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10 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने वाले 65 साल के दोषी को सजा-ए-मौत - court punished accused of rape and murder

लखनऊ की पॉक्सो अदालत ने दस साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या (Girl raped and murdered) कर लाश फेंक देने के दोषी को फांसी के साथ जुर्माने की सजा सुनाई (Girl raped and murder accuse sentenced death) है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 10:25 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 10:48 PM IST

लखनऊ: पॉक्सो की अदालत ने टॉफी देने के बहाने दस साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को गायब कर देने 65 साल के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. विशेष जज श्याम मोहन जायसवाल ने अपने फैसले में अभियुक्त के अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम करार दिया है. कोर्ट ने अभियुक्त को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाने का आदेश दिया है, जब तक उसकी मौत न हो जाए. इसी के साथ कोर्ट ने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए इस मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश दिया है.


अभियोजन ने की थी मृत्यु दण्ड की मांग: सरकारी वकील शशि पाठक ने सजा के बिंदू पर सुनवाई के दौरान आरोपी को अधिकतम दंड देने की मांग की थी. उनका कहना था कि यह सामान्य मामला नहीं है. पीड़िता के साथ आरोपी ने बलपूर्वक न सिर्फ बेरहमी से दुष्कर्म किया, बल्कि चीखने पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. जिससे पीड़िता का दम घुट गया और उसकी मौत हो गई. उसके शरीर को कई जगह से नोंचा भी गया. इस दौरान पीड़िता को हुई असहनीय दर्द की सिर्फ कल्पना की जा सकती है. इस आयु के व्यक्ति से समाज ऐसी घटना की कल्पना भी नहीं कर सकता.

यह है मामला: गौरतलब है कि 17 मार्च 2016 को पीड़िता के गायब होने की रिपोर्ट उसके पिता ने थाना अलीगंज में दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान छन्नी लाल चौराहे के पास एक बंद बोरे में पीड़िता की लाश मिली थी. विवेचना में मालूम हुआ कि अभियुक्त ई-रिक्शा चालक था और बच्चों को स्कूल ले जाता था. यह भी प्रकाश में आया कि वो अक्सर बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करता था.

लखनऊ: पॉक्सो की अदालत ने टॉफी देने के बहाने दस साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव को गायब कर देने 65 साल के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. विशेष जज श्याम मोहन जायसवाल ने अपने फैसले में अभियुक्त के अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम करार दिया है. कोर्ट ने अभियुक्त को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाने का आदेश दिया है, जब तक उसकी मौत न हो जाए. इसी के साथ कोर्ट ने फांसी की सजा की पुष्टि के लिए इस मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश दिया है.


अभियोजन ने की थी मृत्यु दण्ड की मांग: सरकारी वकील शशि पाठक ने सजा के बिंदू पर सुनवाई के दौरान आरोपी को अधिकतम दंड देने की मांग की थी. उनका कहना था कि यह सामान्य मामला नहीं है. पीड़िता के साथ आरोपी ने बलपूर्वक न सिर्फ बेरहमी से दुष्कर्म किया, बल्कि चीखने पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. जिससे पीड़िता का दम घुट गया और उसकी मौत हो गई. उसके शरीर को कई जगह से नोंचा भी गया. इस दौरान पीड़िता को हुई असहनीय दर्द की सिर्फ कल्पना की जा सकती है. इस आयु के व्यक्ति से समाज ऐसी घटना की कल्पना भी नहीं कर सकता.

यह है मामला: गौरतलब है कि 17 मार्च 2016 को पीड़िता के गायब होने की रिपोर्ट उसके पिता ने थाना अलीगंज में दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान छन्नी लाल चौराहे के पास एक बंद बोरे में पीड़िता की लाश मिली थी. विवेचना में मालूम हुआ कि अभियुक्त ई-रिक्शा चालक था और बच्चों को स्कूल ले जाता था. यह भी प्रकाश में आया कि वो अक्सर बच्चियों के साथ अश्लील हरकत करता था.

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Last Updated : Nov 7, 2023, 10:48 PM IST
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