लखनऊः हाथरस कांड (Hathras scandal) के बाद गिरफ्तार किए गए कथित पत्रकार सिद्दिक कप्पन के खिलाफ हवाला से धन प्राप्त करने और इस धन को देश विरोधी कार्यों में प्रयोग करने समेत अन्य आरोपों के मामले में उसके जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज (court rejects bail ) कर दिया है. ईडी द्वारा दर्ज किए गए इस मामले में जमानत अर्जी खारिज करने का यह आदेश ईडी के विशेष न्यायाधीश संजय शंकर पांडेय ने पारित किया
जमानत का विरोध करते हुए अभियोजन की ओर से बताया गया कि ईडी ने एनआईए (NIA) की रिपोर्ट और चार्जशीट के आधार पर पीएफआई (PFI) और इससे सम्बंधित व्यक्तियों की जांच शुरू की. जिसमें पाया कि यूपी पुलिस ने 7 अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद, सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था. जब वे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, साम्प्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे. इसमें कहा गया है कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था जो पीएफआई का सक्रिय सदस्य है. साथ ही आरोपी को 2015 में दिल्ली में दंगे कराने के लिए नियुक्त किया गया था.
यह भी आरोप है कि आगे की विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य केए रउफ व अन्य पीएफआई सदस्यों को एक साजिश के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रु दिए गए तथा रउफ सईद और अन्य सदस्यों ने हाथरस जाकर आतंक फैलाने का षड्यंत्र रचा. ईडी की दिल्ली इकाई विदेशी फंडिग के इस मामले में पीएफआई के खिलाफ पहले से जांच कर रही थी. विवेचना के दौरान पीएफआई के सदस्य अशरफ कादिर व अब्दुल रज्जाक पीडीयक्कल को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल हो चुका है.
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