लखनऊः राजधानी के चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल को जान से मारने की नीयत से गाड़ी चढ़ाने का प्रयास करने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त अभिषेक वर्मा उर्फ अंशु की जमानत अर्जी जिला जज सर्वेश कुमार ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त का अपराध गम्भीर है और जमानत के लायक नहीं है.
फौजदारी के जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के मुताबिक यह घटना 14 अगस्त 2021 की है. मामले की एफआईआर हेड कांस्टेबल मुरारी लाल यादव ने थाना इंदिरा नगर में दर्ज कराई थी. घटना के दिन मुरारी लाल वहां ड्यटी पर तैनात थे. 14 अगस्त को करीब 11 बजे एक मोटर साइकिल सवार ने मुरारी लाल को बताया कि एक बोलेरो सवार बहुत गलत ढंग से गाड़ी चलाता हुआ आ रहा है, उसने एक्सीडेंट भी किया है. तभी मुरारी लाल ने बोलेरो को बहुत स्पीड में आते हुए देखा तो उसे रोकने का इशारा किया. इस पर बोलेरो के ड्राइवर ने गाड़ी को बीच सड़क पर रोक दिया.
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हेड कांस्टेबल ने गाड़ी को साइड में लगाने को कहा तो बोलेरो के ड्राइवर ने कहा हट जाओ, गाड़ी साइड में नहीं करेंगे. इस पर हेड कांस्टेबल अपने हैंडसेट से कंट्रोल रूम में कॉल कर ही रहा था कि अचानक ड्राइवर ने गाड़ी तेज रफ्तार से आगे बढ़ा दी और उसे हटने का मौका भी नहीं मिला. जिससे कांस्टेबल गाड़ी के बोनट पर गिर गया. करीब 100 मीटर घसीटने के बाद स्पीड कम देख सिपाही ने किसी तरह कूद कर अपनी जान बचाई. इधर, ड्राइवर बोलेरो लेकर फरार हो गया. विवेचना के दौरान अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया था.