लखनऊ: राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के 13 जिलों में एनजीटी के आदेश के बाद पटाखे की बिक्री पर बैन कर दी गई है. इस मामले में पटाखा विक्रेताओं का कहना है कि प्रशासन ने एक माह पहले पुलिस लाइन में बैठक कर फार्म जमा कराए थे. हमें पटाखे खरीदने और बेचने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद थोक विक्रेताओं से पटाखे खरीदने शुरू कर दिए. अधिकांश ने थोक विक्रेताओं से दो से तीन लाख रुपये के पटाखे खरीद लिए. अब एनजीटी के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने 13 जिलों में पटाखे बैन कर दिए हैं.
भुखमरी की आ जाएगी नौबत
पटाखा व्यापारी मनु बाजपेई ने बताया कि ज्यादातर लोगों ने ब्याज पर पैसा लेकर और गहने गिरवी रख कर पटाखे खरीदे हैं. अब शासन-प्रशासन पटाखों की बिक्री नहीं करने देगा, तो विक्रेताओं के सामने भुखमरी की नौबत आ जाएगी. साथ ही ब्याज पर लिए पैसे को चुकाना हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन जाएगी. उन्होंने कहा कि पटाखा बैन होने से विक्रेताओं को भारी नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई के लिए प्रशासन को निर्णय लेना चाहिए. इस संबंध में सीएम योगी से गुहार लगाई गई है.
पहले लेना चाहिए था निर्णय
विक्रेताओं का कहना है कि पटाखे बैन करने का निर्णय पहले लिया गया होता, तो वे पटाखे खरीदते ही नहीं. अब पटाखे की खरीदारी हो चुकी है. ऐसे में पटाखे पर बैन लगाने के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पटाखा बैन करने के एनजीटी के आदेश के बाद राजधानी लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र स्थित पटाखे की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.