लखनऊ: देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. इसके प्रसार का असर अब यूपी में भी दिखाई देने लगा है. पिछले 22 दिनों में राज्य में एक्टिव केस के मामले दो गुना बढ़ गए हैं. ऐसे में मरीजों को भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराने को लेकर नए सिरे से मंथन किया जा रहा है. जिसे लेकर एक नई रणनीति के तहत काम किया जा रहा है. अब उन जिलों में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल फिर से शुरू होंगे, जहां एक्टिव केसों की संख्या 50 से अधिक हो गई है.
दरअसल, राज्य में कोरोना वायरस नियंत्रण में आ गया था. ऐसे में कोविड अस्पतालों को नॉन कोविड अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया था और वहां दूसरी बीमारियों के मरीजों को भर्ती किया जाने लगा था, लेकिन अब कोरोना के मामले बढ़ने पर डीजी हेल्थ डॉ. वेद व्रत सिंह ने कोविड अस्पतालों की व्यवस्था फिर से दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में 17 से 18 दिसंबर तक अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई. वेंटिलेटर व अन्य उपकरणों का परीक्षण किया गया. वहीं 50 मरीजों से अधिक वाले जिलों में कोविड अस्पताल शुरू करने का फैसला किया गया है.
लखनऊ में सबसे ज्यादा मरीज
लखनऊ में दूसरी लहर में वायरस ने कहर बरपाया था. बावजूद लोग कोविड प्रोटोकॉल के पालन में लापरवाही कर रहे हैं. ऐसे में मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है. यहां बुधवार तक 47 एक्टिव केस हो गए. वहीं गौतमबुद्ध नगर में 30 केस, गाजियाबाद में 25 केस हो गए. राज्य में अब कुल 216 केस हो गए हैं. दिसंबर की शुरूआत में यह केस 100 के अंदर थे. ऐसे में बढ़ते केसों को लेकर अलर्ट रहना होगा.
551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू
यूपी के अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो गए हैं. इसमें 65 मेडिकल कॉलेजों में प्लांट लग गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. वहीं, 4 हजार से अधिक बेडों पर वेंटिलेटर हैं. इसके अलावा 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए हैं.
- करीब 5,000 डॉक्टरों को वायरस से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया.
- करीब 8,700 पैरामेडिकल-नर्सों को वायरस से निपटने के लिए प्रक्षिशित किया गया.
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