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स्मारक घोटाला : खनन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक समेत 6 आरोपी तलब

वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं उद्यानों के निर्माण में अरबों के घोटाले का मामला सामने आया है. एमपी-एमलए कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुखी समेत 6 अभियुक्तों को समन जारी किया है.

Court issued summons
एमपी-एमएलए कोर्ट
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Published : Feb 12, 2021, 5:22 AM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुखी समेत 6 अभियुक्तों को समन जारी किया है. अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद घोटाले के दौरान खनन निदेशालय में संयुक्त निदेशक और सलाहकार हुआ करते थे. इस मामले में यूपी राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारी होशियार सिंह तरकर, अजय कुमार, सुनील कुमार त्यागी, अशोक सिंह और मना लाल यादव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इन अभियुक्तों को भी जरिए समन 24 फरवरी को तलब किया गया है.

इन निर्माण कार्यों में हुआ घोटाला


वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों के घोटाले का मामला सामने आया है. इन स्मारकों में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, इको पार्क और नोएडा का अंबेडकर पार्क था. इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था, जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई.

जांच में खुलासा

लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि खर्च की गई धनराशि का 34 प्रतिशत यानि 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपए विभागीय मंत्रियों और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए. लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी.

अधिकारियों जिनको को नामजद किया गया

1 जनवरी, 2014 को इस मामले की एफआईआर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी, जिसमें डॉ. फारुखी के साथ ही पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, उप्र राजकीय निर्माण निगम-5 के प्रबंध निदेशक सीपी सिंह, निगम-6 के अपर परियोजन प्रबंधक राकेश चंद्रा, निगम-7 के अपर परियोजन प्रबंधक एके सक्सेना, निगम-8 के इकाई प्रभारी केआर सिंह, निगम-9 के सहायक स्थानिक अभियंता राजीव गर्ग, निगम-10 के परियोजना प्रबंधक एसपी गुप्ता, निगम-11 के परियोजना प्रबंधक पीके जैन, निगम-12 के परियोजना प्रबंधक एसके अग्रवाल, निगम-13 के परियोजना प्रबंधक आरके सिंह, निगम-14 के परियोजना प्रबंधक बीडी त्रिपाठी, निगम-15 के अपर परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार, निगम-16 के अपर परियोजना प्रबंधक हीरालाल, निगम-17 के अपर परियोजना प्रबंधक एसके चैबे, निगम-18 के इकाई प्रभारी एसपी सिंह, निगम-19 के इकाई प्रभारी एसके शुक्ला और उप्र राजकीय निर्माण निगम, लखनऊ के इकाई प्रभारी मुरली मनोहर व अन्य अधिकारियों को नामजद किया गया था. फिलहाल छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट ने अरबों के स्मारक घोटाला मामले पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद फारुखी समेत 6 अभियुक्तों को समन जारी किया है. अभियुक्त डॉ. सुहेल अहमद घोटाले के दौरान खनन निदेशालय में संयुक्त निदेशक और सलाहकार हुआ करते थे. इस मामले में यूपी राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारी होशियार सिंह तरकर, अजय कुमार, सुनील कुमार त्यागी, अशोक सिंह और मना लाल यादव के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 409 व 120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) व 13 (2) में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इन अभियुक्तों को भी जरिए समन 24 फरवरी को तलब किया गया है.

इन निर्माण कार्यों में हुआ घोटाला


वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ और नोएडा में स्मारकों एवं उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों के घोटाले का मामला सामने आया है. इन स्मारकों में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, इको पार्क और नोएडा का अंबेडकर पार्क था. इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था, जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई.

जांच में खुलासा

लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि खर्च की गई धनराशि का 34 प्रतिशत यानि 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपए विभागीय मंत्रियों और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए. लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की एफआईआर दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी.

अधिकारियों जिनको को नामजद किया गया

1 जनवरी, 2014 को इस मामले की एफआईआर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी, जिसमें डॉ. फारुखी के साथ ही पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, उप्र राजकीय निर्माण निगम-5 के प्रबंध निदेशक सीपी सिंह, निगम-6 के अपर परियोजन प्रबंधक राकेश चंद्रा, निगम-7 के अपर परियोजन प्रबंधक एके सक्सेना, निगम-8 के इकाई प्रभारी केआर सिंह, निगम-9 के सहायक स्थानिक अभियंता राजीव गर्ग, निगम-10 के परियोजना प्रबंधक एसपी गुप्ता, निगम-11 के परियोजना प्रबंधक पीके जैन, निगम-12 के परियोजना प्रबंधक एसके अग्रवाल, निगम-13 के परियोजना प्रबंधक आरके सिंह, निगम-14 के परियोजना प्रबंधक बीडी त्रिपाठी, निगम-15 के अपर परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार, निगम-16 के अपर परियोजना प्रबंधक हीरालाल, निगम-17 के अपर परियोजना प्रबंधक एसके चैबे, निगम-18 के इकाई प्रभारी एसपी सिंह, निगम-19 के इकाई प्रभारी एसके शुक्ला और उप्र राजकीय निर्माण निगम, लखनऊ के इकाई प्रभारी मुरली मनोहर व अन्य अधिकारियों को नामजद किया गया था. फिलहाल छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है.

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