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लखनऊ: नगर निगम में सैनिटाइजर पैकिंग बॉटल्स खरीद में भ्रष्टाचार, जांच के आदेश - अपर नगर आयुक्त अमित कुमार

लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. नगर निगम में बाजार में अधिकतम 2-3 रुपये में बिकने वाली प्लास्टिक की बॉटल्स की खरीद ₹10 दिखाई गई है. इस मामले में महापौर ने जांच के आदेश दिए हैं.

Lucknow Municipal Corporation
लखनऊ नगर निगम, फाइल फोटो.
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Published : May 8, 2020, 10:38 AM IST

Updated : May 8, 2020, 10:52 AM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी जैसी परिस्थितियों में भी लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. नगर निगम के अफसरों के संरक्षण में एक और नया कारनामा सामने आया है. लखनऊ हॉटस्पॉट एरिया में लोगों को सैनिटाइजर बंटवाने के लिए पैकिंग बॉटल्स की खरीद हुई. इन बॉटल्स की खरीद में गड़बड़ी पाई गई. मामला उजागर हुआ तो नगर आयुक्त सफाई दे रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने पत्र लिखकर जांच की मांग की है.

mayors letter
महापौर संयुक्ता भाटिया का पत्र.

मामला सामने आने के बाद लखनऊ नगर निगम में हड़कंप मच गया. नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी बचाव कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार उजागर न होने पाए. नगर निगम में महामारी के दौरान भी अफसरों के संरक्षण में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है. हॉटस्पॉट इलाकों में सैनिटाइजर बांटने के लिए प्लास्टिक बॉटल्स की खरीद में भ्रष्टाचार का खेल सामने आया है. बाजार में अधिकतम 2-3 रुपये में बिकने वाली प्लास्टिक की बॉटल्स की खरीद ₹10 दिखाई गई. यही नहीं ₹10 की खरीद दिखाकर 10,000 बॉटल्स के भुगतान की फाइल भी तैयार कर दी गई और अप्रूवल के लिए अपर नगर आयुक्त अमित कुमार के पास भेजी गई.

अपर नगर आयुक्त को 50 एमएल की प्लास्टिक बॉटल की कीमत ₹10 महंगी लगी तो उन्होंने जांच बैठा दी, लेकिन नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी भ्रष्टाचार की बात को नकारते रहे और यह सफाई देते रहे की सभी बॉटल्स एक संस्था ने डोनेट की हैं. इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. जब उनसे ये पूछा गया कि अप्रूवल के लिए आई फाइल किस चीज की है तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.

महापौर ने जांच के दिए आदेश
इसके बाद खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त को इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संकट के समय इस प्रकार से घपला किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. दोषियों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाए. यह किसी कीमत पर बर्दाश्त करने की बात नहीं है.

लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी जैसी परिस्थितियों में भी लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों के संरक्षण में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. नगर निगम के अफसरों के संरक्षण में एक और नया कारनामा सामने आया है. लखनऊ हॉटस्पॉट एरिया में लोगों को सैनिटाइजर बंटवाने के लिए पैकिंग बॉटल्स की खरीद हुई. इन बॉटल्स की खरीद में गड़बड़ी पाई गई. मामला उजागर हुआ तो नगर आयुक्त सफाई दे रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने पत्र लिखकर जांच की मांग की है.

mayors letter
महापौर संयुक्ता भाटिया का पत्र.

मामला सामने आने के बाद लखनऊ नगर निगम में हड़कंप मच गया. नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी बचाव कर रहे हैं कि भ्रष्टाचार उजागर न होने पाए. नगर निगम में महामारी के दौरान भी अफसरों के संरक्षण में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा है. हॉटस्पॉट इलाकों में सैनिटाइजर बांटने के लिए प्लास्टिक बॉटल्स की खरीद में भ्रष्टाचार का खेल सामने आया है. बाजार में अधिकतम 2-3 रुपये में बिकने वाली प्लास्टिक की बॉटल्स की खरीद ₹10 दिखाई गई. यही नहीं ₹10 की खरीद दिखाकर 10,000 बॉटल्स के भुगतान की फाइल भी तैयार कर दी गई और अप्रूवल के लिए अपर नगर आयुक्त अमित कुमार के पास भेजी गई.

अपर नगर आयुक्त को 50 एमएल की प्लास्टिक बॉटल की कीमत ₹10 महंगी लगी तो उन्होंने जांच बैठा दी, लेकिन नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी भ्रष्टाचार की बात को नकारते रहे और यह सफाई देते रहे की सभी बॉटल्स एक संस्था ने डोनेट की हैं. इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. जब उनसे ये पूछा गया कि अप्रूवल के लिए आई फाइल किस चीज की है तो उनके पास कोई जवाब नहीं था.

महापौर ने जांच के दिए आदेश
इसके बाद खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर आयुक्त को इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संकट के समय इस प्रकार से घपला किया जा रहा है, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. दोषियों के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाए. यह किसी कीमत पर बर्दाश्त करने की बात नहीं है.

Last Updated : May 8, 2020, 10:52 AM IST
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