लखनऊ: राजधानी की एक अदालत ने कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन लगवाने के बावजूद एंडीबॉडी (Antibody) नहीं बनने के एक कथित मामले में सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) समेत सात अन्य के खिलाफ दाखिल मुकदमे की अर्जी पर थाना आशियाना से रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत दाखिल इस अर्जी में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण के महानिदेशक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि, आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के निदेशक व गोविंद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ के निदेशक को भी विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. अदालत में यह अर्जी स्थानीय निवासी प्रताप चंद्र ने दाखिल की है. उन्होंने इस मामले में इन सभी विपक्षीगणों के खिलाफ छल, धोखाधड़ी व हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है.
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अर्जी में कहा गया है कि वादी ने 8 अप्रैल, 2021 को गोविंद हॉस्पिटल में कोविशील्ड वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था. दूसरा डोज 28 दिन बाद लगना था, लेकिन इस दौरान सरकार ने घोषणा की कि अब दूसरा डोज 12 हफ्ते बाद लगेगा. वैक्सीन लगवाने के बाद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. 25 मई, 2021 को एंटीबॉडी टेस्ट कराया, जिसमें पता चला कि वादी के शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनी थी. आरोप है कि वैक्सीन लगवाने के बाद सामान्य प्लेटलेट्स भी आधे से कम हो गई. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. वादी का कहना है कि उसके जीवन के साथ वैक्सीन के नाम पर खिलवाड़ हुआ है व उसकी किसी भी समय मौत हो सकती है, यह सरासर धोखा है.