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लखनऊ: राशन वितरण में कोटेदार का घोटाला, जानिए क्या कहकर काटता है राशन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोटेदार की मनमानी का मामला सामने आया है. कोटेदार प्रति यूनिट एक किलो राशन काट लेता है. ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार राशन लाने में किराया लगता है कहकर राशन काट लेता है.

कोटेदार का घोटाला हुआ उजागर.
कोटेदार का घोटाला हुआ उजागर.
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Published : Oct 8, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 5:41 PM IST

लखनऊ: सरकार गरीबों और बेरोजगारों को उनका पेट भरने के लिए राशन मुहैया करती है, जिससे कोई भूखा न सोये. सरकार इसके लिए परिवार में मौजूद सदस्यों के हिसाब से प्रति यूनिट 5 किलो राशन मुहैया करती है, मगर राजधानी लखनऊ के ब्लॉक माल में सप्लाई इंस्पेक्टर की मिलीभगत से कोटेदार हर एक राशन कार्ड पर 1 किलो राशन कम तौल कर दे रहा है.

मामला ग्राम पंचायत अऊमऊ का है, जहां राशन दुकानदार खुलेआम लोगों को प्रत्येक राशन कार्ड पर 1 किलो कम राशन देता है. इस ग्राम पंचायत में करीब 550 राशन कार्ड बने हुए हैं और इन सभी राशन कार्ड पर 1 किलो राशन कम देता है.

कोटेदार का घोटाला हुआ उजागर.

ईटीवी भारत की टीम ने गांव के लोगों से बात की तो हकीकत सामने आई. साथ ही गांव के आसपास के लोगों से जानकारी ली और रास्ते में मिलने वाले लोगों ने भी इस बारे में हकीकत बयां की. जब ईटीवी की टीम ग्राम पंचायत में मौजूद उस राशन की दुकान पर पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने भी राशन दुकानदार के सामने ही पूरी हकीकत बता दी.

इस बात को लेकर जब कोटेदार से पूछा गया तो कोटेदार ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि हमें राशन सप्लाई दफ्तर से ही कम राशन दिया जाता है. हमें राशन सप्लाई दफ्तर से बोरी का वजन लगाकर 50 किलो दिया जाता है, जिस वजह से हमें कम राशन देना पड़ता है. यह बात हमारे क्षेत्र के सप्लाई इंस्पेक्टर के भी जानकारी में है.

लखनऊ: सरकार गरीबों और बेरोजगारों को उनका पेट भरने के लिए राशन मुहैया करती है, जिससे कोई भूखा न सोये. सरकार इसके लिए परिवार में मौजूद सदस्यों के हिसाब से प्रति यूनिट 5 किलो राशन मुहैया करती है, मगर राजधानी लखनऊ के ब्लॉक माल में सप्लाई इंस्पेक्टर की मिलीभगत से कोटेदार हर एक राशन कार्ड पर 1 किलो राशन कम तौल कर दे रहा है.

मामला ग्राम पंचायत अऊमऊ का है, जहां राशन दुकानदार खुलेआम लोगों को प्रत्येक राशन कार्ड पर 1 किलो कम राशन देता है. इस ग्राम पंचायत में करीब 550 राशन कार्ड बने हुए हैं और इन सभी राशन कार्ड पर 1 किलो राशन कम देता है.

कोटेदार का घोटाला हुआ उजागर.

ईटीवी भारत की टीम ने गांव के लोगों से बात की तो हकीकत सामने आई. साथ ही गांव के आसपास के लोगों से जानकारी ली और रास्ते में मिलने वाले लोगों ने भी इस बारे में हकीकत बयां की. जब ईटीवी की टीम ग्राम पंचायत में मौजूद उस राशन की दुकान पर पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने भी राशन दुकानदार के सामने ही पूरी हकीकत बता दी.

इस बात को लेकर जब कोटेदार से पूछा गया तो कोटेदार ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि हमें राशन सप्लाई दफ्तर से ही कम राशन दिया जाता है. हमें राशन सप्लाई दफ्तर से बोरी का वजन लगाकर 50 किलो दिया जाता है, जिस वजह से हमें कम राशन देना पड़ता है. यह बात हमारे क्षेत्र के सप्लाई इंस्पेक्टर के भी जानकारी में है.

Last Updated : Oct 8, 2020, 5:41 PM IST
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