लखनऊ : शहर में कोरोना के चलते कोहराम की स्थिति है. हर रोज हजारों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. वहीं, कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के लिए ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया है. लिक्विड टैंक आपूर्ति बेपटरी होने से कई बॉटलिंग प्लान्टों में रिफिलिंग का काम प्रभावित है. ऐसे में अस्पतालों और होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की ऑक्सीजन के अभाव में सांसें फूल रहीं हैं.
शहर में कोरोना के 52,376 सक्रिय केस
शहर में 52,376 कोरोना के सक्रिय केस हैं. इनमें आठ हजार लोग गंभीर हैं. वहीं, छह हजार मरीज विभिन्न रोगों की वजह से हाई रिस्क में हैं. इनकी वजह से शहर में हर रोज करीब सात हजार ऑक्सीजन सिलिंडर की खपत है.
पिछले 24 घंटों में ऑक्सीजन प्लांटों व बॉटलिंग प्लांटों में 4500 सिलिंडर की ही रिफिलिंग हो पायी है. समय पर ऑक्सीजन टैंक का न पहुंचना, इसका बड़ा कारण बताया जा रहा है.
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पांच निजी अस्पतालों में छाया ऑक्सीजन का संकट
मंगलवार रात शहर के पांच निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट छा गया. मरीजों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट करना पड़ा. वहीं, होमआईसोलेशन के कई मरीजों की सांसें उखड़ रहीं हैं. वहीं, ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है.
ऑक्सीजन के रेट फिक्स, वसूली का निकाला तोड़
सरकार ने ऑक्सीजन के रेट तय कर रखे हैं. इसमें जम्बो सिलेंडर (13 किलो) की कीमत 1575 रुपये है. वहीं, बी टाइप सिलेंडर (5किलो) की कीमत 80 रुपये है. जीएसटी अलग है. मगर, जम्बो सिलेंडर जहां 30-40 हजार रुपये तक का शहर में बिक रहा है, वहीं बी टाइप सिलेंडर 10-15 हजार में बेचा जा रहा है. इसमें व्यवसायी ऑक्सीजन के बजाए हैंडलिंग, ट्रांसपोर्टेशन, खाली सिलेंडर के मनमाने दाम लगाकर वसूली कर रहे हैं.
शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था
- ऑक्सीजन प्लांट-2
- बॉटलिंग प्लांट-5
- रिफिलिंग क्षमता-6600 सिलेंडर
- उत्पादन क्षमता-4500 सिलेंडर
- रोजाना डिमांड-7000 सिलेंडर
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कहां से आती है ऑक्सीजन
जमशेदपुर, राउरकेला,मोदीनगर, मुरादाबाद
क्या कहते हैं अधिकारी
ऑक्सीजन के सिलिंडर का मनमाना दाम कोई नहीं वसूल सकता. उसके रेट सरकार की ओर से फिक्स हैं. खाली सिलिंडर की कीमत कितनी ले रहे हैं, यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं.
- बृजेश कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर