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फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान, देखिए आंकड़े

झूठी मोहब्बत और भरोसे के चक्रब्यूह में फंसकर हर साल 35 फीसदी युवतियों की हत्या हो जाती है. राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट देखें तो वर्ष 2021 में देश भर में कुल हत्याओं में 31 फीसदी महिलाएं थीं. इनमें 35 फीसदी युवतियों की उम्र 18 से 30 वर्ष थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 10:45 PM IST

झूठी मोहब्बत और भरोसे में फंस कर युवतियां गवां रहीं जान. देखें खबर

लखनऊ : 21 सितंबर को चार माह पुराने इंस्टाग्राम दोस्त के साथ छात्रा निष्ठा देर रात उसके घर गई थी. जहां उसके दोस्त ने गोली मार कर हत्या कर दी. आरोपी दोस्त आदित्य पाठक पहले भी जेल जा चुका था जो निष्ठा को नहीं पता था. अगस्त में राजधानी के ही सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में एक अपार्टमेंट में कुछ माह पहले ही मिले लिविंग में रह रहे लड़के ऋषभ ने अपने पार्टनर रिया की गोली मार कर हत्या कर दी. लड़की तलाकशुदा थी जो लड़के को नहीं पता था जिस पर विवाद हुआ और हत्या हो गई.

फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.
फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.

ये दो घटनाएं इसलिए जानना जरूरी है, क्योंकि दोनों ही मामलों में दोस्ती महज कुछ माह पुरानी थी और बिना जांचे परखे संबंधों को बढ़ा लिया. जिससे लड़कियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लड़कियां क्यों किसी अनजान व्यक्ति पर बिना जांचे परखे भरोसा कर लेती हैं. जिससे उन्हें आगे चल कर निष्ठा व रिया की ही तरह अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.

फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.
फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.


आंख बंद कर युवकों पर भरोसा कर लेतीं हैं युवतियां

यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य और समाजसेविका शुचिता चतुर्वेदी मानती हैं कि बीते दिनों जितनी भी ऐसी घटनाए हुई हैं. जिसमें कुछ माह के दोस्तों के बारे में बिना पता किए उनके साथ कहीं भी जाने और घूमने चली जाती हैं. उन लड़कियों का यह बचपना नहीं, बल्कि मूर्खता है. शुचिता कहती हैं कि कुछ तो बड़ी घटनाएं जिसमें पुरुष मित्र अपनी महिला दोस्त की हत्या कर देते हैं वह तो अखबारों में आ जाती हैं, लेकिन बहुत सी ऐसी घटनाए होती हैं जिनकी चर्चा ही नहीं होती है. मेरे सामने भी कई ऐसी घटनाएं आई हैं जिसमें लड़कियां ऐसे अपराधिक प्रवृत्ति के लड़कों के चक्कर में फंस जाती हैं. जिनसे उनकी दोस्ती सोशल मीडिया या फिर किसी के माध्यम से होती है और उनके बैंक ग्राउंड के बारे में पता नहीं करती हैं. ऐसे में लड़कियों को समझना होगा कि जब वो किसी लड़के के संपर्क में आती हैं तो जरूरी है कि वह उनके बारे में हर बात पता करें. यह जरूरी नहीं है कि उनसे दूर रहें, उनके साथ पब्लिक प्लेस में रह कर उन्हें समझे और जानें.



यह भी पढ़ें : Crime News : मेरठ के नामचीन स्कूल में कोच भेजता था छात्राओं को अश्लील मैसेज, मामले ने पकड़ा तूल तो स्कूल ने दिखाया बाहर का रास्ता

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फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.
फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.

ये दो घटनाएं इसलिए जानना जरूरी है, क्योंकि दोनों ही मामलों में दोस्ती महज कुछ माह पुरानी थी और बिना जांचे परखे संबंधों को बढ़ा लिया. जिससे लड़कियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लड़कियां क्यों किसी अनजान व्यक्ति पर बिना जांचे परखे भरोसा कर लेती हैं. जिससे उन्हें आगे चल कर निष्ठा व रिया की ही तरह अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.

फरेबी मित्रों पर भरोसे करके हर साल सैकड़ों युवतियां की जाती है जान.
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आंख बंद कर युवकों पर भरोसा कर लेतीं हैं युवतियां

यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य और समाजसेविका शुचिता चतुर्वेदी मानती हैं कि बीते दिनों जितनी भी ऐसी घटनाए हुई हैं. जिसमें कुछ माह के दोस्तों के बारे में बिना पता किए उनके साथ कहीं भी जाने और घूमने चली जाती हैं. उन लड़कियों का यह बचपना नहीं, बल्कि मूर्खता है. शुचिता कहती हैं कि कुछ तो बड़ी घटनाएं जिसमें पुरुष मित्र अपनी महिला दोस्त की हत्या कर देते हैं वह तो अखबारों में आ जाती हैं, लेकिन बहुत सी ऐसी घटनाए होती हैं जिनकी चर्चा ही नहीं होती है. मेरे सामने भी कई ऐसी घटनाएं आई हैं जिसमें लड़कियां ऐसे अपराधिक प्रवृत्ति के लड़कों के चक्कर में फंस जाती हैं. जिनसे उनकी दोस्ती सोशल मीडिया या फिर किसी के माध्यम से होती है और उनके बैंक ग्राउंड के बारे में पता नहीं करती हैं. ऐसे में लड़कियों को समझना होगा कि जब वो किसी लड़के के संपर्क में आती हैं तो जरूरी है कि वह उनके बारे में हर बात पता करें. यह जरूरी नहीं है कि उनसे दूर रहें, उनके साथ पब्लिक प्लेस में रह कर उन्हें समझे और जानें.



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