लखनऊ: हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद पत्रकार सिद्दीक कप्पन की ओर से दाखिल जमानतों का सत्यापन हो गया है. जिसके उपरांत ईडी के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय ने आरोपी को जेल से रिहा किए जाने के बाबत उसका रिहाई आदेश जेल भेजे जाने का आदेश दिया है. गुरुवार को सिद्दीक कप्पन की रिहाई सम्भव है.
सिद्दीक कप्पन को गत 23 दिसंबर को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ से सशर्त जमानत मंजूर की गई थी. जिसके उपरांत पी.एम.एल.ए. कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडे ने कप्पन को एक-एक लाख रुपए की दो जमानते एवं इसी धनराशि का मुचलका दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. विशेष अदालत के आदेश उपरांत संदीप कप्पन की ओर से गत 9 जनवरी को जमानतें अदालत में दाखिल की गई थी, जिसके बाद अदालत ने उनका सत्यापन कराए जाने का आदेश दिया था. बुधवार को जमानतदारों और उनके द्वारा दाखिल दस्तावेजों का सत्यापन होने के उपरांत आरोपी को रिहा करने का आदेश जिला जेल भेज दिया गया है.
चर्चित हाथरस कांड के दौरान गिरफ्तार किए गए कथित पत्रकार सिद्दिक कप्पन को हवाला से धन प्राप्त करके देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत तमाम आरोपो को लेकर ईडी ने कप्पन के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस मामले में जांच के दौरान पाया गया कि उप्र पुलिस ने 7 अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद, सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था. आरोप है कि वे साम्प्रदयिक सौहार्द बिगड़ने, साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे. कहा गया कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था और पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. साथ ही आरोपी को 2015 में दिल्ली में दंगे करने के लिए नियुक्त किया गया था. आरोप है कि विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य केए रउफ व अन्य पीएफआई सदसयो को एक षड्यंत्र के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रुपए दिए गए.