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बलरामपुर अस्पताल में खून की जांच के लिए बढ़े काउंटर, मरीजों ने किया था हंगामा - इंतजार

प्रदेश में लगातार वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में फिजीशियन लगभग सभी मरीजों को खून की जांच लिखते हैं. ऐसे में पैथोलॉजी में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण मरीजों को लंबी-लंबी लाइनें में लगना पड़ता है. बीते शनिवार को हाफ डे होने के कारण बहुत सारे बिना जांच कराए मायूस होकर वापस लौट गए थे. ऐसे में बलरामपुर अस्पताल में ब्लड जांच के लिए तीन काउंटर अतिरिक्त बनाए गए हैं.

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Published : Nov 14, 2022, 4:04 PM IST

Updated : Nov 14, 2022, 10:38 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में लगातार वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में फिजीशियन लगभग सभी मरीजों को खून की जांच लिखते हैं. ऐसे में पैथोलॉजी में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण मरीजों को लंबी-लंबी लाइनें में लगना पड़ता है. बीते शनिवार को हाफ डे होने के कारण बहुत सारे बिना जांच कराए मायूस होकर वापस लौट गए थे. ऐसे में बलरामपुर अस्पताल में ब्लड जांच के लिए तीन काउंटर अतिरिक्त बनाए गए हैं.

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता (Dr GP Gupta, CMS, Balrampur Hospital) ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में सामान्य दिनों में 500 से 600 ब्लड की जांचें होती थीं. कुछ दिनों से यह जांच 1200 से 1300 सौ तक होने लगी है. इस भीड़ को देखते हुए चिकित्सालय प्रशासन ने पैथोलॉजी ब्लड कलेक्शन काउंटर को तीन से बढ़ाकर छह कर दी है. दो काउंटर पुरुषों के लिए दो काउंटर महिलाओं के लिए एक काउंटर वृद्धजन, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार एवं विकलांगजनों के लिए एवं एक काउंटर ऑरडीसी के लिए बनाए गए हैं. इसके लिए तीन कंप्यूटर सिस्टम, तीन कम्प्यूटर टेक्नीशियन एवं तीन ब्लड कलेक्शन स्टाफ को तैनात किया गया है.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला.



डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि यहां इमरजेंसी में जितने मरीज आ रहे हैं, उन्हें प्राथमिक इलाज तुरंत दिया जा रहा है. जैसे-जैसे बेड़ खाली हो रहे हैं, वैसे-वैसे मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है. यही कोशिश है कि जो मरीज यहां पर भर्ती हो रहा है. उसे इतनी बेहतर सुविधा दी जाए. जितनी जल्दी मरीज डिस्चार्ज होंगे. उतनी जल्दी दूसरे मरीजों को भी भर्ती होने का मौका मिलेगा. ऐसे में डॉक्टर्स से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मरीज को जल्दी ठीक किया जाए.


बता दें, बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में शनिवार दोपहर खून आदि की जांचें नहीं होने से नाराज मरीजों और तीमारदारों ने हंगामा कर दिया था. शनिवार होने के नाते ओपीडी दोपहर 12 बजे तक ही थी. ऐसे में लाइन में लगे 50 से अधिक मरीजों को बिना जांच कराए ही लौटना पड़ा. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब साढ़े चार हजार मरीज आते हैं.

शनिवार को जांच काउंटर पर बड़ी संख्या में मरीज कतार में थे. तभी अस्पताल निदेशक डॉ. रमेश गोयल (Hospital Director Dr. Ramesh Goyal) दूसरे अधिकारियों के साथ ओपीडी का निरीक्षण करने पहुंचे. जांच के लिए करीब तीन घंटे से लाइन में खड़े मरीज और तीमारदार निदेशक को देख हंगामा करने लगे थे. आरोप लगाया कि दो काउंटर पर मरीज का दबाव होने से जांच के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. निदेशक ने काउंटर बढ़ाने की बात कहकर निकल गए थे, लेकिन काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने नमूने लेने बंद कर दिए. इस पर मरीज और तीमारदार दोबारा हंगामा करने लगे थे. कर्मचारियों ने किसी तरह समझा बुझाकर इन्हें शांत कराया था.

यह भी पढ़ें : उपचुनाव से दूर रहने वाले अखिलेश पत्नी के लिए करेंगे प्रचार, फैसले पर उठ रहे सवाल
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मरीजों ने बताया कि सुबह से काफी ज्यादा भीड़ है मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण काउंटर पर काफी इंतजार करना पड़ा. कुछ तीमारदारों ने बताया कि मरीज को भर्ती करने के लिए जब हम ला रहे हैं तो घंटों निकल जा रहा है, लेकिन मरीज भर्ती नहीं हो पा रहा है. जितने भी डॉक्टर हैं वह कहते हैं कि मरीजों की संख्या अधिक है, इसलिए इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं.

यह भी पढ़ें : रायबरेली की घटना को लेकर बसपा सुप्रीमो ने सरकार को घेरा, कहा, सरकार उठाए सख्त कदम

लखनऊ : प्रदेश में लगातार वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में फिजीशियन लगभग सभी मरीजों को खून की जांच लिखते हैं. ऐसे में पैथोलॉजी में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण मरीजों को लंबी-लंबी लाइनें में लगना पड़ता है. बीते शनिवार को हाफ डे होने के कारण बहुत सारे बिना जांच कराए मायूस होकर वापस लौट गए थे. ऐसे में बलरामपुर अस्पताल में ब्लड जांच के लिए तीन काउंटर अतिरिक्त बनाए गए हैं.

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता (Dr GP Gupta, CMS, Balrampur Hospital) ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में सामान्य दिनों में 500 से 600 ब्लड की जांचें होती थीं. कुछ दिनों से यह जांच 1200 से 1300 सौ तक होने लगी है. इस भीड़ को देखते हुए चिकित्सालय प्रशासन ने पैथोलॉजी ब्लड कलेक्शन काउंटर को तीन से बढ़ाकर छह कर दी है. दो काउंटर पुरुषों के लिए दो काउंटर महिलाओं के लिए एक काउंटर वृद्धजन, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार एवं विकलांगजनों के लिए एवं एक काउंटर ऑरडीसी के लिए बनाए गए हैं. इसके लिए तीन कंप्यूटर सिस्टम, तीन कम्प्यूटर टेक्नीशियन एवं तीन ब्लड कलेक्शन स्टाफ को तैनात किया गया है.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला.



डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि यहां इमरजेंसी में जितने मरीज आ रहे हैं, उन्हें प्राथमिक इलाज तुरंत दिया जा रहा है. जैसे-जैसे बेड़ खाली हो रहे हैं, वैसे-वैसे मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है. यही कोशिश है कि जो मरीज यहां पर भर्ती हो रहा है. उसे इतनी बेहतर सुविधा दी जाए. जितनी जल्दी मरीज डिस्चार्ज होंगे. उतनी जल्दी दूसरे मरीजों को भी भर्ती होने का मौका मिलेगा. ऐसे में डॉक्टर्स से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि मरीज को जल्दी ठीक किया जाए.


बता दें, बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में शनिवार दोपहर खून आदि की जांचें नहीं होने से नाराज मरीजों और तीमारदारों ने हंगामा कर दिया था. शनिवार होने के नाते ओपीडी दोपहर 12 बजे तक ही थी. ऐसे में लाइन में लगे 50 से अधिक मरीजों को बिना जांच कराए ही लौटना पड़ा. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब साढ़े चार हजार मरीज आते हैं.

शनिवार को जांच काउंटर पर बड़ी संख्या में मरीज कतार में थे. तभी अस्पताल निदेशक डॉ. रमेश गोयल (Hospital Director Dr. Ramesh Goyal) दूसरे अधिकारियों के साथ ओपीडी का निरीक्षण करने पहुंचे. जांच के लिए करीब तीन घंटे से लाइन में खड़े मरीज और तीमारदार निदेशक को देख हंगामा करने लगे थे. आरोप लगाया कि दो काउंटर पर मरीज का दबाव होने से जांच के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. निदेशक ने काउंटर बढ़ाने की बात कहकर निकल गए थे, लेकिन काउंटर पर बैठे कर्मचारियों ने नमूने लेने बंद कर दिए. इस पर मरीज और तीमारदार दोबारा हंगामा करने लगे थे. कर्मचारियों ने किसी तरह समझा बुझाकर इन्हें शांत कराया था.

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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान मरीजों ने बताया कि सुबह से काफी ज्यादा भीड़ है मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण काउंटर पर काफी इंतजार करना पड़ा. कुछ तीमारदारों ने बताया कि मरीज को भर्ती करने के लिए जब हम ला रहे हैं तो घंटों निकल जा रहा है, लेकिन मरीज भर्ती नहीं हो पा रहा है. जितने भी डॉक्टर हैं वह कहते हैं कि मरीजों की संख्या अधिक है, इसलिए इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं.

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Last Updated : Nov 14, 2022, 10:38 PM IST
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