लखनऊ : प्रदेश में योगी सरकार नहरों की सफाई के नाम पर भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसेगी. इसके लिए सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. प्रतिवर्ष नहरों की सफाई के नाम पर लाखों रुपयों की धांधली की जाती. नहरों की सफाई सिर्फ कागजी तौर पर तो होती है. वास्तव में सफाई के नाम पर धड़ल्ले से भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भष्टाचार करने वाले पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. सरकार सिंचाई विभाग के स्तर पर होने वाली नहरों की सफाई की जांच कराएगी. उसके लिए एक हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी गठित की जाएगी. कमेटी में शासन और मंडल स्तर के अधिकारी शामिल रहेंगे. वहीं, जिस क्षेत्र की नहर की सफाई का काम किया जाएगा, उसका पूरा फीडबैक देने के लिए स्थानीय लोग भी वहां मौजूद रहेंगे.
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इन स्थानीय लोगों में जनप्रतिनिधियों के साथ शिक्षक, वकील और अन्य बुद्धजीवी रहेंगे. इस तरह से यह जानने में आसानी होगी कि उनके क्षेत्र में जो नहर की सफाई संबंधित कार्य हुए वह कितने अच्छे ढंग से किए गए या उनमें कोई खामी रही. इसके फीडबैक और शासन द्वारा बनाई जाने वाली मॉनिटरिंग कमेटी रिपोर्ट के बाद ही संबंधित ठेकेदार के भुगतान की प्रक्रिया भी सुनिश्चित की जाएगी. बड़ी नहरों के साथ ही जिलों की नहरों की सफाई में यह मानीटरिंग कमेटी काम करेगी. सरकार ने इस क्षेत्र पर भी पूरी तरह पारदर्शिता लाने की योजना तैयार की है.
सिंचाई विभाग के अपर मुख्य सचिव टी. वेंकटेश ने बताया कि उच्च स्तर पर मिले निर्देश के बाद नहरों की सफाई की ठीक से जांच होगी. उसके बाद मॉनीटरिंग कमेटी बनाकर पूरा फीडबैक भी लिया जाएगा. इसके माध्यम से नहरों की सफाई की जांच कराने के बाद ही संबंधित ठेकेदार को भुगतना किया जाएगा.
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