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आरपीएफ ने ठंडे बस्ते में डाल दी डीजल चोरी की जांच, खड़े हो रहे कई सवाल

रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड में डीजल चोरी का मामला (Diesel Theft Case Probe in Lurch) सामने आया था. इस केस की जांच फिलहाल आरपीएफ ने ठंडे बस्ते में डाल दी है. इसकी वजह से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Published : Aug 17, 2023, 8:15 AM IST

लखनऊ: रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड (Diesel Shed of Northern Railway in Lucknow) में डीजल चोरी कुछ दिन पहले हुई थी. इसकी जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) को जांच के लिए पांच कर्मचारियां और अधिकारियों को बुलाना था, लेकिन आरपीएफ की तरफ से बुधवार को किसी तरह की कोई जांच ही नहीं की गई. अंदेशा जताया जा रहा है कि इस गंभीर मामले की जांच ही ठप करने की तैयारी हो रही है. आरपीएफ कर्मी विभागीय जांच में मामले के लूपहोल्स ‌छिपाने के प्रयास में जुटे हैं.


उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड से पिछले गुरुवार को 200 लीटर डीजल चोरी का मामला (Diesel Theft Case Probe in Lurch) आरपीएफ ने दर्ज किया था. दो हजार लीटर तेल टैंकर में शेड के लिए लाया गया था, जिसमें से 1800 लीटर डीजल उतारा गया और दो सौ लीटर डीजल टैंकर में ही छोड़ दिया गया. आरपीएफ ने इस मामले में कार्यालय अधीक्षक राजीव कुमार मिश्र को आरोपी बनाया था और कोर्ट में पेश किया था. इसके बाद कार्यालय अधीक्षक को बेल मिल गई, लेकिन दो दिन बाद ही कार्यालय अधीक्षक का शव ट्रैक के किनारे मिला. इसके बाद उनके बेटे अंकुर मिश्र ने आरपीएफ की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

इन सवालों में डीजल शेड से बाहर गया नहीं, तो चोरी की रिपोर्ट कैसे दर्ज कर ली गई? आरपीएफ कर्मियों के सामने डीजल की निकासी हुई, फिर रिपोर्ट में सिर्फ उनके पिता को ही क्यों आरोपी बनाया गया? पिता की मौत को लेकर अंकुर आरपीएफ पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में हैं. इसके बाद आरपीएफ कर्मी उनसे सम्पर्क कर मामले को शांत करने का अनुरोध कर रहे हैं. अब आरपीएफ ने डीजल चोरी के मामले पर ही पर्दा डालना शुरू कर दिया है.

कार्यालय अधीक्षक के साथ अन्य लोगों को भी गिरफ्त में लिया गया था. उनसे क्या पूछताछ हुई, इसे लेकर आरपीएफ मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. डीजल शेड के पांच कर्मचारियों और अधिकारियों की जांच होनी है. उन्हें बुलाकर मामले की पड़ताल होनी थी, लेकिन आरपीएफ के अधिकारियों ने इस संबंध भी कुछ नहीं किया.

आरपीएफ की तरफ से अचानक कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालने से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. चर्चा यहां तक है कि डीजल चोरी की जांच को रोक आरपीएफ कर्मी खुद को बचाने की जुगत में हैं. वहीं अधिकारी स्वर्गीय राजीव मिश्रा के बेटे अंकुर मिश्र की तरफ से उठाए गए सवालों के जवाब खोज रहे हैं. माना जा रहा है कि मामले की अगर निष्पक्ष जांच हुई, तो आरपीएफ कर्मियों पर आंच आनी तय है. (Crime News UP)

ये भी पढ़ें- युवती की अश्लील तस्वीरें वायरल, भोजपुरी सिंगर निशा पांडे के खिलाफ FIR दर्ज

लखनऊ: रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड (Diesel Shed of Northern Railway in Lucknow) में डीजल चोरी कुछ दिन पहले हुई थी. इसकी जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) को जांच के लिए पांच कर्मचारियां और अधिकारियों को बुलाना था, लेकिन आरपीएफ की तरफ से बुधवार को किसी तरह की कोई जांच ही नहीं की गई. अंदेशा जताया जा रहा है कि इस गंभीर मामले की जांच ही ठप करने की तैयारी हो रही है. आरपीएफ कर्मी विभागीय जांच में मामले के लूपहोल्स ‌छिपाने के प्रयास में जुटे हैं.


उत्तर रेलवे के आलमबाग स्थित डीजल शेड से पिछले गुरुवार को 200 लीटर डीजल चोरी का मामला (Diesel Theft Case Probe in Lurch) आरपीएफ ने दर्ज किया था. दो हजार लीटर तेल टैंकर में शेड के लिए लाया गया था, जिसमें से 1800 लीटर डीजल उतारा गया और दो सौ लीटर डीजल टैंकर में ही छोड़ दिया गया. आरपीएफ ने इस मामले में कार्यालय अधीक्षक राजीव कुमार मिश्र को आरोपी बनाया था और कोर्ट में पेश किया था. इसके बाद कार्यालय अधीक्षक को बेल मिल गई, लेकिन दो दिन बाद ही कार्यालय अधीक्षक का शव ट्रैक के किनारे मिला. इसके बाद उनके बेटे अंकुर मिश्र ने आरपीएफ की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए.

इन सवालों में डीजल शेड से बाहर गया नहीं, तो चोरी की रिपोर्ट कैसे दर्ज कर ली गई? आरपीएफ कर्मियों के सामने डीजल की निकासी हुई, फिर रिपोर्ट में सिर्फ उनके पिता को ही क्यों आरोपी बनाया गया? पिता की मौत को लेकर अंकुर आरपीएफ पर मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में हैं. इसके बाद आरपीएफ कर्मी उनसे सम्पर्क कर मामले को शांत करने का अनुरोध कर रहे हैं. अब आरपीएफ ने डीजल चोरी के मामले पर ही पर्दा डालना शुरू कर दिया है.

कार्यालय अधीक्षक के साथ अन्य लोगों को भी गिरफ्त में लिया गया था. उनसे क्या पूछताछ हुई, इसे लेकर आरपीएफ मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं. डीजल शेड के पांच कर्मचारियों और अधिकारियों की जांच होनी है. उन्हें बुलाकर मामले की पड़ताल होनी थी, लेकिन आरपीएफ के अधिकारियों ने इस संबंध भी कुछ नहीं किया.

आरपीएफ की तरफ से अचानक कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालने से कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. चर्चा यहां तक है कि डीजल चोरी की जांच को रोक आरपीएफ कर्मी खुद को बचाने की जुगत में हैं. वहीं अधिकारी स्वर्गीय राजीव मिश्रा के बेटे अंकुर मिश्र की तरफ से उठाए गए सवालों के जवाब खोज रहे हैं. माना जा रहा है कि मामले की अगर निष्पक्ष जांच हुई, तो आरपीएफ कर्मियों पर आंच आनी तय है. (Crime News UP)

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