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नगर आयुक्त के खिलाफ मुकदमा, कोर्ट ने एसडीएम से तलब की रिपोर्ट

लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी व नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता किशोरी लाल के खिलाफ पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बनवाने के आरोप में परिवाद दाखिल किया गया है. जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एसडीएम सदर को इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.

Lucknow District and Sessions Court
लखनऊ जिला एवं सत्र न्यायालय
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Published : Dec 21, 2020, 10:05 PM IST

लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानंद ने नगर आयुक्त के खिलाफ दायर मुकदमे पर एसडीएम सदर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

जानें पूरा मामला

अदालत में परिवाद दाखिल कर कहा गया है कि नगर निगम द्वारा एक विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बना दिया गया. वादी ने इस परिवाद में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी व नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता किशोरी लाल को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. अदालत में यह परिवाद अमीनाबाद के निवासी हसन बहादर व गनी बहादर ने दाखिल किया है. परिवाद पर बहस करते हुए वकील आशीष जैन का कहना था कि विपक्षीगणों ने अपने पद का दुरुयोग करते हुए परिवादीगणों की विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बनवा दिया है. जिसकी वजह से परिवादीगणों को क्षति व मानसिक संताप पहुंचा है. लिहाजा विपक्षीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. कहा गया कि नगर द्वारा यह कृत्य वादियों के विपक्षियों को फाएदा पहुंचाने के लिए किया गया है. वादियों की ओर से यह भी दलील दी गई है कि नगर आयुक्त और अधिशषी अभियंता वर्तमान मामले में सरकारी सेवकों को अभियोजन से बचाव के लाभ के हकदार नहीं हैं, क्योंकि वादियों के विपक्षियों से साठगांठ कर के उन्होंने यह कृत्य किया है.

लखनऊ: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानंद ने नगर आयुक्त के खिलाफ दायर मुकदमे पर एसडीएम सदर को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.

जानें पूरा मामला

अदालत में परिवाद दाखिल कर कहा गया है कि नगर निगम द्वारा एक विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बना दिया गया. वादी ने इस परिवाद में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी व नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता किशोरी लाल को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. अदालत में यह परिवाद अमीनाबाद के निवासी हसन बहादर व गनी बहादर ने दाखिल किया है. परिवाद पर बहस करते हुए वकील आशीष जैन का कहना था कि विपक्षीगणों ने अपने पद का दुरुयोग करते हुए परिवादीगणों की विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बनवा दिया है. जिसकी वजह से परिवादीगणों को क्षति व मानसिक संताप पहुंचा है. लिहाजा विपक्षीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. कहा गया कि नगर द्वारा यह कृत्य वादियों के विपक्षियों को फाएदा पहुंचाने के लिए किया गया है. वादियों की ओर से यह भी दलील दी गई है कि नगर आयुक्त और अधिशषी अभियंता वर्तमान मामले में सरकारी सेवकों को अभियोजन से बचाव के लाभ के हकदार नहीं हैं, क्योंकि वादियों के विपक्षियों से साठगांठ कर के उन्होंने यह कृत्य किया है.

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