रिपाठी उर्फ गणेश त्रिपाठी उर्फ गुरुजी को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल अधिकारी, वाइस चांसलर सुकरात यूनिवर्सिटी, दिल्ली व उच्च न्यायालय दिल्ली बार एसोसिएशन के आईडी कार्ड, कई सरकारी अधिकारियों के फर्जी लेटर पैड और फर्जी नियुक्त पत्र मिले हैं.

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, पूछताछ में आरोपी रामशंकर गुप्ता उर्फ आषीष गुप्ता ने बताया कि वह किसी भी सरकारी विभाग में कार्यरत नहीं है और न ही सुकरात यूनिवर्सिटी दिल्ली का वीसी है. उसने अपने नाम के दो अलग-अलग आधार कार्ड बनवा रखे हैं. उसका असली नाम रामशंकर गुप्ता है. आरोपी ने बताया कि उसने फर्जीवाड़ा करने के लिए अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया. वह लोगों के सामने खुद को कभी आईएएस-आईपीएस तो कभी सीएम प्रोटोकॉल अधिकारी और सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वाइस चांसलर बताता था. यह बताकर लोगों को अपने झांसे में लाता था. इतना ही नहीं अपनी सुरक्षा के लिए उसने कई युवाओं की भर्ती कर पीआरडी की वर्दी पहना अपने साथ लेकर चलता था.

जालसाज ने पूछताछ में बताया कि बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिकों और ठेकेदारों को अलग-अलग विभागों में टेंडर दिलाने, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग कराने के नाम पर उनसे पैसे ठगता था. उसने बताया कि वह पैसे अपने फर्जी नाम पर खुले बैंक खाते में ही मंगवाता था. उसने बताया कि इस काम में उसका साथ दिल्ली के रहने वाले योग गुरु अरविंद त्रिपाठी देते थे. गुरु जी ही ठेकेदारों, अधिकारियों से मीटिंग करवाते थे. इतना ही नहीं डीलिंग भी गुरु जी ही लॉक करवाते थे.

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