लखनऊ : मुर्गा व्यवसायी से बारह हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए कस्टम अधीक्षक प्रमोद तिवारी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बृजेश कुमार ने आगामी 21 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
सीबीआई के अनुसार, कस्टम अधीक्षक प्रमोद तिवारी नेपाल सीमा के ककरहवा नाका स्थित कस्टम कार्यालय पर तैनात थे. आरोप है कि प्रमोद तिवारी ने ठोठरी बाजार के रहने वाले मुर्गा व्यवसायी मोहम्मद इस्लाम से पंद्रह हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. सीबीआई की ओर से बताया गया कि मोहम्मद इस्लाम ने रिश्वत मांगने की शिकायत लखनऊ में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से की थी. न्यायिक रिमांड अर्जी पर सीबीआई की ओर से कहा गया कि शिकायत पर सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की और मामला सही पाए जाने पर 6 दिसंबर को सीबीआई टीम ने आरोपी प्रमोद तिवारी को बारह हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. अदालत ने सीबीआई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए आरोपी को 21 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने का आदेश दिया है.
कलेक्ट्रेट का बरामदा न तोड़े जाने की मांग
लखनऊ : सैकड़ों वकीलों ने अपने हस्ताक्षर से एक शिकायती प्रार्थना पत्र राजस्व परिषद के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी को भेजकर कलेक्ट्रेट स्थित बरामदा नंबर तीन को तोड़े जाने की आशंका जताते हुए हस्तक्षेप किए जाने की मांग की है. वकीलों ने शिकायती प्रार्थना पत्र की प्रति बार काउंसिल के अध्यक्ष, एलडर्स कमेटी के चेयरमैन व लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महामंत्री को भेजी है. शिकायती प्रार्थना पत्र में वकीलों ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि कलेक्ट्रेट परिसर का बरामदा नंबर 3 जो कि बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन द्वारा दिया गया है, उसे निवर्तमान कार्यकारिणी द्वारा मनमाने व विधि विरुद्ध तरीके से बिना प्रशासन की अनुमति के गिराकर चेंबर का निर्माण किया जा रहा है.