लखनऊ: प्रदेश की राजधानी के चौक थाना क्षेत्र में लखनऊ हेरिटेज हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर तोड़फोड़ की. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही के साथ रुपयों की वसूली करने का आरोप लगाया. परिजनों ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने उसने 24 घंटे के अंदर झूठ बोल कर 60,000 रुपये इलाज के नाम पर लिए थे.
शुक्रवार देर शाम लखनऊ हेरिटेज हॉस्पिटल में कोरोनावायरस संक्रमित मरीज अशोक वाजपेई की मौत हो गई. मरीज की मौत की सूचना मिलने के बाद उनके परिजन नाराज हो गए. परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर तोड़फोड़ की. परिजनों ने बताया कि बादशाह नगर इलाके के एक हॉस्पिटल में जांच के बाद मरीज अशोक वाजपेई को कोरोना संक्रमित बताया गया था.
इसके बाद उन्होंने मरीज को चौक थाना क्षेत्र के लखनऊ हेरिटेज हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था. परिजनों ने बताया कि गुरुवार सुबह 11:30 बजे मरीज अशोक वाजपेई को भर्ती कराया गया था. भर्ती के दिन हॉस्पिटल ने 30,000 रुपये लिए थे. अगले दिन यानी शुक्रवार को परिजनों से फिर 30,000 रुपये हॉस्पिटल में जमा कराए गए. इसके अलावा जाचों के लिए अलग से रुपया लिया गया.
मरीज की मौत
परिजनों ने कहा लखनऊ हेरिटेज हॉस्पिटल ने शुक्रवार सुबह उनसे इलाज के नाम पर 30 हजार रुपये लिए थे. रुपया जमा कराने के बाद हॉस्पिटल ने मरीज को दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए कह दिया. जब मरीज को दूसरे हॉस्पिटल ले जाने के लिए एंबुलेंस लाई गई तो उन्होंने मरीज को दूसरे हॉस्पिटल भेजने से मना कर दिया. दोपहर में हॉस्पिटल कर्मचारियों ने बताया गया कि उनके मरीज अशोक वाजपेई की मौत हो चुकी है.