लखनऊः योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा एवं उनके साथी के 32 साल पुराने एक मारपीट के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने पक्षकारों की बहस सुनने के बाद आगामी 14 मार्च के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
कोर्ट के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि इस मामले में अरशद उर्फ मोहसिन रजा और अकबर हुसैन पूरी तरह से निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. जिससे कि उन्हें दोषी ठहराया जा सके. जबकि दूसरी ओर अभियोजन की ओर से कहा गया है कि न्यायालय के सामने जितने भी गवाह पेश हुए हैं, उन्होंने अभियान कथानक का समर्थन किया है. उनका मामला संदेह से परे साबित होता है. लिहाजा दोनों आरोपियों को दोषी करारा देकर दंडित किया जाए.
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पत्रावली के अनुसार मारपीट के इस मामले की रिपोर्ट वादी लल्लन ने 19 मई 1989 को आरोपी अरशद उर्फ मोहसिन रजा और अकबर हुसैन के खिलाफ थाना वजीरगंज में लिखाई गई. जिसमें कहा गया है कि वादी घटना के दिन ट्रक संख्या यूटीसी-9810 को लेकर नबीउल्लाह रोड़ से बड़े छत्ते पुल की ओर जा रहा था. इसी दौरान दोनों आरोपियों ने उसे ट्रक से खींचकर मारा पीटा. जिससे उसे काफी चोटें आई थीं. पुलिस ने विवेचना के उपरांत दोनों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है.
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