लखनऊ: अपर सत्र न्यायाधीश अनुरोध मिश्र ने महुआ व यूरिया मिलाकर मिलावटी शराब बनाने के मामले में अभियुक्त बाबू लाल को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिन्दु पर सुनवाई के उपरांत अभियुक्त को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
इस मामले की एफआईआर 25 सितंबर, 2008 को एसओ साधू राम ने थाना सरोजनी नगर में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील एमपी तिवारी व सुरेश यादव के मुताबिक अभियुक्त को मिलावटी शराब बनाते हुए, रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्त के घर से अवैध शराब बनाने की सामग्रियों के अलावा करीब साढ़े चार लीटर मिलावटी शराब भी बरामद हुई थी. विवेचना के बाद अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 272 व आबकारी अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ था.
हेरोइन की तस्करी में पांच साल की सजा
वहीं एनडीपीएस एक्ट के विशेष जज पुष्कर उपाध्याय ने हेरोइन की तस्करी करने के मामले में दोषी करार देते हुए अभियुक्त शफीक को पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 22 फरवरी, 2008 को नारकोटिक्स की टीम ने अभियुक्त को बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया था. विशेष लोक अभियोजक राकेश पांडेय के मुताबिक अभियुक्त के पास से दो सौ ग्राम हेरोइन बरामद हुई थी. इस मामले की एफआईआर थाना एनसीबी में दर्ज हुई थी.
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