लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने समीक्षा व सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा 2017 के संबंध में वकीलों को निर्देश दिया है. इस निर्देश में कहा गया है कि यूपी लोक सेवा आयोग से निर्देश प्राप्त कर ‘ओ’ लेवल के समक्ष क्या योग्यता तय की गई है. साथ ही न्यायालय ने यह भी बताने का आदेश दिया है कि याचीगण के पास ‘ओ’ लेवल के समकक्ष योग्यता है या नहीं. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने रवि शंकर शुक्ला व 20 अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल याचिका पर दिया. याचियों की अधिवक्ता के अनुसार आयोग ने 30 दिसंबर 2017 को जो विज्ञप्ति निकाली थी, उसमे टाइपिंग परीक्षा का उल्लेख नहीं था बल्कि मात्र प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा का प्रावधान था. 8 फरवरी 2018 को प्राथमिक परीक्षा हुई, जिसका नतीजा 14 दिसंबर 2018 को घोषित हुआ, जिसके आधार पर फरवरी 2019 को मुख्य परीक्षा हुई.
9 जनवरी 2020 को अचानक आयोग ने मुख्य परीक्षा में चयनित कई अभ्यर्थियों को परीक्षा की प्रक्रिया से बाहर कर टाइपिंग की परीक्षा ले ली, जो विधिसम्मत नहीं है. हालांकि न्यायालय ने याचियों की परीक्षा परिणाम को रोकने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है.