लखनऊ: जिला जेल लखनऊ से कोरोना वायरस संक्रमण के समय पैरोल पर रिहा 43 कैदी लापता हो गए हैं. पुलिस द्वारा काफी खोजबीन के बाद भी कैदियों को कोई पता नहीं चला रहा है. सभी कैदी पुलिस का सिरदर्द बने बने हुए हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल प्रशासन ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सभी कैदियों की गिरफ्तार करने को कहा है.
कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर शुरू होते ही पूरे देश में त्राहि-त्राहि मच गई थी. इस महामारी से लगातार लोग दम तोड़ रहे थे. इस दौरान जेलों में बंद कैदी भी कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ गए थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन द्वारा 20 मई 2021 को लखनऊ जेल से 122 कैदियों को 90 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया था. डेढ़ साल पहले पैरोल पर छोड़े गए 43 कैदी अब पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रहे हैं.
जबकि कैदियों को पैरोल पर छोड़ते समय सख्त निर्देश दिए गए थे कि पैरोल की समय सीमा समाप्त होने के बाद शासन के निर्देशों पर उन्हें तत्काल जेल में वापस आना है. पैरोल पर रिहा कैदियों को 20 जुलाई 2021 तक जेल में वापस आना था. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी 122 कैदियों मे से 43 कैदी जेल में वापस नहीं आए. जिसके बाद जेल प्रशासन की ओर से लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सभी कैदियों की गिरफ्तारी के लिए कहा गया है.
कोरोना संक्रमण के दौरान पैरोल पर गए ये 43 कैदी अब जिला जेल लखनऊ और लखनऊ पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं. जिला जेल की ओर से पत्र मिलने के बाद अब लखनऊ पुलिस इन 43 कैदियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इन लापता कैदियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के दौरान जेलों में कैदियों की अधिक संख्या के चलते शासन ने यह फैसला लिया था कि 7 वर्ष से कम की सजा में सजा पाए कैदियों को पैरोल पर रिहाई दी जाएगी. इससे जेल में कोरोना वायरस फैलने की संभावना कम होगी. जिसके चलते उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में 7 वर्ष तक की सजा के सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. इस दौरान राजधानी लखनऊ की जेल से 122 कैदियों को रिहा किया गया था. लेकिन इनमें से सिर्फ 79 कैदी ही वापस आए. बाकी कैदी लापता हो गए हैं.
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